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ऐक्टिंग को जीता हूं

दिल्ली के रहने वाले आकाश आहूजा की बचपन से ही ऐक्टिंग में रुचि थी। स्कूली दिनों से थिएटर में सक्रिय रह कर अपनी ऐक्टिंग स्किल को पॉलिश कर उन्होंने मुंबई की राह पकड़ी। कई ऐड कैंपेंस का हिस्सा बनने के बाद वे टेलीविज़न धारावाहिकों 'ओह गुजरिया', 'कुबूल है', 'सावधान इंडिया' और 'क्राइम पैट्रोल' में भी नज़र आए थे।फिलहाल वे धारावाहिक 'टीवी के उस पार' में अहम किरदार निभा रहे हैं। उनसे हुई एक मुलाकात।

By Pratibha Kumari Edited By: Published: Thu, 05 Jan 2017 05:52 PM (IST)Updated: Thu, 12 Jan 2017 01:24 PM (IST)
ऐक्टिंग  को जीता हूं

दिल्ली के रहने वाले आकाश आहूजा की बचपन से ही ऐक्टिंग में रुचि थी। स्कूली दिनों से थिएटर में सक्रिय रह कर अपनी ऐक्टिंग स्किल को पॉलिश कर उन्होंने मुंबई की राह पकड़ी। कई ऐड कैंपेंस का हिस्सा बनने के बाद वे टेलीविज़न धारावाहिकों 'ओह गुजरिया', 'कुबूल है', 'सावधान इंडिया' और 'क्राइम पैट्रोल' में भी नज़र आए थे।फिलहाल वे धारावाहिक 'टीवी के उस पार' में अहम किरदार निभा रहे हैं। उनसे हुई एक मुलाकात।

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- मुंबई में क्या मिस करते हैं?
मैं अपनी फैमिली से बहुत अटैच्ड हूं। दिल्ली मेरे दिल के करीब है। मैं अपने घर, दोस्तों और घर के खाने को बहुत मिस करता हूं।
-आपका ड्रीम रोल?
हर ऐक्टर की तरह मैं भी यादगार भूमिकाएं निभाना चाहता हूं। मैं 'साइलेंस ऑफ द लैंब्स' के साइको मर्डरर को प्ले करना चाहता हूं।
-किसके साथ काम करने की तमन्ना है?
मैं हर किसी के साथ काम करना चाहता हूं, खास कर नवाज़ुद्दीन जी और पंकज कपूर के साथ। मेरे आइडल शाहरुख खान हैं। मैं उनकी पर्सनैलिटी से बहुत प्रभावित हूं।
-ऐक्टर न होते तो क्या होते?
यह तो मुझे खुद भी नहीं पता। मैं कभी क्रिकेटर बनने का इच्छुक भी था। मैंने फाइनेंस में एमबीए किया था पर जॉब के बारे में कभी नहीं सोचा।
-वेब सीरीज़ 'शादी बॉयज़' में काम करने का अनुभव कैसा रहा?
बहुत एग्ज़ॉस्टिंग एक्सपीरियंस था। वेब में 10 मिनट पहले सीन दिया जाता है, जिसे ऐक्ट करना बहुत स्ट्रेसफुल हो जाता है। टीवी पर तो एक सीन को कई लोग समझाते हैं पर वेब में ऐसा नहीं होता।
-कोई न्यू ईयर रिज़ॉल्यूशन?
मैं अपने न्यू ईयर रिज़ॉल्यूशंस पूरे तो नहीं कर पाता, फिर भी इस बार से सुबह 5 बजे जगने की कोशिश करूंगा।
-आपका फिटनेस एंड डाइट प्लैन?
बिलकुल फिक्स नहीं है क्योंकि मैं कोई डाइट प्लैन फॉलो नहीं कर पाता। वर्कआउट के कई ऑप्शंस ज़रूर होते हैं मेरे पास। शाम के बाद मीठा नहीं खाता हूं।
-अपने 'मी टाइम' में क्या करते हैं?
मूड पर डिपेंड करता है। कभी पेंटिंग करता हूं तो कभी गिटार प्ले करता हूं, कभी सिर्फ सोता रहता हूं तो कभी मूवीज़ देखता हूं।

दीपाली पोरवाल


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