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युवक की खुदकुशी मामले में सामने आ रहा लोन एप का स्याह पक्ष

जागरण संवाददाता पश्चिमी दिल्ली द्वारका सेक्टर 23 थाना क्षेत्र में पिछले वर्ष 25 नवंबर हरीश न

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Jan 2021 07:45 PM (IST)Updated: Mon, 11 Jan 2021 07:45 PM (IST)
युवक की खुदकुशी मामले में सामने आ रहा लोन एप का स्याह पक्ष
युवक की खुदकुशी मामले में सामने आ रहा लोन एप का स्याह पक्ष

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : द्वारका सेक्टर 23 थाना क्षेत्र में पिछले वर्ष 25 नवंबर हरीश नामक युवक की खुदकुशी के मामले में अब नई बातें सामने आ रही हैं। पहले इस मामले में खुदकुशी की वजह किसी को पता नहीं चल रहा था, लेकिन अब परत दर परत चीजें सामने आने लगी हैं। स्वजन का आरोप है कि हरीश को महज 3600 रुपये के लोन के लिए मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा था। उन्हें इस बात की धमकी दी जा रही थी कि यदि कर्ज अदायगी नहीं की तो उनके सभी जानने वालों को इस कर्ज के बारे में बता दिया जाएगा। कुछ स्वजन के पास तो इस बाबत फोन भी कर्ज देने वालों ने करने शुरू कर दिए थे।

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हरीश के स्वजन का कहना है कि जिस दिन उन्होंने खुदकुशी की थी उसके कुछ समय पहले ही एक नजदीकी रिश्तेदार ने उनसे कहा था उनके फोन पर लोन के बाबत फोन आया। उस रिश्तेदार ने हरीश से पूछा था कि क्या उन्होंने लोन लिया है। इसके बाद घटनाक्रम इतनी तेजी से बदला कि हरीश ने खुदकुशी कर ली। धीरे- धीरे जब हरीश के लोन के बाबत अन्य रिश्तेदारों के फोन पर भी काल आने शुरू हुए तब इस मामले की गंभीरता का पता चला। हरीश के स्वजन से पुलिस को पता चला कि उन्होंने एक लोन एप मोबाइल पर डाउनलोड किया था जिससे उन्होंने लोन लिया था। अब पुलिस इस मामले की पूरी पड़ताल करने में जुटी है।

लोन देने वालों को कैसे मिले रिश्तेदारों के नंबर:

द्वारका जिला पुलिस के अधिकारी का कहना है कि आमतौर पर लोन एप को डाउनलोड करते समय नियम व शर्तों का पालन करने को कहा जाता है। आप जैसे ही इसे स्वीकार करते हैं, आपके मोबाइल से जुड़ी अधिकांश जानकारियां एप के दायरे में आ जाती हैं। उनकी विशेष दिलचस्पी आपके कांटेक्ट लिस्ट में होती है, जहां आपके स्वजन व मित्रों का मोबाइल नंबर रहता है। वे उन नंबरों का इस्तेमाल एक तो अपने एप की जानकारी देने में और कर्ज अदायगी नहीं करने पर उन नंबरों पर संपर्क करके आपके कर्ज में बारे में बताकर आप पर दबाव बनाने में करते हैं। आशंका है कि हरीश के मामले में भी ऐसा ही हुआ होगा। इसके अलावा कई लोन एप जाने या अनजाने में आपके मोबाइल से गोपनीय जानकारी चुराकर आपको मुसीबत में डालने का कार्य करते हैं। बिदापुर थाना क्षेत्र में ऐसे ही एक मामले में पुलिस को शिकायत मिली। शिकायतकर्ता ने कहा कि उन्होंने कोई लोन नहीं लिया, लेकिन उनके पास कर्ज अदायगी के लिए फोन पर धमकी आने शुरु हो गए। उन्होंने आशंका जताई कि उनका मोबाइल हैक कर उनके नाम से किसी ने लोन ले लिया, जिसकी भरपाई का उनपर दबाव बनाया जा रहा है। इस मामले में भी पुलिस अभी पड़ताल कर रही है।

कैसे लेते हैं झांसे में

आमतौर पर लोन लेने की प्रक्रिया बैंकों में थोड़ी जटिल होती है। इसमें कई कागजी औपचारिकताएं पूरी करनी होती हैं, लेकिन लोन एप के जरिये आसानी से कर्ज मिल जाता है। इसमें किसी गारंटी देने वाले शख्स की भी जरूरत नहीं होती है। वे बड़े कर्ज भले ही न देते हों, लेकिन कर्ज इतनी आसानी से देते हैं कि लोग इनके झांसे में आसानी से आ जाते हैं। लोन को लेकर लोगों में इतनी जल्दबाजी होती है कि वे बिना ठीक से पढ़े, एप के नियम व शर्तों को मान लेते हैं। एप के डाउनलोड होते ही आपके फोन की पहुंच एप कंपनी की जद में होती है। वह कभी भी कहीं से भी आपके फोन को एक्सेस कर लेता है।


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