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हॉस्टल खाली करें या सौ रुपये रोज के हिसाब से जुर्माना दें

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) से संबद्ध सेंट स्टीफंस कॉलेज ने छात्रावास में रह रहे छात्रों को लेकर एक नोटिस जारी किया है। जिसमें कॉलेज प्रशासन ने कहा है कि 7 अगस्त के बाद छात्रों को अपने रूम रेंट के लिए प्रत्येक दिन 100 रुपये चुकाने होंगे। अगर वह अपने कमरों को रखना चाहते हैं तो उन्हें हर दिन के हिसाब से यह शुल्क देना होगा। छात्र अपने सामान इस तारीख से पहले वापिस ले जा सकते हैं। वहीं इस नोटिस के बाद कॉलेज के शिक्षक और छात्र दोनों में ही काफी रोष है। वह प्रशासन के इस कदम को अनैतिक बता रहे हैं। छात्रों का कहना है कि कोरोना महामारी के इस दौर में इस तरह का फैसला बहुत ही निराशाजनक है और यह परेशान करने वाला नोटिस है। इसे तुरंत वापिस लिया जाना चाहिए।

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Jul 2020 10:00 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jul 2020 10:00 PM (IST)
हॉस्टल खाली करें या सौ रुपये रोज के हिसाब से जुर्माना दें
हॉस्टल खाली करें या सौ रुपये रोज के हिसाब से जुर्माना दें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) से संबद्ध सेंट स्टीफंस कॉलेज ने छात्रावास में रह रहे छात्रों को एक नोटिस जारी किया है। इसमें कहा गया है कि छात्र 7 अगस्त तक हॉस्टल खाली कर दें। ऐसा नहीं करने पर इसके बाद उनसे सौ रुपये रोज के हिसाब से जुर्माना वसूला जाएगा। वहीं इस नोटिस को कॉलेज के शिक्षक और छात्र अनैतिक बता रहे हैं। छात्रों का कहना है कि कोरोना महामारी के इस दौर में इस तरह का फैसला बहुत ही निराशाजनक है और यह परेशान करने वाला है। इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।

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वहीं कॉलेज प्राचार्य जॉन वर्गीस ने कहा कि नया सत्र शुरू होने जा रहा है, इसलिए नए छात्र भी कॉलेज आएंगे। कॉलेज और छात्रावास में सैनिटाइजेशन व रखरखाव का काम भी किया जाना है। कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन में छात्र अपने घरों में थे, लेकिन अब लॉकडाउन खुल गया है। ऐसे में अब वह अपने सामान को ले जा सकते हैं। पहले क्यों नहीं बताया गया

सेंट स्टीफंस कॉलेज की मैथ्स की एसोसिएट प्रोफेसर एवं डूटा की पूर्व अध्यक्ष नंदिता नारायण ने कहा कि कॉलेज प्रशासन का यह कदम ठीक नहीं है। छात्रों को उनके सामान वापस ले जाने के लिए पहले जानकारी क्यों नहीं दी गई। 8 से 15 मार्च के दौरान डीयू में मिड-सेमेस्टर ब्रेक था। करीब 80 छात्र लॉकडाउन लगने से पहले छात्रावास में थे। वे जून में अनलॉक होने के बाद घर गए हैं। उस समय उनसे क्यों नहीं कहा गया कि वे हॉस्टल खाली कर दें। इस मामले में हम कॉलेज के प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत करके समाधान निकालने का प्रयास करेंगे। कॉलेज में कुल 1200 छात्र हैं। इनमें से 400 के करीब छात्र छात्रावास में रहते हैं।


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