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फर्जी दस्तावेज पर लोन लेकर कंपनी को 23 करोड़ का लगाया चूना, आरोपित गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (इओडब्ल्यू) ने फर्जी लोन लेकर एक फाइनांस कंपनी को 23 करोड़ से ज्यादा रुपये का चूना लगाने वाला ठग को गिरफ्तार किया है। आरोपित की पहचान इस्ट पटेल नगर निवासी अमृत मान के रूप में हुई है। वह अपना फर्जी फर्म बनाकर ठगी की वारदात कर रहा था। आरोपित ने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री ले रखी है। वह पहले निजी बैंकों के लिए लोन एजेंट का काम करता था। पुलिस अब अन्य आरोपितों की तलाश में जुट गई है। इओडब्ल्यू के ज्वाइंट कमिश्नर डा. ओपी मिश्रा ने बताया कि हिदूजा लीलैंड फाइनांस लिमिटेड ने फर्जी दस्तावेज पर लोन लेकर 23 करोड़ रुपये की ठगी की शिकायत की थी। कंपनी ने बताया कि इस ठगी में एक फर्म का डायरेक्ट सेल्स एजेंट अमृत मान सेल्स मैनेजर नीलांजन मजमुदार और रिपोर्टिंग मैनेजर नितेश कुमार शामि

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 09:28 PM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 09:28 PM (IST)
फर्जी दस्तावेज पर लोन लेकर कंपनी को 23 करोड़ का लगाया चूना, आरोपित गिरफ्तार
फर्जी दस्तावेज पर लोन लेकर कंपनी को 23 करोड़ का लगाया चूना, आरोपित गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने लोन लेकर एक फाइनेंस कंपनी को 23 करोड़ रुपये का चूना लगाने वाले ठग को गिरफ्तार किया है। आरोपित की पहचान ईस्ट पटेल नगर निवासी अमृत मान के रूप में हुई है। वह अपनी फर्जी फर्म बनाकर ठगी की वारदात कर रहा था। आरोपित ने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री ले रखी है। पुलिस अब अन्य आरोपितों की तलाश में जुट गई है।

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ईओडब्ल्यू के ज्वाइंट कमिश्नर डॉ. ओपी मिश्रा ने बताया कि हिदुजा लीलैंड फाइनेंस लिमिटेड ने फर्जी दस्तावेज पर लोन लेकर 23 करोड़ रुपये की ठगी की शिकायत की थी। कंपनी ने बताया कि इस ठगी में एक फर्म का डायरेक्ट सेल्स एजेंट अमृत मान, सेल्स मैनेजर नीलांजन मजुमदार और रिपोर्टिंग मैनेजर नितेश कुमार शामिल हैं। आरोपितों ने फर्जी दस्तावेज पर सात संपत्तियों को गिरवी रखकर लोन लिया था। जब लोन का भुगतान नहीं किया गया तो कंपनी के अधिकारी संपत्ति के पते पर गए। वहां जाने पर जानकारी मिली कि पता और विवरण सब गलत दिया गया था।

शिकायत के बाद एसीपी वीरेंद्र सिंह की टीम ने छानबीन कर मुख्य आरोपित अमृत मान को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि अमृत पहले निजी बैंकों में लोन एजेंट का काम कर चुका है। लिहाजा उसे लोन प्रक्रिया की पूरी जानकारी थी। यही नहीं, वह लोन पाने की आंतरिक प्रणाली और इसकी खामियों को भी बखूबी जानता था। लिहाजा एजेंट का काम छोड़कर उसने फंडविज के नाम से अपनी फर्म बनाई और लोन लेकर नॉन बैंकिग कंपनी को चूना लगाया।


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