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अब एक मिस कॉल पर डीसीपीसीआर करेगा स्वास्थ्य एवं पोषण से संबंधित शिकायतों का निवारण

दिल्ली सचिवालय में हेल्पलाइन का शुभारंभ करते हुए दिल्ली सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि गर्भवती महिलाओं के लिए कई योजनाएं चल रही हैं।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 11:16 PM (IST)Updated: Tue, 15 Sep 2020 11:16 PM (IST)
अब एक मिस कॉल पर डीसीपीसीआर करेगा स्वास्थ्य एवं पोषण से संबंधित शिकायतों का निवारण
अब एक मिस कॉल पर डीसीपीसीआर करेगा स्वास्थ्य एवं पोषण से संबंधित शिकायतों का निवारण

नई दिल्ली, रीतिका मिश्रा। गर्भवती महिलाओं को अगर सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा हो या टीकाकरण, राशन से संबंधित या कोई समस्या हो या छात्रों को सही पोषण न मिल रहा हो वो अब एक मिस कॉल से अपनी सभी समस्याओं का निवारण पा सकेंगे। दरअसल, दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) ने स्वास्थ्य एवं पोषण साथी हेल्पलाइन की शुरुआत की है। जिसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित कराना है कि छह वर्ष से कम आयु के सभी बच्चों को पोषणयुक्त आहार मिले, नियमित टीकाकरण हो, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के तहत सभी गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं के खाते में सीधे पांच हजार रूपये पहुंचे।

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दिल्ली सचिवालय में हेल्पलाइन का शुभारंभ करते हुए दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि सरकार ने गर्भवती महिलाओं के लिए और छह वर्ष तक की आयु वाले बच्चों के कल्याण के लिए कई योजनाएं चलाई हुई हैं, लेकिन वास्तविक चुनौती सही समय पर इन योजनाओं का लाभ लाभार्थियों तक पहुंचाने की है। अगर हम इन बाधाओं को पार करके वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचने में सफल हो जाएं तो समाज की असंख्य महिलाओं और बच्चों के जीवन को हमेशा के लिए रोगमुक्त करके स्वस्थ बनाया जा सकता है।

उन्होंने दिल्ली में महिलाओं और बच्चों में व्याप्त कुपोषण को घटाने और वर्ष 2022 तक कुपोषण की मौजूदा दर को आधे से भी कम करने के लक्ष्य को तय करने की बात कही। वहीं, डीसीपीसीआर के अध्यक्ष अनुराग कुंडू ने शिक्षा प्रणाली में स्कूल स्तर पर आने वाली समस्याएं पर अफसोस जताते हुए कहा कि बच्चों के सीखने-समझने की धीमी गति और बीच में पढ़ाई छोड़ने का असली कारण बच्चों का आरंभिक वर्षों में मस्तिष्क का विकास, पोषणकारी आहार और सुखद अनुभवों से जुड़ा हुआ है। 

हेल्पलाइन के उद्घाटन के बाद "शिशु जीवन के पहले दो हजार दिनों’ विषय पर एक परिचर्चा भी हुई। जिसमें विभिन्न अल्पकालिक और दीर्घकालिक लक्ष्यों की पहचान करते हुए आंगनवाड़ियों के लिए एक सशक्त निगरानी तंत्र विकसित करने और पंजीकृत लाभार्थियों के साथ प्रभावी रूप से संबंध स्थापित करने की आवश्यकता बताई गई। इस परिचर्चा में दिल्ली सरकार की महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक रश्मि सिंह, परिवार कल्याण विभाग की निदेशक मोनिका राणा, आयोग के अध्यक्ष अनुराग कुंडू, त्रिलोकपुरी की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सुनीता कंबोज और इंडस एक्शन के संस्थापक तरुण चेरुकुरी ने चर्चा में भाग लिया।

हेल्पलाइन पर शिकायत या समधान के लिए 011-41193903 नंबर पर एक मिस कॉल देनी होगी। उस मिस काल के बाद सलाहकार (काउंसलर) फोन करने वाले के नंबर पर दोबारा फोन करके उसके और घर के विवरण को सत्यापित करने के उपरांत समस्या का समाधान के विषय में जानकारी देगा। यह हेल्पलाइन नंबर पर एक बार मिस कॉल आने के दो दिनों के भीतर दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम फोन करने वाले व्यक्ति से संपर्क करके शिकायत को दर्ज करने के बाद उसको सुलझाएंगी।

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