अमिताभ कांत। कोविड महामारी की दूसरी लहर अपने साथ निराशा लेकर आई। शुक्र है कि लॉकडाउन और टीकाकरण से संक्रमण के मामले कम हो रहे हैं। हालांकि इस अंधेरे के बीच हमारी अर्थव्यवस्था में कुछ रोशनी दिखाई दी है। नई स्टार्टअप कंपनियों (यूनिकॉर्न) के साथ देश में उद्यमिता का उदय हो रहा है। बैंकिंग टेक स्टार्ट-अप जीटा भारत में नवीनतम यूनिकॉर्न बन गया है, जिससे केवल चार माह में 2020 की टैली 13 यूनिकॉर्न तक पहुंच गई है। भारतीय यूनिकॉर्न पर मार्च 2021 में जारी की गई क्रेडिट सुइस रिपोर्ट ने स्पष्ट किया कि वित्त पोषण और कारोबारी माहौल में बदलाव के कारण भारत में 240 अरब अमेरिकी डॉलर के संयुक्त बाजार पूंजीकरण के साथ 100 यूनिकॉर्न अस्तित्व में आए हैं।

आज भारत में विश्व स्तर पर यूनिकॉर्न की तीसरी सबसे बड़ी संख्या है। यह देश द्वारा अभूतपूर्व गति से प्रौद्योगिकी को अपनाने से संभव हुआ है। आधार पहचान प्रणाली के माध्यम से भारत ने आज डिजिटल पहचान को बदल दिया है। आधार, बैंक खातों और मोबाइल फोन को एक साथ जोड़कर हमने वित्तीय समावेशन का और विस्तार किया है तथा सिस्टम लीकेज को कम किया है। प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण यानी डीबीटी सरकारी धन के वितरण का जरिया बन गया है। यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) प्लेटफॉर्म ने डिजिटल बैंकिंग को सुलभ बना दिया है। इसी तरह जलवायु परिवर्तन के लिए हमारी प्रतिबद्धता ने नवीकरण ऊर्जा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हासिल की है। भारत ने 1.99 रुपये प्रति किलोवाट की रिकॉर्ड कम कीमत हासिल की है। इस प्रकार कम लागत के स्मार्टफोन पर समृद्ध डाटा से फिनटेक, एडुटेक, लॉजिस्टिक्स और अक्षय ऊर्जा क्रांति को बढ़ावा मिला है।

वर्तमान में यूनिकॉर्न स्पेस में हेल्थकेयर, फार्मास्युटिकल और बायोटेक कंपनियां तेजी से उभरी हैं। पिछले साल राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन और टेलीमेडिसिन दिशानिर्देश भी लाभकारी साबित हुए थे। भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के कोवैक्सिन और कोविशील्ड टीके भारत में जाने-पहचाने नाम बन गए हैं। हेटेरो लैब्स ने प्रमुख जेनेरिक दवा कंपनी और दुनिया में एंटी-रेट्रोवायरल दवाओं के सबसे बड़े उत्पादक के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त की है। फार्मईजी ऑनलाइन हेल्थकेयर एग्रीगेटर के रूप में काम कर रहा है, जो स्वास्थ्य देखभाल की सुलभता, उपलब्धता और सामथ्र्य को बढ़ावा देते हुए दवाओं का वितरण करता है। यह हर महीने 20 लाख से अधिक परिवारों को सेवा प्रदान कर रहा है। वहीं फिन-टेक और सॉफ्टवेयर-एज-ए-र्सिवस (सास) ने 0.68 डॉलर प्रति गीगाबाइट की रिकॉर्ड कम डाटा कीमतों के साथ शुरुआत की है। यह डाटा की वैश्विक औसत लागत 4.21 डॉलर से काफी कम है।

