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जब आजिज आकर जज साहब बोले, 'कानून काे मजाक बनाकर रख दिया है '

चाणक्यपुरी में एक नामी ज्वेलर से धोखाधड़ी के मामले में जमानत पर आरोपी के बार-बार फरार होने से अदालत भी परेशान हो गई है। अदालत ने मामले में तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि आरोपी ने कानून का मजाक बनाकर रख दिया है।

By JP YadavEdited By: Published: Sun, 06 Sep 2015 09:27 AM (IST)Updated: Sun, 06 Sep 2015 10:07 AM (IST)
जब आजिज आकर जज साहब बोले, 'कानून काे मजाक बनाकर रख दिया है '

नई दिल्ली [संदीप गुप्ता]। चाणक्यपुरी में एक नामी ज्वेलर से धोखाधड़ी के मामले में जमानत पर आरोपी के बार-बार फरार होने से अदालत भी परेशान हो गई है। अदालत ने मामले में तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि आरोपी ने कानून का मजाक बनाकर रख दिया है।

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उसे' इंसाफ तो मिला मगर उम्र बीतने के बाद

चार साल पहले मामले में चार्जशीट दायर होने के बावजूद अब तक उस पर आरोप भी तय नहीं हो सके हैं। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गोमती मनोचा के आदेश पर चाणक्यपुरी थाना पुलिस ने फरार आरोपी विशाल सेहरा पर मुकदमा दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है।

आरोपी विशाल ने वर्ष 2011 में चाणक्यपुरी में एक नामी ज्वेलर के समक्ष आभूषण खरीदने का प्रस्ताव रखा। चेक के माध्यम से राशि देने के नाम पर वह 1.29 लाख रुपये की ठगी कर फरार हो गया। विशाल सेहरा पर आपराधिक षड्यंत्र व धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।

इसी बीच आरोपी अदालत पहुंच गया और 43 हजार रुपये की तीन किश्तों में पीड़ित को उसकी रकम लौटाने का लिखित वादा करते हुए अंतरिम जमानत प्राप्त कर ली। 20-20 हजार के दो जमानती व 40 हजार के निजी मुचलके पर उसे जमानत दे दी गई।

तय समय में रुपये न लौटाने पर अंतरिम जमानत रद कर दी गई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि बाद में उसे फिर जमानत मिल गई। जेल से बाहर आते ही उसने फिर अदालत में आना बंद कर दिया। इतना ही नहीं उसने अदालत को बिना बताए घर बदल लिया।

25 मई 2012 को उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया गया। उसके जमानती ने भी नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया। 21 अगस्त 2012 को पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। हालांकि दो माह जेल में काटने के बाद सितंबर में उसकी एक जमानती रही अनीता ने एक बार फिर अदालत में जमानत की अर्जी लगाई।

25 हजार बतौर सेटलमेंट राशि व 20 हजार के दो जमानती पर उसे फिर बेल मिल गई। करीब एक साल तक तारीख पर आने के बाद दिसंबर 2013 में उसने फिर तारीखों पर आना बंद कर दिया। अदालत ने उसे चेतावनी दी तो वह एक तारीख पर आया। इसके बाद वह आज तक अदालत के समक्ष पेश नहीं हुआ।

हर तारीख पर लगती याचिका

हर तारीख पर विशाल का वकील अदालत में आता और गैर जमानती वारंट को खारिज करने की याचिका लगाता। बार-बार याचिका लगाने पर अदालत ने उस पर पांच हजार का जुर्माना भी लगाया। जांच में पता चला कि एक बार फिर वह बताए पते को छोड़ चुका है। उसका जमानती भी अब उक्त पते पर नहीं रहता।

अदालत अगली तारीख पर उसे भगोड़ा घोषित करने की कार्रवाई शुरू करने जा रही है। उसकी जमानत राशि को भी जब्त कर लिया गया है।


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