जिसे अनफिट बताकर नौकरी से निकाला उसी ने बना दी हाईब्रिड इलेक्ट्रिक कार
पर्यावरण को ध्यान मे रखकर तैयार की गई इस कांसेप्ट कार के कई फीचर स्मार्ट फोन से काम करते हैंं। कार की खासियत है कि जाम से अपने आप निकल सकती है।
नई दिल्ली (नेमिष हेमंत)। नौकरी से निकाले जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' अभियान से प्रभावित बीटेक इंजीनियर ललित कुमार ने ऐसी हाईब्रिड इलेक्ट्रिक कार बनाई है, जो विकसित देशोंं की अत्याधुनिक कारोंं को भी मात देती है।
पर्यावरण को ध्यान मे रखकर तैयार की गई इस कांसेप्ट कार के कई फीचर स्मार्ट फोन से काम करते हैंं। कार की खासियत है कि जाम से अपने आप निकल सकती है। मतलब कि बिना टकराए सड़क पर चलने मेंं सक्षम है। पक्षी के डैने की तरह दरवाजे ऊपर खुलने से यह दिव्यांग यात्रियोंं के लिए भी आरामदायक है।
प्रगति मैदान मे चल रहे स्मार्ट सिटी एक्सपो मे यह कार लोगों के आकर्षण के केंंद्र मेंं है। ललित कुमार ने कार का पेटेंंट करा लिया है। कई ऑटोमोबाइल कंपनियां इसमे दिलचस्पी दिखा रही हैंं।
सोनिया विहार (पूर्वी दिल्ली) निवासी ललित कुमार केंंद्र सरकार के अधीन एक संस्थान मे काम करते थे। 11 साल बाद अचानक उन्हेंं अनफिट बताकर नौकरी से निकाल दिया गया। मामला कोर्ट मेंं जाने के बाद अब उन्हेंं पुरानी नौकरी मिल गई है, लेकिन जनवरी 2015 मे नौकरी से निकाले जाने के बाद उन्होंंने अपने सपने को हकीकत मे बदल दिया।
सोनिया विहार के चौहान पट्टी मे खाली जमीन पर उन्होंंने रिसर्च लैब बनाई। आठ माह मे उनका सपना इसमे से साकार होकर निकला। बैटरी के साथ यह कार पेट्रोल से भी चलती है। 50 किलोमीटर प्रति घंटा रफ्तार वाली यह कार आठ घंटे की चार्जिग के बाद 70 किलोमीटर का सफर तय कर सकती है।
एक लीटर पेट्रोल मे इसका एवरेज 30 से 35 किलोमीटर है। इसमे तीन लीटर का पेट्रोल टैंंक लगा है। ललित के मुताबिक इस कार को बनाने मे आठ लाख रुपये खर्च हुए। ये पैसे उन्होने नौकरी के दौरान जोड़ रखे थे। छह वर्षीय बेटी के पिता ललित के मुताबिक उनका सपना था कि वह ऐसी कार बनाए जो एकदम अलग हो।
उन्होंंने कार का नाम पिक्सी रखा है। पिक्सी नाम रखने के सवाल पर उन्होंंने बताया कि एक नामी ऑटोमोबाइल कंपनी ने पिक्सल नाम से कांसेप्ट कार की घोषणा की थी। यह नाम अच्छा लगा और अपनी कार का नाम इससे मिलता-जुलता रख लिया।