डाटा संरक्षण विधेयक आने तक निजता नीति स्वीकार करने को नहीं करेंगे मजबूर: वाट्सएप
वाट्सएप ने मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ को सूचित को किया जब तक डाटा संरक्षण विधेयक लागू नहीं हो जाता है तब तक वे उपभोक्ताओं को नई नीति स्वीकार करने के लिए बाध्य नहीं करेंगे।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। Data Protection Bill News Update: भारत सरकार और हाई कोर्ट के सख्त रुख का नतीजा है कि एक तरफ जहां ट्विटर नये आइटी नियमों को लागू करने को तैयार है। वहीं, अब नई निजता नीति को लेकर वाट्सएप ने अपना अड़ियल रवैया छोड़ दिल्ली हाई कोर्ट में कहा कि अगर संसद अनुमति देगी तो वे इसे लागू करेंगे। वाट्सएप ने मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ को सूचित को किया जब तक डाटा संरक्षण विधेयक लागू नहीं हो जाता है तब तक वे उपभोक्ताओं को नई नीति स्वीकार करने के लिए बाध्य नहीं करेंगे। वाट्सएप ने यह भी कहा कि जिन्होंने अब तक नीति को स्वीकार नहीं किया है उनकी सेवाओं को सीमित नहीं किया जायेगा।
अब तक नीति को स्वीकार नहीं करने वालों की सेवाओं को नहीं किया जायेगा सीमित
वाट्सएप की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने यह भी कहा कि हमने स्वत: ही इसे रोकने का फैसला किया है और हम नीति को स्वीकार करने के लिए किसी को मजबूर नहीं करेंगे। हालांकि, उन्होंने कहा कि वाट्सएप अभी भी उपभोक्ताओं को अपडेट दिखाना जारी रखेगा। इस पर मुख्य पीठ ने सवाल उठाते हुए कहा कि नीति लागू करने पर भले ही आपने रोक लगा दी है, लेकिन नीति अब भी मौजूद रहेगी। आप लागू नहीं कर रहे हैं, लेकिन नीति आपके साथ है और आप कभी भी इसे लागू कर सकते हैं। इसके जवाब में साल्वे ने कहा कि विधेयक लागू होने तक यह फैसला बरकरार रहेगा। साल्वे ने पीठ से अनुरोध किया कि सीसीआइ द्वारा जांच के संबंध में भेजी गई प्रश्नावली का जवाब देने के लिए वाट्सएप को जुलाई अंत तक का समय दिया जाये।
इस विधेयक की जांच करने वाली संसद की संयुक्त समिति को रिपोर्ट देने के लिए मानसून सत्र तक का वक्त दिया गया है। फेसबुक की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने के बावजूद भी सीसीआइ ने जांच का आदेश दिया है, जोकि उचित नहीं है। सीसीआइ की तरफ से पेश हुए एडिशनल सालिसिटर जनरल अमन लेखी ने कहा कि जब तक गोपनीयता नीति मौजूद रहेगी, इसके निहितार्थ बने रहेंगें। उन्होंने कहा कि सीसीआइ के समक्ष मामला केवल जांच के स्तर पर था और अगर कदम उठाए गए तो भी कुछ नहीं होने वाला है।
फेसबुक व वाट्सएप ने नई निजता नीति के मामले में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआइ) द्वारा दी गई जांच के आदेश पर रोक लगाने से इन्कार करने के एकल पीठ के फैसले को दी है। 22 अप्रैल को एकल पीठ ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी थी कि सीसीआइ द्वारा निर्देशित जांच में हस्तक्षेप करने को लेकर फेसबुक और वाट्सएप की याचिकाओं में कोई योग्यता नहीं दिखाई देती है।