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गेमिंग तकनीक में रुचि रखने वाले युवा ई-स्पोर्ट्स में भी बना सकते करियर, जानें अन्य डिटेल

अच्छी इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ स्मार्टफोन के आ जाने से पिछले कुछ वर्षों से भारत में भी यह गेम तेजी से पैर पसार रहा है जिसे देखने वालों की अच्छी खासी संख्या है। कोरोनाकाल में कुछ विशेष इंडस्ट्री की तरह गेमिंग इंडस्ट्री की ग्रोथ और ज्यादा बढ़ी है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Tue, 14 Dec 2021 03:31 PM (IST)Updated: Tue, 14 Dec 2021 03:34 PM (IST)
गेमिंग तकनीक में रुचि रखने वाले युवा ई-स्पोर्ट्स में भी बना सकते करियर, जानें अन्य डिटेल
भारत में भी ई-स्पोर्ट्स गेम का खुमार देखा जा रहा है।

नई दिल्‍ली [धीरेंद्र पाठक]। हाल ही में आयोजित 13वीं ई-स्पोर्ट्स वर्ल्ड चैंपियनशिप-2021 के बाद भारत में भी ई-स्पोर्ट्स गेम का खुमार देखा जा रहा है। मोबाइल और इंटरनेट की मदद से खेले जाने वाले इस गेम की लोकप्रियता अपने देश में भी तेजी से बढ़ रही है। गेमिंग तकनीक में रुचि रखने वाले युवा ई-स्पोर्ट्स में भी करियर बना सकते हैं। आइये जानें, कैसे बनें ई-स्पोर्ट्स में प्रोफेशनल गेमर...

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यदि आप भी अपने स्मार्टफोन पर आनलाइन और आफलाइन वीडियो गेम्स देखते और खेलते हैं, तो डिफेंस आफ द एंसेंट्स (डोटा 2), लीग आफ लीजेंड्स (लोल), काउंटरस्ट्राइक, काल आफ ड्यूटी, फीफा, फ्री फायर, बीजीएमआइ, क्लैश रायल हार्थस्टोन, स्टारक्राफ्ट जैसे गेम के बारे में जरूर देखा या सुना होगा। ये कुछ ऐसे चुनिंदा ई-स्पोर्ट्स गेम हैं, जिनकी लोकप्रियता इनदिनों 152 से अधिक देशों में देखी जा रही है, जिसे फुरसत के समय खेलकर युवा न सिर्फ अपना मनरंजन कर रहे हैं, बल्कि इससे अच्छी कमाई भी कर रहे हैं।

अच्छी इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ स्मार्टफोन के आ जाने से पिछले कुछ वर्षों से भारत में भी यह गेम तेजी से पैर पसार रहा है, जिसे देखने और खेलने वालों की आज की तारीख में अच्छी खासी संख्या है। खासतौर से कोरोनाकाल में कुछ विशेष इंडस्ट्री की तरह गेमिंग इंडस्ट्री की ग्रोथ और ज्यादा बढ़ी है। अगर करियर विकल्प की बात करें, तो सबसे अच्छी बात यह है कि अन्य स्पोर्ट्स की तरह ई-स्पोर्ट्स में भी एक प्रोफेशनल प्लेयर के अलावा कोच, ट्रेनर, कमेंटेटर, साइकोलाजिस्ट या गेम डेवलपर के रूप में करियर को आगे बढ़ाने का विकल्प है।

