Move to Jagran APP

World Heart Day: एप जारी करेगा दवा की पर्ची, आसान होगी दिल की देखभाल

खास बात यह कि मरीज की स्क्रीनिंग कर ब्लड प्रेशर डायबिटीज व अन्य बीमारियों की जानकारी इस पर अपलोड करने पर यह एप दवा की पर्ची जारी कर देगा। इससे ब्लड प्रेशर व डायबिटीज के मरीजों का इलाज आसान होगा और डाक्टरों पर दबाव कम होगा।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Wed, 29 Sep 2021 01:16 PM (IST)Updated: Wed, 29 Sep 2021 01:16 PM (IST)
World Heart Day: एप जारी करेगा दवा की पर्ची, आसान होगी दिल की देखभाल
एम्स और पीएचएफआइ ने विकसित की एम-पावर एप, बीमारियों की जानकारी करनी होगी अपलोड।

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। दिल की बीमारी का सबसे बड़ा कारण हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) व डायबिटीज की बीमारी है, लेकिन जागरूकता व चिकित्सा सुविधाओं की कमी के कारण करीब दो तिहाई मरीजों को इलाज नहीं मिल पाता। अब एम्स व पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन आफ इंडिया (पीएचएफआइ) द्वारा विकसित एम-पावर एप्लिकेशन के माध्यम से दूर दराज के स्वास्थ्य केंद्र में भी इलाज हो सकेगा।

loksabha election banner

खास बात यह कि मरीज की स्क्रीनिंग कर ब्लड प्रेशर, डायबिटीज व अन्य बीमारियों की जानकारी इस पर अपलोड करने पर यह एप दवा की पर्ची जारी कर देगा। इससे ब्लड प्रेशर व डायबिटीज के मरीजों का इलाज आसान होगा और डाक्टरों पर दबाव कम होगा। एम्स के डाक्टर कहते हैं कि अब इस एप को राष्ट्रीय हेल्थ पोर्टल से जोड़ने की तैयारी है। इसलिए इलाज का यह डिजिटल माध्यम दिल की देखभाल व गंभीर बीमारी से बचाव मददगार बनेगा।

सोलन व त्रिपुरा में हुआ सफल ट्रायल: एम्स के कार्डियोलाजी विभाग के प्रोफेसर डा. अंबुज राय ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के सोलन व त्रिपुरा में इसका सफल ट्रायल किया जा चुका है। तब इसे एम-पावर नाम दिया गया था। इस एप में दवाओं का एल्गोरिदम तैयार किया गया है। इस वजह से मरीज की स्क्रीनिंग के अनुसार विवरण दर्ज करने पर एप से पर्ची तैयार हो जाती थी। इसके बाद स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद डाक्टर पर्ची देखकर यह तय कर सकते हैं कि एप द्वारा जारी पर्ची सही है अथवा नहीं। सोलन में 6797 मरीजों पर इसका ट्रायल किया गया। जिसमें पाया गया कि एप द्वारा जारी 73 फीसद दवा की पर्ची को स्वास्थ्य केंद्र में मौजूदा डाक्टर ने सही माना। 27 फीसद मामलों में भी पर्ची को ना कहने का सबसे बड़ा कारण स्वास्थ्य केंद्र में उक्त दवा उपलब्ध नहीं होना था।

उन्होंने कहा कि ज्यादातर लोगों को ब्लड प्रेशर, मधुमेह या अन्य जोखिम के बारे में मालूम नहीं होता। देश में सात से आठ करोड़ लोग डायबिटीज व 20 करोड़ लोग हाइपरटेंशन से पीड़ित हैं। इनमें से करीब एक तिहाई लोगों को ही इलाज मिल पाता है। डिजिटल माध्यम से ज्यादातर मरीजों को इलाज के दायरे में लाया जा सकता है और दिल की गंभीर बीमारियों को कम करने में मदद मिलेगी। इस बार विश्व हृदय दिवस पर थीम भी इलाज के डिजिटल माध्यम को बनाया गया है।

उन्होंने कहा कि एम-पावर एप को नए वर्जन के रूप में राष्ट्रीय स्वास्थ्य पोर्टल से भी जोड़ा जा रहा है, जिसे इलेक्ट्रानिक डीएसएस (डिसीजन सपोर्ट सिस्टम) कहा जाता है। राष्ट्रीय पोर्टल से जुड़ने के बाद स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद डाक्टर या नर्सिग कर्मचारी मरीज की स्क्रीनिंग कर ब्लड प्रेशर, शुगर, किडनी की बीमारी या कोई और परेशानी होने पर उसकी जानकारी भी इलेक्ट्रानिक डीएसएस पर दर्ज कर सकेंगे। इस आधार पर मरीज के लिए दवा की पर्ची जारी हो जाएगी।

विश्व हृदय दिवस

यह एप डाक्टर का विकल्प नहीं है। स्वास्थ्य केंद्र पर एक डाक्टर का होना जरूरी है, जो उस पर्ची को सत्यापित कर सके। डाक्टर पर्ची देखकर तय कर सकते हैं कि एप द्वारा सुझाई गई दवाएं मरीज को दी जा सकती है या उसमें कुछ बदलाव करना है। यह एप डाक्टर के सहायक के रूप में काम कर सकता है। इससे अधिक मरीजों को फायदा हो सकेगा।

डा. अंबुज राय, प्रोफेसर, कार्डियोलाजी विभाग


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.