पेड़ों को कंक्रीट से मुक्त कराने का शुरू किया अभियान
पहले अस्तित्व खो चुके जोहड़ का कायाकल्प करने के बाद अब नरेला के युवाओं ने पेड़ों को कंक्रीट की जकड़न से मुक्त कराने के अभियान की शुरुआत की है।
संजय सलिल, बाहरी दिल्ली
पहले अस्तित्व खो चुके जोहड़ का कायाकल्प करने के बाद अब नरेला के युवाओं ने पेड़ों को कंक्रीट की जकड़न से मुक्त कराने के अभियान की शुरुआत की है। शनिवार को शुरु की गई मुहिम के तहत सड़क किनारे लगे पांच पेड़ों की जड़ों में चारों तरफ लगे कंक्रीट को हटाया और उनमें पानी डालकर उन्हें जीवन प्रदान करने का काम किया है। स्थानीय युवाओं के समूह ने पर्यावरण की रक्षा के लिए यह उल्लेखनीय कार्य प्रारंभ किया है।
अभियान में शामिल अश्वनी खत्री ने बताया कि नरेला क्षेत्र में सार्वजनिक स्थानों और सड़कों के किनारे लगे असंख्य पेड़ कंक्रीट की चपेट में हैं, जिसके चलते ऐसे पेड़ों का विकास बाधित हो रहा है। सड़क, फुटपाथ आदि निर्माण के दौरान पेड़ों की जड़ों में भी कंक्रीट आदि डाल दिए जाते हैं। कई लोग पेड़ों में बैनर पोस्टर आदि लगाने के क्रम में कीलें ठोंक देते हैं तो कई लोग तार आदि बांध देते हैं, जिसका दुष्प्रभाव यह होता है कि ऐसे पेड़ों के विकास पर विपरीत प्रभाव पड़ता है और इसके कारण समय से पहले ही पेड़ या तो सुख जाते हैं या गिर जाते हैं। इसी के निराकरण के लिए युवाओं ने पहल की है, जिसके तहत न केवल पेड़ों से कंक्रीट कीलें, तारें आदि हटाई जा रही हैं, बल्कि पंफलेट आदि के जरिये लोगों को इसके लिए जागरूक भी किया जा रहा है। दरअसल इसके लिए सरकार का निर्देश भी है कि किसी भी पेड़ के चारों तरफ की एक मीटर परिधि को कंक्रीट से मुक्त रखना है तो पेड़ों पर कील ठोंकने और तार आदि बांधने पर भी प्रतिबंध है। जागरूकता की कमी के चलते ऐसा किया जा रहा है।
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जनप्रतिनिधियों से सहयोग की अपील
युवाओं ने क्षेत्र के विधायक, पार्षद को भी पत्र लिखकर मुहिम में सहयोग करने का अनुरोध किया है और जल्द ही दिल्ली सरकार, डीडीए वन विभाग, लोक निर्माण विभाग को भी अवगत कराने जा रहे हैं। अभियान को आगे बढ़ाने का काम घनश्याम भारद्वाज, राजेंद्र सैनी, ब्रह्मदत्त, विजेंद्र कुमार, जागे राम सैनी, ओमप्रकाश देशवाल आदि लोग कर रहे हैं।