क्या है ई-स्पोर्ट्स: ई-स्पोर्ट्स फेडरेशन आफ इंडिया के डायरेक्टर लोकेश सूजी के अनुसार, इस खेल में अलग-अलग जोनर के कई प्रकार के गेम्स होते हैं, जैसे कि रियल टाइम स्ट्रेटेजी, फाइटिंग, फस्र्ट पर्सन शूटर, मल्टीप्लेयर आनलाइन बैटल एरेना आदि। ये कुछ ऐसे जोनर हैं, जिनमें हर गेम को अलग तरीके से खेला जाता है। ई-स्पोर्ट एक मल्टीप्लेयर गेम भी है, जिसमें एक से अधिक टीमें आपस में आनलाइन मुकाबला करती हैं। टूर्नामेंट के दौरान इसका आनलाइन प्रसारण भी विभिन्न स्ट्रीमिंग प्लेटफाम्र्स के माध्यम से होता है। इसलिए जिस तरह से अन्य खेलों में बहुत से लोगों की सेवाएं ली जाती हैं, उसी तरह ही ई-स्पोर्ट्स में भी प्लेयर्स के अलावा अलग-अलग स्तर पर (कोच, कमेंटेटर, गेम डेवलपर, टेक्निकल टीम आदि) तमाम प्रोफेशनल्स की आवश्यकता पड़ती है।

इसमें भी क्रिकेट मैच की तरह कमेंट्री होती है। लेकिन फिजिकल रूप में इस गेम में कुछ भी नहीं होता है। न ही कहीं आना-जाना होता है और न ही कहीं कोई फिजिकल टूर्नामेंट होता है। इस गेम में सब कुछ आनलाइन तरीके से ही होता है। क्रिकेट और दूसरे खेलों की तरह ई-स्पोर्ट में भी हर साल नेशनल ई-स्पोर्ट्स चैंपियनशिप, वल्र्ड ई-स्पोर्ट्स चैंपियनशिप जैसे कई तरह के आयोजन होते हैं। साल 2018 से यह गेम एशियन गेम्स में भी शामिल किया जा चुका है। आगामी एशियन गेम-2022 में ई-स्पोर्ट खेलने वाले प्लेयर्स को मेडल भी मिलेगा।

भारत में ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए, इस गेम के अनुकूल वातावरण बनाने और प्लेयर्स को प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से ई-स्पोर्ट्स फेडरेशन आफ इंडिया का गठन किया गया है, जहां प्लेयर्स ट्रेनिंग लेने के साथ-साथ इसके द्वारा आयोजित तमाम तरह के टूर्नामेंट में शामिल होकर खुद को निखार सकते हैं और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय ई-स्पोर्ट्स आयोजनों के लिए खुद को तैयार कर सकते हैं। ई-स्पोर्ट्स फेडरेशन आफ इंडिया (https://esportsfederation.in) की तरह वैश्विक स्तर पर इंटरनेशनल ई-स्पोर्ट्स फेडरेशन, ग्लोबल ई-स्पोर्ट्स फेडरेशन तथा एशियन इलेक्ट्रानिक स्पोर्ट्स फेडरेशन जैसे संगठन भी हैं, जो इस गेम के विभिन्न पहलुओं को देखते हैं।

तेजी से बढ़ रही संभावनाएं: विश्व के विभिन्न देशों की तरह ई-स्पोर्ट्स की लोकप्रियता भारत में भी इनदिनों काफी देखी जा रही है। देश में अभी ई-स्पोर्ट का कुल मार्केट 30 मिलियन डालर के लगभग है, जो लगातार तेजी से बढ़ रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो पिछले दो साल में कोरोना महामारी के बाद इस गेम्स के प्रति लोगों में दीवानगी और ज्यादा बढ़ी है। बच्चों, किशोरों, युवाओं से लेकर हर उम्र लोग मोबाइल पर यह गेम खेलने में रुचि ले रहे हैं। जानकारों के अनुसार, आने वाले वर्षों में इस गेम की फैन फालोइंग और तेजी से बढ़ेगी। जाहिर है ऐसे में यहां करियर के मौके भी बढ़ेंगे।

ई-स्पोर्ट्स में करियर विकल्पों की बात करें, तो यहां दो तरह के मौके हैं। पहला, प्लेयर (ई-स्पोर्ट्स एथलीट) के तौर पर और दूसरा, इंफ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट के क्षेत्र में कार्य कर सकते हैं। इसके अलावा, इस गेम में आप इंफ्ल्यूएंसर, गेम कमेंटेटर, कोडर, डाटा हैंडलर्स, वायस ओवर आर्टिस्ट जैसे अन्य प्रोफाइल्स पर भी काम कर सकते हैं। इसके अलावा, यदि चाहें तो इस गेम से जुड़ी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए अपना स्टार्टअप्स भी इस क्षेत्र में शुरू कर सकते हैं।

