पानीपत, सतीश चंद्र श्रीवास्तव। Haryana Budget 2020: मुख्यमंत्री (सीएम) मनोहर लाल ने दूसरे कार्यकाल में वित्त मंत्री (एफएम) के रूप में अपना पहला बजट शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधारों पर केंद्रित किया है। बीते शुक्रवार सीएम का अर्थ कॉमन मैन (आम आदमी) बताते हुए मुख्यमंत्री ने हरियाणा की कार्य संस्कृति में बदलाव के संकेत दिए हैं। नौकरशाहों और सलाहकारों के घेरेबंदी से बाहर निकलते हुए दृढ़ निश्चयी नेता के रूप में कदम बढ़ाया है। यही वजह है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की तरफ से एफएम को फेल मैन कहे जाने को किसी ने ज्यादा भाव नहीं दिया। हुड्डा सिर्फ बयानबाजी तक सिमट गए।

आम आदमी की आवाज को बजट में स्थान देने का मुख्यमंत्री का अभिनव एवं दृढ़ प्रयास आनेवाले वर्षों में अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय हो सकता है। राज्यव्यापी योजनाओं की कमियों तक पहुंचकर सुधार करने तथा नई योजनाओं को तैयार करने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बैठकें कर बजट पूर्व सुझाव लिए थे। उन सुझावों को इस बजट का हिस्सा बनाया है। बजट भाषण में मनोहर लाल ने साफ शब्दों में बताया कि अफसरों और सलाहकारों ने विपक्ष के विधायकों के साथ बैठक करने और उनसे सलाह लेने से रोकने की भरसक कोशिश की। विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले संगठनों से सलाह लेने के उनके सुझाव को भी शुरुआती दौर में नौकरशाही नहीं पचा पा रही थी। इसके बाद भी दृढ़संकल्प के साथ मनोहर लाल ने 150 से अधिक संगठनों और संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें कीं। बजट तैयार करने में सबसे महत्वपूर्ण विधायकों से प्राप्त 620 सुझाव रहे।

मनोहर लाल ने सदन को बताया कि विभिन्न स्तरों पर आयोजित बैठकों और लिखित सुझावों में से 70 फीसद को बजट का हिस्सा बनाया गया है। इसे ही हरियाणा बजट तैयार करने की प्रक्रिया में ताकत के रूप में देखा जा सकता है। शिक्षा के बजट में 28 फीसद वृद्धि सुझावों के परिणाम के रूप में सामने आई। उम्मीद की जानी चाहिए कि अंग्रेजी माध्यम के 1,000 प्राथमिक स्कूल, तीन से पांच वर्ष के बच्चों के लिए 4,000 प्ले वे स्कूल और 24 आदर्श आइटीआइ की परिकल्पना को पंख लगेंगे। इसी तरह आठवीं कक्षा के लिए फिर से बोर्ड परीक्षा की व्यवस्था गुणवत्ता सुधार में कारगर साबित होगी।

खिलाड़ी खेल मंत्री के फायदे : खेल राज्य मंत्री के रूप में ओलंपियन संदीप सिंह ने टेंडरों के खेल पर लगाम लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बजट सत्र के दौरान पूर्व अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी ने साफ कर दिया कि खिलाड़ी ही उनकी प्राथमिकता हैं। खेल विभाग के ढांचागत सुविधाओं के विकास के नाम पर ठेकेदारों की जेब भरने की जगह खिलाड़ियों पर खर्च होंगे। यही कारण है कि चार हजार से अधिक खिलाड़ियों का खुराक भत्ता प्रतिदिन 150 रुपये से बढ़ाकर 250 रुपये कर दिया गया है। यह आम धारणा बन चुकी है कि नेताओं, नौकरशाहों और ठेकेदारों की साठगांठ से कई बार अनावश्यक निर्माण कार्य कराए जाते हैं। खिलाड़ियों को खेल सुविधाएं नहीं मिल पातीं। सही तरीके से भोजन तक नहीं मिलता। समय से खेल उपकरणों की खरीद नहीं होती। सदन में विधायकों ने ढांचागत सुविधाओं के लिए फंड उपलब्ध कराने पर ही जोर डाला, परंतु खेल मंत्री ने साफ कर दिया कि उन्हें पता है कि खिलाड़ियों को किन चीजों की जरूरत सबसे ज्यादा है। खिलाड़ियों के प्रशिक्षण और खुराक पर खर्च किए जाएंगे, ताकि राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हरियाणा के खिलाड़ी धमाल मचा सकें।

कर्ण की सगाई में नहीं पहुंचे भाई : चौटाला परिवार में बधाई की एक और पृष्ठभूमि तैयार हो गई है। इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला के राजनीतिक वारिस अजय चौटाला के पुत्र कर्ण चौटाला की रविवार को सगाई हो गई। राजस्थान के मूल निवासी दिल्ली के बिजनेसमैन जसविंदर संधू की लंदन में पढ़ी बेटी ऐश्वर्या संधू अब चौटाला परिवार की बहू होंगी। आयोजन में आशीर्वाद देने पहुंचने वालों में मुख्यमंत्री मनोहर लाल और बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला भी शामिल रहे, पर लोग अभय चौटाला के बड़े भाई डॉ. अजय चौटाला और प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को ढूंढते रहे। कोई भी यह स्पष्ट करने की स्थिति में नहीं था कि उन्हें आयोजन में बुलाया नहीं गया या वे खुद आए ही नहीं। निगाहें पूछती रहीं, राजनीतिक लड़ाई कहां तक बढ़ गई है कि कर्ण की सगाई में भाई भी नहीं पहुंचे।

[समाचार संपादक, पानीपत]