सुप्रीम कोर्ट के आदेश से चिंतित हैं खान मार्केट के दुकानदार
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : खान मार्केट से अतिक्रमण हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश से यहा
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : खान मार्केट से अतिक्रमण हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश से यहां के दुकानदारों की चिंता बढ़ गई है। दुकानदारों का कहना है कि यहां पर अतिक्रमण किसे माना जाए, यह अभी तय नहीं है। इसलिए उन्होंने नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) का दरवाजा खटखटाया है। दुकानदारों ने एनडीएमसी अध्यक्ष नरेश कुमार से मिलने की मोहलत मांगी है।
इस बारे में खान मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव मेहरा ने कहा कि सब कुछ ठीक रहा तो बृहस्पतिवार को एनडीएमसी अध्यक्ष से दुकानदारों की मुलाकात हो सकती है। उन्होंने कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद सबसे बड़ा सवाल दुकानदारों के सामने है कि किसे अतिक्रमण माना जाए? अगर इस बारे में एनडीएमसी या कोर्ट स्पष्ट कर दे तो उसे हटाने को दुकानदार पूरी तरह तैयार हैं।
67 साल पुराने दिल्ली के इस पॉश बाजार में भूतल पर 156 दुकानें हैं, जबकि प्रथम तल पर 50 से अधिक रेस्तरां चल रहे हैं। चर्चा है कि अतिक्रमण के रूप में एसी और साइन बोर्ड समेत अन्य गतिविधियों को चिह्नित किया गया है। इसपर दुकानदारों ने निराशा जताते हुए कहा कि दीवार से सटाकर एसी लगाने के अलावा उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। अगर गर्मी में एसी कार्रवाई की जद में आते हैं तो कारोबार काफी प्रभावित होगा।
मंगलवार को एक आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र द्वारा नियुक्त विशेष कार्यबल (एसटीएफ) को खान मार्केट से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मॉनिट¨रग कमेटी की उस रिपोर्ट में आया है, जिसमें उसने बताया कि बाजार के बरामदे में दुकानदारों ने अतिक्रमण कर रखा है। जिससे राहगीरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। एक दुकानदार के मुताबिक, इसी तरह का मामला सुप्रीम कोर्ट में वर्ष 2011 से लंबित है, जो अवैध निर्माण और कन्वर्जन चार्ज को लेकर है। उसमें एनडीएमसी, डीडीए समेत अन्य विभागों को प्रतिवादी बनाया गया है।