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मंचन से वाचन परंपरा में लौटा रामायण

कोविड-19 के चलते दिल्ली की अधिकांश रामलीलाओं का मंचन नहीं हो रहा है। वहीं कई रामलीलाएं मंचन से वाचन की ओर लौटते हुए परंपरा को बरकरार रखने की कोशिश में है। कश्मीरी गेट की 47 साल पुरानी श्री नवयुवक रामलीला कमेटी द्वारा इस वर्ष मंचन की जगह रामायण का सस्वर पाठ कराया जा रहा है। एक लोग पाठ कर रहे हैं तो चंद आयोजक श्रोता की भूमिका में है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 02:07 AM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 05:05 AM (IST)
मंचन से वाचन परंपरा में लौटा रामायण
मंचन से वाचन परंपरा में लौटा रामायण

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :

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कोविड-19 के चलते दिल्ली की अधिकांश रामलीलाओं का मंचन नहीं हो रहा है। वहीं, कई रामलीलाएं मंचन से वाचन की ओर लौटते हुए परंपरा को बरकरार रखने की कोशिश में हैं। कश्मीरी गेट की 47 साल पुरानी श्री नवयुवक रामलीला कमेटी द्वारा इस वर्ष मंचन की जगह रामायण का सस्वर पाठ कराया जा रहा है। एक व्यक्ति पाठ करता है तो चंद आयोजक श्रोता की भूमिका में बैठते हैं।

नौ दिनों के इस आयोजन में रोजाना शाम 7 बजे से रात्रि 9.30 तक यह पाठ हो रहा है। यह नौ दिनों में संपन्न होगा। इस बारे में कमेटी के महासचिव व उत्तरी नगर निगम के पूर्व महापौर जत्थेदार अवतार सिंह ने बताया कि आयोजन की अनुमति नहीं मिलने के बाद परंपरा को बरकार रखने के लिए तुलसीदास रामायण का सस्वर पाठ कराया जा रहा है।

बता दें कि यह रामलीला धार्मिक सद्भाव की मिसाल है। इसके आयोजन और मंचन से हिदू, सिख व मुस्लिम समुदाय के लोग जुड़े हैं। अवतार सिंह ने उम्मीद जताते हुए कहा कि अगले साल तक कोरोना महामारी खत्म हो जाएगी, तो अगली बार रामलीला का आयोजन परंपरागत तरीके से होगा।


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