किराया कम होने से कम हो सकती हैं एनडीएमसी की आय
किराया कम होने से कम हो सकती हैं एनडीएमसी की आय
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
कोरोना संकट के चलते नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) इलाके में इमारतों का किराया कम हो गया है। इसका सीधा असर एनडीएमसी की आय में हो सकता है, क्योंकि एनडीएमसी की आय के विभिन्न स्त्रोतों में संपत्तिकर एक बड़ा स्त्रोत है, लेकिन कोरोना के चलते दिल्ली में रेस्तरां, क्लब और शॉपिग शॉप की दुकान का किराया कम हो गया है। इसका असर एनडीएमसी की आय पर पड़ेगा। दरअसल, दिल्ली की तीन निकाय यूनिट एरिया मैथर्ट के आधार पर संपत्तिकर लेते हैं, जबकि एनडीएमसी संपत्तिकर का आकलन संपत्ति के किराये के आधार पर करता है।
कोरोना की वजह से व्यापारियों की आय में ज्यादा गिरावट हुई है। इस वजह से दुकानदार या तो दुकान बंद करने की स्थिति में आ गए हैं या फिर संपत्ति मालिक और किरायेदार ने मिलकर किराया कम कर दिया है। एनडीएमसी के अधिकारी ने कहा कि चूंकि कनॉट प्लेस, सरोजनी नगर मार्केट, खान मार्केट व गोल मार्केट जैसे बाजारों में दुकानों का किराया कम हो रहा है तो इस वर्ष संपत्तिकर से होने वाले राजस्व में 25-30 फीसद की कमी हो सकती है, लेकिन जो संपत्तिकर नहीं भरेगा उसको नोटिस जारी करने की प्रक्रिया जारी रहेगी। उल्लेखनीय है कि बीते वर्ष एनडीएमसी ने 665 करोड़ रुपये का संपत्तिकर प्राप्त किया था, वहीं 2017-18 में एनडीएमसी ने 712 करोड था। 50 फीसद संपत्तिकर कम करने की मांग
कोरोना संकट के बीच व्यापारियों की आय में कटौती हुई है। इसकी वजह से किराया भी कम कर लिया है, वहीं व्यापारियों ने एनडीएमसी से लेकर उपराज्यपाल को संपत्तिकर और बिजली के फिक्स चार्ज को कम करने की मांग की है। नई दिल्ली ट्रेडर्स एसोसिएशन के सचिव विक्रम वधवार ने कहा कि एनडीएमसी को व्यापारियों की समस्या को समझना चाहिए और 50 फीसद संपत्तिकर में राहत देनी चाहिए, वहीं दूसरे निकायों की तरह संपत्तिकर यूनिट एरिया मैथर्ट की तरह वसूलना चाहिए।