राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली :
अस्पतालों में भर्ती कोरोना के मरीजों को जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन सपोर्ट नहीं मिल पाने की शिकायतों के बाद दिल्ली सरकार का स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। अब दिल्ली सरकार के अस्पतालों में हर बेड पर ऑक्सीजन उपलब्ध होगी। स्वास्थ्य विभाग ने अपने सभी कोविड अस्पतालों को आदेश दिया है कि हर बेड के साथ ऑक्सीजन सपोर्ट की व्यवस्था की जाए।
स्वास्थ्य विभाग ने अपने आदेश में कहा है कि जिस वार्ड में पाइप लाइन से ऑक्सीजन आपूíत की सुविधा नहीं है। वहा सिलेंडर से ऑक्सीजन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए। कुछ दिन पहले स्वास्थ्य विभाग ने लोकनायक, राजीव गाधी सुपर स्पेशियलिटी, जीटीबी, दीपचंद बंधु व सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल में 4750 में से 3680 बेड पर ऑक्सीजन सपोर्ट की व्यवस्था करने का आदेश दिया था। इसके अलावा इन अस्पतालों में कुल 370 वेंटिलेटर की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है। अभी करीब 160 वेंटिलेटर की सुविधा है। कोरोना मरीजों की हालत बिगड़ने पर उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ती है। अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड की है कमी
अस्पतालों में अभी ऑक्सीजन बेड की कमी है। लोकनायक अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि मौजूदा समय में 200 बेड के साथ सेंट्रलाइज ऑक्सीजन के लिए प्वाइंट है। जहा वेंटिलेटर भी लगाए जा सकते हैं। इसके अलावा ऑक्सीजन सिलेंडर के जरिये जरूरत पड़ने पर मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट दिया जाता है। लोकनायक में कोरोना के इलाज के लिए दो हजार बेड की सुविधा है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि 1500 बेड के साथ ऑक्सीजन की व्यवस्था कर ली गई है। राजीव गाधी सुपर स्पेशियलिटी, जीटीबी व सफदरजंग अस्पताल में भी सभी बेड के साथ ऑक्सीजन की सुविधा नहीं है।
बड़े निजी अस्पतालों में खाली नहीं वेंटिलेटर
बड़े निजी अस्पतालों में बेड के अलावा वेंटिलेटर की भी कमी है। दिल्ली कोरोना एप के मुताबिक शुक्रवार को मैक्स के चार अस्पतालों व गंगाराम में एक भी वेंटिलेटर खाली नहीं था। अपोलो में भी सिर्फ एक वेंटिलेटर खाली था। हालाकि, सरकारी अस्पतालों में 200 वेंटिलेटर खाली थे।
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