डीयू में दाखिला रद कराने पर देना होगा एक हजार रुपये शुल्क
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की प्रवेश शाखा द्वारा रविवार को छठे वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार का मकसद डीयू में स्नातक स्तर पर दाखिला लेने वाले छात्रों के समक्ष आने वाली सभी समस्याओं का निराकरण करना था।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की प्रवेश शाखा द्वारा रविवार को छठे वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार का मकसद डीयू में स्नातक स्तर पर दाखिला लेने वाले छात्रों के समक्ष आने वाली सभी समस्याओं का निराकरण करना था। वहीं बेबिनार में यह भी बताया गया कि दाखिला रद कराने वाले छात्रों को एक हजार रुपये शुल्क देना होगा। वेबिनार में बताया गया कि दाखिले के लिए आवेदन करने वाले छात्र सर्वोत्तम तीन या 4 विषय की गणना, विशेष कॉलेज एवं कोर्स का चयन और फीस भुगतान कैसे करें? वेबिनार की शुरुआत में प्रवेश शाखा की डीन प्रो. शोभा बगई ने छात्रों को आगाह किया कि जो छात्र पहले कटऑफ में आ रहे थे उनका दाखिला दूसरे कटऑफ में नहीं हो सकता। हालांकि जिन कॉलेजों ने कटऑफ में कोई परिवर्तन नहीं किया है वहां यह व्यवस्था लागू नहीं होती है। वहां जो छात्र पहले कटऑफ में आ रहे थे, वह दूसरे कटऑफ में भी दाखिले के पात्र होंगे। कॉलेज के नोडल ऑफिसर से बात न होने की शिकायत का जवाब देते हुए प्रो. बगई ने कहा कि नोडल ऑफिसर की क्लास भी चल रही होती है। इसलिए जरूरी नहीं है कि वह हमेशा फोन पर उपलब्ध हो ही जाएं। छात्रों को कॉलेज द्वारा संपर्क स्थापित किए जाने का इंतजार करना चाहिए न कि खुद ही कॉलेज तक पहुंचने का प्रयास करना चाहिए। वहीं डिप्टी डीन हनीत गांधी ने कहा कि अगर छात्र शिकायत निवारण के लिए कोई ईमेल भेजते हैं तो उसमें अपना फॉर्म नंबर, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, नाम, किस कॉलेज में दाखिला लेना चाहते हैं और क्या समस्या है। यह सारी जानकारी दें। इस तरह की जानकारी न मिलने पर शिकायत ही समझ में नहीं आती है। छात्रों को सारी सुविधाएं मिल रहीं ऑनलाइन
बगई ने कहा कि दूसरे कॉलेज में दाखिला सुनिश्चित होने के बाद ही छात्र अपना पहले कॉलेज में लिया गया दाखिला रद कराए। कई बार छात्र जल्दबाजी में अपना दाखिला रद करा देते हैं और दूसरे कॉलेज में भी वह दाखिला नहीं ले पाते हैं। ऐसी स्थिति में दाखिला शाखा कोई सहायता नहीं कर सकती। वेबिनार के अंत में प्रवेश शाखा के सदस्य डॉ. सुमन कुमार ने भी छात्रों को आगाह किया कि वह किसी भी परिस्थिति में विश्वविद्यालय या कॉलेज जाने का प्रयास न करें। सारी सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध हैं।