'चुनाव के चलते निगमों को परेशान न करें केजरीवाल '
फोटो : 14 डेल 304 - दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश की अवमानना का लगाया केजरीवाल सरकार पर आ
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
खराब आर्थिक स्थिति से जूझ रहे दिल्ली के नगर निगमों के महापौर ने केजरीवाल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। तीनों महापौर का कहना है कि केजरीवाल सरकार ने जल्द से जल्द निगम को उनके हिस्से का पैसा जारी नहीं किया तो न केवल वह सड़क पर उतरेंगे बल्कि हाई कोर्ट में अवमानना का मामला भी लेकर जाएंगे।
सिविक सेटर में उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर आदेश गुप्ता, पूर्वी दिल्ली नगर निगम के महापौर बिपिन बिहारी सिंह और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के महापौर नरेंद्र चावला ने संयुक्त प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव के चलते अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए राजनिवास में धरने की नौटंकी की जा रही है। केजरीवाल को इसे खत्म कर दिल्ली की जनता की भलाई के लिए कार्य करना चाहिए।
महापौर आदेश गुप्ता ने कहा कि निगम को पंगु बनाने के उद्देश्य से केजरीवाल सरकार ने सफाई और शिक्षा जैसे मदों में जारी बजट फंड को शून्य कर दिया है। उन्होंने कहा कि महापौर बनने के बाद कई बार मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा, लेकिन केजरीवाल मिलने का समय नहीं दे रहे हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि उनकी मंशा निगम को काम न करने देने की है।
महापौर बिपिन बिहारी सिंह ने कहा कि हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया था कि वह निगम की बकाया राशि को जारी करें, लेकिन केजरीवाल सरकार अवमानना करने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में डेंगू से निपटने तक के लिए निगम के पास पैसा नहीं बचा है। अगर बीमारी फैलती है तो इसके लिए केजरीवाल सरकार सीधे तौर जिम्मेदार होगी। महापौर नरेंद्र चावला ने कहा कि केजरीवाल के पास निगम के महापौर से मिलने का समय नहीं है, जबकि निगम ही सभी प्राथमिक सेवाएं जनता को उपलब्ध कराता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता केजरीवाल के इस नौटंकी को देख रही है, जिसका जवाब वह समय आने पर देगी।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम योजना मद 2514 करोड़ और 1202 करोड़ गैर योजना मद में बकाया है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के मुताबिक योजना मद में 984 और गैर योजना मद 753.84 करोड़ बकाया है। चौथे वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार पूर्वी दिल्ली नगर निगम का वर्ष 2018-19 के लिए 2542 करोड़ और वर्ष 2017-18 के लिए 735 करोड़ रुपये बकाया है।