Year Ender 2019: लाखों लोगों को सरकार ने दी खुशियों की सौगात, मिला आवास और मालिकाना हक
साल 2019 1731 अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों के लिए खुशियां लेकर आया। निवासियों को मालिकाना हक देने का विधेयक संसद में पास हो गया।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। वर्ष 2019 दिल्ली के नागरिकों को आवास उपलब्ध कराने और मालिकाना हक दिलाने के नाम रहा। केंद्र और राज्य सरकार के बीच काफी दिन तक चली रस्साकशी के बाद अंतत: 1731 अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों को मालिकाना हक देने का विधेयक भी संसद में पास हो गया।
झुग्गी के बदले मकान देने के लिए बड़ी संख्या में कॉलोनियों का सर्वे शुरू करा दिया गया है। साथ ही लैंड पूलिंग पॉलिसी काम भी जोर पकड़ रहा है। इसके तहत डीडीए अधिकारी जल्द ही किसानों के साथ बैठक शुरू कर देंगे। इसके बाद उनका कंर्सोटियम बनाकर दो जोनों में बुनियादी सुविधाओं का नेटवर्क भी बिछा दिया जाएगा। इसके अलावा कुछ नई योजनाओं पर भी काम शुरू किया गया है।
पंजीकरण प्रक्रिया के बाद लैंड पूलिंग को खुद ही गति देगा डीडीए
दिल्ली की आवासीय जरूरतों की पूर्ति करने में खासी महत्वपूर्ण मानी जा रही लैंड पूलिंग पॉलिसी में निजी भागीदारी नहीं होते देख दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने इसे स्वयं ही गति देने का निर्णय ले लिया है। डीडीए ही जमीन का पंजीकरण कराने वाले किसानों के साथ बैठक करेगा। थोड़े- थोड़े किसानों और उनकी जमीन को आपस में मिलाकर उनका संघ (कंर्सोटियम ) तैयार करेगा।
यही नहीं, डीडीए दो जोनों में सड़क निर्माण सहित बुनियादी सुविधाएं भी विकसित करेगा ताकि बिल्डरों को लुभाया जा सके। 11 अक्टूबर 2018 को अधिसूचित और पांच जोनों एन, पी टू, के वन, एल और जे में बांटी गई इस पॉलिसी को करीब एक सौ सेक्टरों में बांटा गया है। यह जोन 20 से 22 हजार हेक्टेयर जमीन पर विकसित होंगे। इस पॉलिसी के तहत जमीन के मालिक अपनी जमीन के पूल बना सकते हैं और उसे मास्टर प्लान के तहत विकसित कर सकते हैं।
पॉलिसी के तहत डीडीए के पास कुल 6,407 हेक्टेयर जमीन का पंजीकरण हुआ है। जोन पी-2, एन, एल व के-1 में किसानों ने क्रमश: 1,248 हेक्टेयर, 3,268 हेक्टेयर, 229 हेक्टेयर व 1,691 हेक्टेयर भूमि पंजीकृत कराई है। जे जोन को ठंडे बस्ते में डालकर चला जा रहा है। समस्या यह है कि डीडीए को जमीन तो मिल गई, लेकिन इस पर फ्लैट तैयार करने के लिए बिल्डर नहीं मिले। इसलिए डीडीए खुद ही इस पॉलिसी को आगे बढ़ाएगा। इसके बाद जोन एन तथा के -1 में डीडीए सड़कें भी बनाएगा और बिजली, पानी, सीवर का नेटवर्क भी बिछाएगा।
इन सीटू डेवलपमेंट पर काम हुआ तेज
इन सीटू डेवलपमेंट के तहत इस साल दिल्ली की झुग्गी बस्तियों में ‘जहां झुग्गी वहां मकान’ की नीति पर काम तेज कर दिया है। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने एक निजी एजेंसी सोसायटी फॉर प्रमोशन ऑफ यूथ एंड मासेस (एसपीवाइएम) को 160 झुग्गी बस्तियों के सर्वे का आदेश दिया है। इन झुग्गी बस्तियों में तकरीबन 85 हजार लोग रहते हैं। मालूम हो कि दिल्ली में केंद्र सरकार और डीडीए की जमीन पर लगभग 376 झुग्गी बस्तियां हैं, जिनमें 1.73 लाख लोग रहते हैं। ये झुग्गी बस्तियां करीब 40 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र को कवर किए हुए है।
