[नरेंद्र सिंह तोमर]। National Panchayati Raj Day 2020: महात्मा गांधी का कहना था कि गांवों के विकास की योजनाएं उपलब्ध संसाधनों के जरिये लोगों की जरूरतों और प्राथमिकताओं के अनुरूप होनी चाहिए और इसमें उचित, समावेशी, पारदर्शी और सहभागितापूर्ण प्रक्रिया के आधार पर स्थानीय संसाधनों का उपयोग किया जाना चाहिए। यह सब अंत्योदय के सिद्धांत पर आधारित स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप होना आवश्यक है। बापू के ग्राम स्वराज की इसी परिकल्पना को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पिछले लगभग छह वर्षो के दौरान उल्लेखनीय कार्य और प्रयास किए हैं।

ग्रामोदय के संकल्प के साथ स्थानीय स्तर पर आवश्यकताओं के अनुरूप गांवों के विकास की योजनाएं बनाने और उन्हें कार्यान्वित करने के लिए पंचायती राज मंत्रलय ने 2015 में ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) की शुरुआत की। 14वें वित्त आयोग ने पांच वर्ष के लिए गांवों के विकास की अनुदान राशि 13वें वित्त आयोग की तुलना में लगभग तीन गुनी बढ़ाने की सिफारिश की थी। मंत्रलय ने सभी ग्राम पंचायतों को ग्राम पंचायत विकास योजना तैयार करने का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया। इसके तहत 14वें वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग, मनरेगा और एनआरएलएम की निधियों का विकास कार्यो में उपयोग सुनिश्चित किया गया।

गांव के लोग स्थानीय विकास के लिए लीक से हट कर सोच रहे हैं और वर्षो से चली आ रही समस्याओं के समाधान के लिए प्रभावी योजनाएं तैयार कर रहे हैं। ग्राम सभाएं योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट, लाभार्थियों की सूची और हर वर्ष किए जा रहे कार्यो की रिपोर्ट भी प्रस्तुत कर रही हैं। ग्राम पंचायतों में गरीबी उन्मूलन, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, खाद्य सुरक्षा, आवास, रोजगार, पोषण, स्वच्छ पेयजल, सड़क निर्माण, बिजली और कचरा प्रबंधन जैसे विभिन्न मामलों में असरदार तरीके से काम हो रहा है।

सरकार ने 24 अप्रैल, 2018 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर पुनर्गठित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान की शुरुआत की। मिशन अंत्योदय के साथ देश के 117 आकांक्षी जिलों में पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत करने पर बल देते हुए सतत विकास लक्ष्य हासिल करना इस योजना का प्रमुख उद्देश्य है। पंचायत प्रतिनिधियों और कर्मचारियों के प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण, ग्राम पंचायतों को तकनीकी एवं प्रशासनिक सहयोग और ग्राम पंचायतों में बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

पंचायती राज मंत्रलय ने ड्रोन आधारित नवीनतम सर्वेक्षण तकनीक के जरिये देश के लगभग 6.62 लाख गांवों के लिए स्वामित्व नामक केंद्रीय योजना शुरू करने का निर्णय लिया है। इसे ग्रामीण क्षेत्रों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक बड़ी सौगात और ऐतिहासिक पहल कही जा सकती है। वास्तव में भूमि अभिलेख कुशल और प्रभावी भूमि प्रशासन के आधार हैं, लेकिन ग्रामीण आबादी क्षेत्रों की संपत्तियों का आमतौर पर वैध रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हैं। इसीलिए ग्रामीण क्षेत्रों में घरों जैसी संपत्ति के मालिक ऋण और अन्य वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए उसका उपयोग गारंटी के तौर पर नहीं कर पाते। विकास की गतिविधियों एवं परिवर्तनों से ग्रामीण संपत्तियों, नक्शा और रिकॉर्ड तैयार करने की जरूरत है। तभी यह योजना लोगों के लिए वरदान साबित होगी।

पंचायती राज संस्थाओं में ई-गवर्नेस को मजबूत करने के लिए पंचायती राज मंत्रलय ने ई-ग्राम स्वराज पोर्टल लांच कर पंचायतों के कामकाज को और पारदर्शी बनाया है। पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है। पंचायतों में कराए गए 6.14 लाख विकास कार्यो की जियो टै¨गग की गई है। पंचायतों में कराए गए कार्यो का भुगतान हो अथवा अन्य किसी तरह के लेनदेन को डिजिटल कर दिया गया है। पंचायती राज संस्थाओं में महिला प्रतिनिधियों की भागीदारी 45 फीसद तक पहुंच गई है।

कोरोना की वैश्विक महामारी की इस चुनौती से पंचायत स्तर के प्रतिनिधि और आशा कार्यकर्ता पहली पंक्ति के कोरोना योद्धा के रूप में जूझ रहे हैं। स्वास्थ्य कर्मियों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर अपने मोर्चे पर खड़े हैं। बापू के स्वराज की संकल्पना को लागू करने और अपनी प्रगति की समीक्षा के लिए पंचायती राज दिवस सबसे उपयुक्त है। यह दिवस आत्म चिंतन और मूल्यांकन करने का अवसर प्रदान करता है। इसी भावना के साथ हम सभी 135 करोड़ देशवासियों के सपनों को साकार करने में जुट जाना चाहिए।

[केंद्रीय पंचायती राज, ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री]