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ई-वेस्ट को नहीं डालें कचरे के डब्बे में, सेक्टर 23 में कराएं जमा

बदलती जीवनशैली में इलेक्ट्रोनिक उपकरण पर बढ़ रही निर्भरता जीवन को आसान बनाती नजर आती है लेकिन जब ये उपकरण खराब होकर कूड़े के ढेर में चले जाते हैं तो यह पर्यावरण के लिए नुकसानदेह साबित होते हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 06:45 PM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 06:45 PM (IST)
ई-वेस्ट को नहीं डालें कचरे के डब्बे में, सेक्टर 23 में कराएं जमा
ई-वेस्ट को नहीं डालें कचरे के डब्बे में, सेक्टर 23 में कराएं जमा

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : बदलती जीवनशैली में इलेक्ट्रोनिक उपकरण पर बढ़ रही निर्भरता जीवन को आसान बनाती नजर आती है, लेकिन जब ये उपकरण खराब होकर कूड़े के ढेर में चले जाते हैं तो यह पर्यावरण के लिए नुकसानदेह साबित होते हैं। अगर ई-वेस्ट का ठीक प्रकार से निस्तारण नहीं किया जाए तो इसके दूरगामी दुष्प्रभाव सामने आएंगे। इसको देखते हुए द्वारका बी वार्ड में एक नई पहल की गई है। निगम की ओर से सेक्टर-23 के एक सामुदायिक भवन में ई-वेस्ट जमा करने का स्थान बनाया गया है, जहां पर लोग अपने घरों में बेकार पड़े इलेक्ट्रानिक उपकरण को जमा करा सकते हैं। यहां पर ई-कचरा जमा होने के बाद इसे निगम की ओर से साफ-सफाई के लिए हायर की गई कंपनी को दिया जाएगा, जो कि इसका उचित प्रकार से निस्तारण करेगी। इससे वातावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकेगा। निगम का दें साथ निगम अधिकारियों ने बताया कि कई बार लोग अपने घरों का ई-वेस्ट कूड़े में डाल देते हैं। इसके बाद यह सीधे लैंडफिल साइट पर चला जाता है। इस कारण समुचित निस्तारण नहीं हो पाता है। अब यहां पर एक स्थान बनने के बाद ई-वेस्ट अपने आप अलग होता रहेगा। लोग इस अभियान में हमारा साथ दें और यहीं पर ई-वेस्ट जमा कराएं। साथ ही एक-दूसरे को ऐसा करने के लिए प्रेरित करें। क्या है ई-वेस्ट घरों और उद्योगों में जिन इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रानिक्स सामानों को इस्तेमाल के बाद फेंक देते हैं, वही बेकार फेंका हुआ कचरा इलेक्ट्रानिक वेस्ट (ई-वेस्ट) कहलाता है। इनसे समस्या तब उत्पन्न होती है, जब इस कचरे को उचित तरीके से जमा नहीं किया जाता। इलेक्ट्रानिक चीजों को बनाने के उपयोग में आने वाली सामग्रियों में ज्यादातर कैडमियम, निकेल, क्रोमियम, एंटीमोनी, आर्सेनिक, बेरिलियम और मरकरी का इस्तेमाल किया जाता है। ये सभी पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए घातक हैं। साथ ही हवा, मिट्टी और भूमिगत जल में मिलकर जहर का काम करती हैं। कैडमियम से फेफड़े प्रभावित होते हैं।

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--- ई-वेस्ट के निस्तारण को लेकर सोसायटी के लोगों को जागरूक किया जा रहा है। वाट्सएप ग्रुप पर इसे साझा किया गया है। सोसायटी के पदाधिकारियों से अपील की गई है कि वे परिसर में एक नियत स्थान तय कर वहां पर ई-वेस्ट जमा करें। जमा हो जाए तो इसके बारे में निगम को सूचना दें। निगम कर्मचारी इसे लेकर जाएंगे। इससे ई-वेस्ट का निस्तारण समुचित तरीके से हो पाएगा। -कमलजीत सहरावत, निगम पार्षद


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