वर्ष 2022 तक राजधानी को झुग्गी मुक्त करने के मद्देनजर डीडीए ने अपना काम तेज कर दिया है। डीडीए दिल्ली की इन कॉलोनियों में सीटू प्रोजेक्ट के तहत पुनर्विकास योजना शुरू करेगा। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत योजना में डेवलपर ही झुग्गियों की जगह फ्लैट बनाने पर पूरा पैसा खर्च करेगा। इसके बदले वह खाली जमीन का उपयोग कमर्शियल डेवलपमेंट के लिए करेगा। 32 झुग्गी बस्तियों का सर्वे पहले ही पूरा हो चुका है और इनकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को अंतिम रूप दिया जा रहा है। दिलशाद गार्डन स्थित कलंदर कॉलोनी के लिए जल्द ही टेंडर निकाल दिए जाने की योजना है। इसके बाद उत्तरी बाहरी दिल्ली में रोहिणी सेक्टर 18 और दक्षिणी दिल्ली में कुसुम पहाड़ी के पास बची झुग्गी बस्ती का टेंडर निकाला जाएगा।
अनधिकृत कॉलोनियों में मालिकाना हक देने के लिए पंजीकरण पकड़ रहा जोर: संसद में विधेयक पास हो जाने के बाद 1731 अनधिकृत कॉलोनियों में मालिकाना हक के लिए डीडीए के पोर्टल पर 16 दिसंबर से पंजीकरण शुरू हो गया है और धीरे-धीरे जोर पकड़ रहा है। डीडीए की ओर से 1700 कॉलोनियों की चहारदीवारी तय कर ली गई है और 1243 कॉलोनियों के नक्शे भी पोर्टल अपलोड कर दिए गए हैं। डीडीए द्वारा स्थापित 25 सहायता केंद्र मौजूदा समय में कार्य कर रहे हैं, जिन पर लोग जाकर अपने दस्तावेजों की जांच करवा सकते हैं। दस्तावेजों को पोर्टल पर अपलोड करने में समस्या आ रही हो तो इन सहायता केंद्रों पर मदद मिल सकती है।
डीडीए ने लिया अपार्टमेंट बनाने का निर्णय
अभी तक फ्लैट बनाता रहा डीडीए पूर्वी दिल्ली में संजय झील के समीप 10 हेक्टेयर जमीन पर लेक व्यू अपार्टमेंट बनाएगा। हालांकि अपार्टमेंट का निर्माण कार्य किसी सरकारी या गैर सरकारी एजेंसी को दिया जाएगा। अलबत्ता, राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम (एनबीसीसी) को इस परियोजना का प्लान बनाने के लिए कहा गया है। इस अपार्टमेंट में एचआइजी, एमआइजी, एलआइजी और ईडब्ल्यूएस सभी श्रेणियों के फ्लैट शामिल होंगे। डीडीए ने इस अपार्टमेंट को दो साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यहां लैंडस्कैपिंग का भी शुरू हो गया है। एमपी थिएटर और योगा का स्थान भी तैयार है।
मुकरबा चौक के पास बनेगी ग्रुप हाउसिंग सोसायटी
वर्ष के आखिरी माह में जहांगीरपुरी मेट्रो स्टेशन तथा हैदरपुर मेट्रो स्टेशन के बीच आउटर रिंग रोड पर मुकरबा चौक पर स्थित 14.6 हेक्टेयर कॉमर्शियल भूमि को रिहायशी भूमि में परिवर्तित करने की योजना को स्वीकृति दी गई है।
डीडीए के उपाध्यक्ष तरुण कपूर ने बताया आबादी के बोझ और सुविधाओं के अभाव में कराहती दिल्ली निकट भविष्य में एक नए ही रूप में दिखाई देगी। क्षेत्र चाहे आवासीय हो या व्यावसायिक, औद्योगिक हो या हरित, सभी को नए स्वरूप में संवारा जाएगा। जिन इमारतों का विकास अब तक फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) कम होने के कारण नहीं हो पा रहा था, उन्हें भी नए रूप में संवारा जाएगा। इन सीटू डेवलपमेंट के तहत कोशिश यही की जा रही है कि 2022 तक सभी झुग्गियों की जगह पर पक्के मकान बना दिए जाएं। सभी अनधिकृत कॉलोनियों में मालिकाना हक देने के लिए पोर्टल पर पंजीकरण चल ही रहा है। इसके अलावा नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (एनआइयूए) के साथ हर तरह के क्षेत्र का पुनर्विकास करने के लिए विस्तृत नीति तैयार की जा रही है।
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