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प्रस्तावित करों को स्थायी समिति ने किया खारिज

पूर्वी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति की बैठक में चेयरमैन सत्यपाल सिंह ने अंतिम बजट पेश किया। इसमें उन्होंने प्रस्तावित करों को खारिज कर दिया। साथ ही मौजूदा विकल्पों से ही आय बढ़ाने पर जोर दिया गया। अंतिम बजट में स्थायी समिति के सदस्यों के सुझावों को शामिल किया गया। इसे पास कर दिया है। अब इसे सदन में पेश किया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Jan 2021 10:18 PM (IST)Updated: Mon, 11 Jan 2021 10:18 PM (IST)
प्रस्तावित करों को स्थायी समिति ने किया खारिज
प्रस्तावित करों को स्थायी समिति ने किया खारिज

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली :

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पूर्वी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति की बैठक में चेयरमैन सत्यपाल सिंह ने अंतिम बजट पेश किया। इसमें उन्होंने प्रस्तावित करों को खारिज कर दिया। साथ ही मौजूदा विकल्पों से ही आय बढ़ाने पर जोर दिया गया। अंतिम बजट में स्थायी समिति के सदस्यों के सुझावों को शामिल किया गया। इसे पास कर दिया है। अब इसे सदन में पेश किया जाएगा।

सत्यपाल सिंह ने कहा कि निगम आयुक्त ने बजट प्रस्ताव में शिक्षा उपकर, सुधार कर, आजीविका व्यवसाय कर के अलावा संपत्ति कर के हस्तांतरण पर कर में बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया है जिसे स्थायी समिति निरस्त कर रही है। हम बिना करो को लगाए ही निगम की आय बढ़ाने के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि निगम की आय बढ़ाने के लिए विज्ञापन विभाग को दुरुस्त किया जाएगा। यहां कमियों को दूर किया जाएगा। इससे आय बढ़ेगी। जहां पर अभी तक होर्डिंग नहीं लगे हैं वहां इसकी व्यवस्था की जाएगी। इसी तरह निगम की संपत्तियों पर मोबाइल टावर लगाने से भी हमारी आय में सीधे-सीधे वृद्धि होगी। सत्यपाल सिंह ने कहा कि भवन विभाग द्वारा नक्शों को पास करने के मामलों में पारदर्शिता लाते हुए तेजी लाई जाएगी। इससे शुल्क अधिक मिलेगा। इसी तरह साप्ताहिक बाजारों में दुकानदारों का पंजीकरण करने के लिए एक ठोस नीति बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि अभी साप्ताहिक बाजारों में आधे से अधिक दुकानदारों से शुल्क नहीं लिया जा रहा है। इनसे वसूली की जाएगी। इससे राजस्व बढ़ेगा। कोरोना काल निगम का राजस्व काफी प्रभावित हुआ है और उसके चलते हम आय बढ़ाने के मौजूदा विकल्पों पर ढंग से काम नहीं कर पाए। अब हमारी कोशिश है कि वह सभी प्रयास किए जाएंगे जिससे निगम की आय में वृद्धि हो और उसका ढांचा मजबूत हो। संपत्ति कर के दायरे में अधिक संपत्तियों का लाया जाएगा। अनधिकृत पार्किंग को नियमित कर उनसे शुल्क लिया जाएगा।


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