खुद को ऐसे बढ़ाएं आगे

ई-स्पोर्ट्स भी एक प्रोफेशनल स्पोर्ट है, जिसमें करियर के लिए खास तरह की स्किल्स एवं ट्रेनिंग की जरूरत होती है। क्योंकि मोबाइल पर खेले जाने वाले नार्मल वीडियो गेम्स (लूडो, तीन पत्ती, कैंडी क्रश आदि) की तुलना में ई स्पोर्ट गेम्स बिल्कुल अलग होते हैं। इसमें खेले जाने वाले गेम्स का लेवल अलग होता है। ई-स्पोर्ट्स फेडरेशन आफ इंडिया के आधिकारिक सर्वर डिस्कार्डडाटकाम(https://discord.gg/esfi) के माध्यम से ई-स्पोर्ट्स के विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण लेने के साथ-साथ यहां सीनियर प्लेयर्स से मेंटरशिप लेते हुए अपने जोनर के गेम्स में टीम बनाकर इस तरह के गेम में कुशलता हासिल की जा सकती है। इसके अलावा, इससे संबंधित कई तरह के आनलाइन कोर्सेज भी कराये जा रहे हैं, जहां से ई-स्पोर्ट्स से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में कुशलता हासिल की जा सकती है।

फिलहाल जो युवा इस गेम में अपनी कुशलता बढ़ाना चाहते हैं, वे सबसे पहले ई-स्पोर्ट्स में अपने जोनर को पहचानें। फिर उसी जोनर के ई-स्पोर्ट गेम देखते और खेलते हुए ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस करें। अपनी टीम बनाकर ई-स्पोर्ट्स फेडरेशन आफ इंडिया के सर्वर पर आयोजित होने वाले टूर्नामेंट में भाग लें। ऐसा करके युवा इस गेम में आसानी से खुद को आगे बढ़ा सकते हैं। जानकारों के अनुसार, ई-स्पोर्ट्स गेम में गेमर को शारीरिक स्फूर्ति के साथ ही मानसिक रूप से भी मजबूत होना जरूरी होता है।

आकर्षक कमाई

ई-स्पोर्ट्स में प्लेयर के रूप में इनदिनों तमाम खिलाड़ी हर महीने लाखों में कमा रहे हैं। इस गेम में एक अच्छा ई-स्पोर्ट प्लेयर औसतन 15 से 20 लाख रुपये महीने कमा रहा है। दरअसल, यह कमाई प्लेयर्स को विभिन्न रूपों में होती है। आनलाइन प्लेटफार्म के जरिये यह गेम खेलने पर एक तो तमाम ब्रांड की तरफ से प्लेयर्स को पैसे मिलते हैं। आइपीएल की तरह ई-स्पोर्ट के लिए भी तमाम कंपनियों ने अपनी टीम बना रखी है, जिसमें खेलने पर हर महीने एक तयशुदा फीस मिलती है।

इसके अलावा, नेशनल ई-स्पोर्ट चैंपियनशिप या वल्र्ड ई-स्पोर्ट चैंपियनशिप जैसे आयोजनों में भी जीतने वाली टीम को लाखों के इनाम मिलते हैं। प्लेयर्स द्वारा यूट्यूब चैनल पर अपने गेम्स की लाइव स्ट्रीमिंग करने पर भी उन्हें इंटरनेट मीडिया प्लेटफाम्र्स की ओर से पैसे मिलते हैं। साथ ही, इस तरह के गेम्स के दर्शकों द्वारा भी प्लेयर्स को डोनेशन/चैरिटी के रूप में पैसे दिये जाते हैं, ताकि इन गेम्स और इनके प्लेयर्स को प्रोत्साहित किया जा सके।

(लोकेश सूजी, लेखक ई-स्पोर्ट्स फेडरेशन आफ इंडिया के डायरेक्टर एवं एशियन ई-स्पोर्ट्स फेडरेशन के वाइस प्रेसिडेंट हैं)


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