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बवाना अग्निकांड में कोर्ट में पूरक आरोप पत्र दायर

जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली: बवाना औद्योगिक क्षेत्र स्थित पटाखे की अवैध फैक्ट्री में 20 जनवर

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 10:14 PM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 10:14 PM (IST)
बवाना अग्निकांड में कोर्ट में पूरक आरोप पत्र दायर
बवाना अग्निकांड में कोर्ट में पूरक आरोप पत्र दायर

जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली: बवाना औद्योगिक क्षेत्र स्थित पटाखे की अवैध फैक्ट्री में 20 जनवरी को आग लगने से 17 लोगों की मौत के मामले में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने रोहिणी कोर्ट में पूरक आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। जांच अधिकारी इंस्पेक्टर राजीव रंजन ने मुख्य महानगर दंडाधिकारी गगन दीप ¨सह के कोर्ट में पूरक आरोप पत्र पेश करते हुए बताया कि वारदात के दिन फैक्ट्री मालिक का बेटा आशीष जैन मौके पर मौजूद था। उसने घटना के बाद पिता को फोन कर घटना की जानकारी दी थी। इसके बाद उसका मोबाइल फोन बंद हो गया था।

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जांच अधिकारी (आइओ) ने आरोपित आशीष जैन के मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल्स को भी कोर्ट में पेश किया। आइओ ने कोर्ट को बताया कि चश्मदीद रूप प्रकाश ने भी धारा 164 के तहत दिए दिए बयान में यह कहा है कि आशीष वारदात के समय मौके पर मौजूद था। अब आशीष के खिलाफ आरोप तय करने को लेकर पांच अक्टूबर को सुनवाई होगी। घटना के लिए सरकारी एजेंसियों की कार्यशैली जिम्मेदार

पूरक आरोप पत्र में आइओ ने घटना के लिए कई सरकारी एजेंसियों की कार्यशैली को जिम्मेदार ठहराया और बताया कि शुरू से ही नियम कानून को ताक पर रखकर फैक्ट्री चलाई जा रही थी। इसमें नाबालिग भी काम कर रहे थे। फैक्ट्री में अवैध रूप से पटाखे तैयार किए जा रहे थे। फैक्ट्री में आग से बचाव के लिए भी कोई उपकरण नहीं था। संबंधित विभागों के अधिकारियों ने न तो कभी फैक्ट्री का निरीक्षण किया और न ही लाइसेंस जांचने की जरूरत महसूस की। आइओ ने अग्निशमन विभाग, श्रम विभाग आदि की जांच रिपोर्ट का भी पूरक आरोप पत्र में हवाला दिया है। जिम्मेदार अधिकारियों पर कारवाई की भी हो पहल: अधिवक्ता

पीड़ितों के अधिवक्ता ऋषिपाल ने कहा कि पूरक आरोप पत्र से यह साफ हो गया है कि यह भीषण हादसा सरकारी एजेंसियों की लापरवाही के कारण हुआ है। ऐसे में अभियोजन पक्ष को इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी कोर्ट में पहल करनी चाहिए। वहीं, पीड़ित के पैरोकार संजीव कुमार ओझा ने कहा कि आरोप पत्र के अनुसार फैक्ट्री में मंगाए गए केमिकल के बिल आदि आशीष जैन के नाम से थे। पुलिस ने उसकी कॉल डिटेल्स भी पेश की है, जो सुनवाई के दौरान उसके खिलाफ अहम सुबूत साबित होगी।


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