आज आसान डाटा प्रबंधन, सुरक्षा और उपयोग का मूल्य असाधारण तरीके से बढ़ गया है। ड्रुवा एंटरप्राइज डाटा के प्रबंधन के लिए डाटा सुरक्षा समाधान प्रदान करता है। इसका दावा है कि 4000 से अधिक कंपनियां इसकी ग्राहक हैं। इनके अलावा हाईरेडियस आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस संचालित स्वायत्त प्रणालियों की मदद से खातों में लेन-देन की प्रक्रियाओं को स्वचालित करने का काम कर रहा है। इसका प्रयोग 200 से अधिक वैश्विक कंपनियों और मध्यम आकार के उद्यमों द्वारा किया जा रहा है। इनोवैकर भी स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम कर रहा है। अमेरिका और भारत से बाहर काम करते हुए इसने लाखों रोगियों और 50 स्वास्थ्य देखभाल संगठनों को अपने साथ जोड़ा है। ईकॉम एक्सप्रेस ई-कॉमर्स उद्योग के लिए एंड-टू-एंड प्रौद्योगिकी सर्मिथत लॉजिस्टिक्स समाधान प्रदाता है। इसने 2932 सेवा केंद्रों का संचालन करते हुए जीपीएस के माध्यम से वाहनों के संचालन को डिजिटाइज किया है। उड़ान ने एक नेटवर्क केंद्रित बी2बी ट्रेड प्लेटफॉर्म विकसित किया है, जिसे छोटे और मध्यम व्यवसायों के लिए डिजाइन किया गया है। यह पांच लाख से अधिक उत्पादों के साथ 900 शहरों में 30 लाख खुदरा विक्रेताओं, 25000 थोक विक्रेताओं को सेवा प्रदान कर रहा है।

पेरिस समझौते में हमारे निर्धारित योगदान का महत्वाकांक्षी रुख, अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की स्थापना, 2030 तक 450 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा का दूरदर्शी लक्ष्य और हाल में उन्नत केमिस्ट्री सेल बैटरी भंडारण एवं उच्च दक्षता वाले सोलर पीवी मॉड्यूल पर केंद्रित पीएलआइ योजनाओं ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया है। आज ग्रीनको जीवाश्म ईंधन को एकीकृत डीकार्बोनाइज्ड ऊर्जा और ग्रिड परिसंपत्तियों से प्रतिस्थापित कर रहा है, जिससे सस्ती और टिकाऊ ऊर्जा उपलब्ध हो रही है। मित्रा एनर्जी भारत के लिए पवन और सौर ऊर्जा बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इसने नौ राज्यों में 17 विंड फार्मों और 21 ग्राउंड मॉनीटर्ड सोलर फार्मों में 1800 मेगावाट की संचालन संपत्तियों का निर्माण किया है। रीन्यू पावर भारत के आठ राज्यों में फैले लगभग 10 गीगावाट वाली 100 से अधिक पवन और सौर ऊर्जा परियोजनाओं का संचालन कर रहा है।

जाहिर है कि उद्यमियों द्वारा विकसित किए जा रहे विकास के ये उभरते क्षेत्र र्आिथक विकास, जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि करने और जीवन को आसान बनाने के लिए अनुकरणीय उत्प्रेरक बनने के लिए तैयार हैं। नि:संदेह यह कठिन समय है, फिर भी इन यूनिकॉर्न की रोशनी से आशा की झलक मिल रही है। आगे हमें विकास के उभरते क्षेत्रों-जीनोमिक्स, क्लीन एंड कनेक्टेड मोबिलिटी, ग्रीन हाइड्रोजन, एडवांस सेल केमिस्ट्री में कदम रखने का प्रयास करना चाहिए। ये सभी बड़े अवसर के क्षेत्र हैं। हमें लंबी छलांग लगाने के लिए प्रौद्योगिकी का प्रयोग करना चाहिए। मौजूदा महामारी हमें उन्हें अपनाने में तेजी लाने के अनूठे अवसर प्रदान करती है।

(लेखक नीति आयोग के सीईओ हैं)