अप्रैल से जरूरी होगा दुपहिया वाहनों में डे टाइम लैंप
अगले साल पहली अप्रैल से वाहन निर्माताओं के लिए मोटरसाइकिल समेत सभी दुपहिया वाहनों में डे टाइम रनिंग लैंप लगाना आवश्यक होगा। ये इंजन ऑन होने पर स्वत: ऑन, लेकिन इंजन के साथ हेडलैंप भी ऑन होने पर स्वत: ऑफ हो जाते हैं।
नई दिल्ली। अगले साल पहली अप्रैल से वाहन निर्माताओं के लिए मोटरसाइकिल समेत सभी दुपहिया वाहनों में डे टाइम रनिंग लैंप लगाना आवश्यक होगा। ये इंजन ऑन होने पर स्वत: ऑन, लेकिन इंजन के साथ हेडलैंप भी ऑन होने पर स्वत: ऑफ हो जाते हैं।
सरकार ने यह निर्णय दुपहियों व दुपहिया सवारों से जुड़ी सड़क दुर्घटनाओं व उनसे होने वाली मौतों पर अंकुश लगाने के लिए लिया है। डे टाइम रनिंग लैंप या लाइट्स एलईडी पर आधारित होती हैं। ये इंजन चालू होने पर जलने लगती हैं और तब तक नहीं बुझतीं जब तक कि हेडलैंप भी न चालू कर दिया जाए।
अभी केवल महंगी मोटरसाइकिलों में ही डे टाइम रनिंग लाइट होते हैं। जबकि साधारण बाइकों, स्कूटर, स्कूट्रेट आदि में ये नहीं लगाई जातीं।
इससे दिन में कोहरा या धुंध की स्थिति में सड़क पर चालू हालत में दुपहिया के रुकने पर सामने वाले वाहन चालकों को कभी-कभी उसका पता नहीं चल पाता और हादसा हो जाता है, क्योंकि कोहरा होने पर भी दिन में आमतौर पर हेडलैंप ऑन नहीं किया जाता।
इसके लिए सरकार ने मोटर वाहन नियमावली, 1989 में संशोधन का निर्णय लिया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रलय ने मसौदा अधिसूचना जारी कर लोगों से एक महीने के भीतर सुझाव देने को कहा है। ताकि 26 दिसंबर को अंतिम अधिसूचना जारी की जा सके।
मसौदा अधिसूचना के अनुसार मोटर वाहन नियमावली 1989 के नियम 105 के उपनियम (1) प्रथम के उपबंध ख से मोटरसाइकिल शब्द हटाया जाएगा और उपबंध ख के बाद उपबंध खख नाम से अग्रलिखित नया उपबंध जोड़ा जाएगा।
हेडलैंप के साथ डे टाइम रनिंग लैंप पर भी एआइएस (आटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्डस) मानकों को अनिवार्य रूप से लागू किया जा सके। संशोधित नए नियमों को केंद्रीय मोटर वाहन नियम (17वां संशोधन) 2015 नाम से जाना जाएगा।