सर्दी में 4800 मेगावाट तक पहुंचेगी बिजली की मांग!
-आधुनिक तकनीक से लगाया जा रहा है बिजली खपत का पूर्वानुमान पिछले वर्ष बिजली की अधिकतम मांग 451
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : गर्मी की तरह इस बार सर्दी के मौसम में भी पिछले वर्ष की तुलना में बिजली की मांग बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। पिछले वर्ष सर्दी के मौसम में बिजली की अधिकतम मांग 4511 मेगावाट तक पहुंची थी, जो इस बार 4800 मेगावाट तक पहुंच सकती है। इसे ध्यान में रखकर बिजली वितरण कंपनियां (डिस्कॉम) बांबे सबअर्बन इलेक्ट्रिक सप्लाई (बीएसईएस) व टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) ने तैयारी शुरू कर दी है।
बीएसईएस प्रवक्ता का कहना है कि बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड (बीआरपीएल) के वितरण क्षेत्र में बिजली की माग 1950 मेगवाट और बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड (बीवाईपीएल) क्षेत्र में 1223 मेगावाट तक पहुंच सकती है। लंबी अवधि के आधार पर किए गए बिजली खरीद समझौतों के तहत बीएसईएस को सर्दी में भी पर्याप्त बिजली मिलेगी। पावर बैंकिंग (दूसरे राज्यों को दी गई बिजली वापस लेने की व्यवस्था) के तहत भी दिसंबर से फरवरी के बीच अतिरिक्त बिजली मिलेगी। बीएसईएस का कहना है कि खपत व मौसम के पूर्वानुमान के आधार पर बिजली की व्यवस्था की जा रही है जिससे कि निर्बाध बिजली आपूर्ति में किसी तरह की दिक्कत नहीं हो। खपत पूर्वानुमान तकनीक से अगले दो दिनों के साथ ही अगले वर्ष की मांग का भी अनुमान लग जाता है। इसके साथ ही मौसम पूर्वानुमान के अनुसार बिजली की व्यवस्था करने में मदद मिलती है। इसके साथ ही कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निग की भी मदद ली जा रही है।
इसी तरह से टीपीडीडीएल के वितरण क्षेत्र में मांग 1500 मेगावाट तक पहुंच सकती है। कंपनी के प्रवक्ता का कहना है कि लंबी अवधि के करार के तहत विभिन्न स्त्रोतों से टीपीडीडीएल को 1650 मेगावाट बिजली मिलेगी। इसलिए सर्दियों में बिजली की बढ़ी हुई मांग आसानी से पूरी कर ली जाएगी। आपातकालीन जरूरत होने पर लघु अवधि के एक्सचेंज से बिजली की खरीद की जाएगी।