खाली पटरी पर तेजी से दौड़ रही है रेल
रेल पटरियों पर बोझ कम होने का असर ट्रेनों की समयबद्धता पर पड़ रहा है। इन दिनों सिर्फ मालगाड़ियों और विशेष ट्रेनों का परिचालन हो रहा है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : रेल पटरियों पर बोझ कम होने का असर ट्रेनों की समयबद्धता पर पड़ रहा है। ट्रेनें समय पर अपने गंतव्य पर पहुंच रही हैं। इन दिनों सिर्फ मालगाड़ियों और विशेष ट्रेनों का परिचालन हो रहा है। उत्तर रेलवे से संचालित होने वाली विशेष ट्रेनों की समयबद्धता 94 फीसद से भी ज्यादा है। अधिकारियों का कहना है कि बड़े पैमाने पर संरक्षा कार्य किए जा रहे हैं जिससे ट्रेनों का टाइम टेबल सुधारने में मदद मिल रही है।
कोरोना महामारी की वजह से 22 मार्च से ट्रेनों की आवाजाही बंद कर दी गई थी। सिर्फ मालगाड़ी और विशेष पार्सल ट्रेनों का परिचालन हो रहा था जिससे कि जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति की जा सके। 50 दिनों के बाद 12 मई से विशेष राजधानी ट्रेनों का परिचालन शुरू किया गया था। साथ ही प्रवासी कामगारों को घर पहुंचाने के लिए श्रमिक विशेष ट्रेनें शुरू की गई थीं। एक रूट पर ज्यादा ट्रेनें चलने से अव्यवस्था की स्थिति हो गई थी। कई ट्रेनों के मार्ग परिवर्तित करने पड़े थे। ट्रेने घंटों देरी से अपने गंतव्य पर पहुंच रही थीं। मुंबई से बिहार व उत्तर प्रदेश जाने वाली ट्रेनें एक से दो दिन की देरी से गंतव्य पर पहुंची थीं। इसका असर विशेष राजधानी एक्सप्रेस की समयबद्धता पर भी पड़ा था।
उत्तर रेलवे और उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी का कहना है कि मई में दस जोड़ी विशेष राजधानी एक्सप्रेस ने 361 फेरे लगाए हैं। मई में इन ट्रेनों की समयबद्धता 89.77 फीसद थी। वहीं, जून से 103 जोड़ी विशेष ट्रेनों का भी परिचालन शुरू हो गया है। 1 से 19 जून तक विशेष राजधानी व अन्य ट्रेनों की समयबद्धता सुधरकर 94.22 फीसद हो गई है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि कुछ वर्षो से बुनियादी ढांचे के विकास और संरक्षा कार्य में तेजी आई है। लॉकडाउन के दौरान भी बडे़ पैमाने पर पटरियों को दुरुस्त किया गया है। कई रूट पर पटरियों की क्षमता बढ़ाई गई है, इससे आने वाले दिनों में ट्रेनों की लेटलतीफी दूर करने में मदद मिलेगी।