उमड़ा नागरिकों का सैलाब, उठा देशभक्ति का ज्वार
गणतंत्र दिवस की परेड का हिस्सा बनने के लिए देश भर के कोने-कोने से लोग राजपथ पर पहुंचे। कोई बिहार से अपने परिवार के साथ आया हुआ था। तो किसी ने एक हफ्ते पहले ही परेड में शामिल होने के लिए योजना बनाई थी। दिल्ली के हर कोने से लेकर कश्मीर, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान से लोग परेड देखने के लिए पहुंचे। एक तरफ परेड में देश भर के राज्यों की झांकियों को प्रदर्शित किया जा रहा था। तो दूसरी तरफ से पूरे भारत वर्ष से नागरिक राजपथ पर जुटे। सभी ने एक स्वर में परेड की शुरुआत से लेकर अंत तक कई बार भारत माता की जय के नारे भी लगाए।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : देश की राजधानी स्थित राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने के लिए नागरिकों का सैलाब उमड़ा। लोकतंत्र के सागर में देशभक्ति का ज्वार कुछ यूं उठा कि कार्यक्रम की शुरुआत से अंत तक भारत माता की जय का नारा गूंजता रहा। परेड का हिस्सा बनने के लिए देशभर से पहुंचे लोगों का राष्ट्रप्रेम देखते ही बन रहा था। कोई यूपी, बिहार से परिवार के साथ आया था तो कोई कश्मीर से। कोई केरल तो कोई कर्नाटक, कोई महाराष्ट्र और कोई राजस्थान से। मानो देश का हर हिस्सा एक हो गया हो। हर हिस्से से कोई न कोई राष्ट्रध्वज तिरंगे का वंदन करने के लिए राजधानी में पहुंचा हुआ था। इस दौरान जागरण संवाददाता ने कुछ लोगों से बात की, जो प्रस्तुत है। मैं अपने परिवार के साथ गणतंत्र दिवस की परेड देखना आया हूं। मुझे यहां पर हवाई जहाज उड़ाते हमारे वीर सैनिकों के हौसले को देखकर बहुत खुशी हुई। मैं अगले साल भी परेड देखने आऊंगा।
- राजू चौबे, रांची बाइक पर महिला सिपाहियों के करतब को देखकर आनंद गया। न जाने इसके पीछे उनकी कितनी मेहनत छिपी हुई थी। मैं इन सिपाहियों को नमन करती हूं।
- मीनू तिवारी, झारखंड मैं सुबह चार बजे ही परेड स्थल पर परिवार के साथ पहुंच चुकी थी। मैने पहली बार परेड देखी और मेरे दिल में इसकी तस्वीर हमेशा के लिए बस गई है। सुरक्षा बलों की टुकड़ियों के हौसले लाजवाब हैं।
- निर्मल कुमार, झारखंड राज्यों की झांकियों में स्वच्छता का जिक्र किया गया। सभी राज्यों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जंयती के अवसर पर उनके जीवन पर आधारित शानदार प्रस्तुति पेश की। यह सब देखकर मैं काफी खुश हूं।
- अंजली चौबे, झारखंड नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद ¨हद फौज के सिपाहियों को देखकर मैं तो मुग्ध हो गया। 97 से 100 की उम्र के इन वीरों के जज्बों को सलाम करता हूं। गणतंत्र दिवस की परेड में इनका शामिल होना हमारे लिए गौरव की बात है।
- अर¨वद ¨सह, पश्चिमपुरी, दिल्ली मैं पिछले तीन सालों से गणतंत्र दिवस की परेड देखने के लिए आ रहा हूं। इस बार काफी अच्छा मौसम रहा। परेड में सैन्य शक्ति को देखकर अच्छा लगा। साथ ही मुझे बाइक पर वीरों के करतब खूब पसंद आए।
- कार्तिक चौहरा, पश्चिमी दिल्ली मैं पहले भी परेड देखने के लिए आई हूं। मेरे साथ मेरे परिवार के सदस्य हमारे देश की सेना को समर्थन देने के लिए आए हैं। देश के वीरों को परेड में देखकर काफी अच्छा लगता है। मैं अगले साल भी परेड देखने आऊंगी।
- रुबि चौहान. नई दिल्ली मैं पहली बार अपने बच्चों के साथ गणतंत्र दिवस की परेड देखने के लिए आई हूं। 26 जनवरी के दिन राजपथ पर परेड देखकर गौरव का अहसास होता है। खुद पर गर्व होता है कि हम भारत के नागरिक हैं।
- निवेश ¨सह, पश्चिमी दिल्ली मेरे लिए दिल को छू लेने वाला पल वह था जब हमारे प्रधानमंत्री लोगों से मिलने के लिए परेड खत्म होने के बाद आए। उन्होंने हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया। पीएम को करीब से देखने का अवसर मिला।
- पारस शर्मा, वसुंधरा एंक्लेव मुझे गोवा, दिल्ली एवं पंजाब की झांकियां खूब पंसद आई। मुझे 3 सुखोई-30 एमकेआइ विमानों के त्रिशूल फॉर्मेशन को उड़ान भरते देखकर मजा आया। मैं अगले वर्ष भी गणतंत्र दिवस की परेड में आऊंगी।
- शगुन शर्मा, राजेंद्र नगर