Hariyali Teej 2021 Wishes: हरियाली तीज त्योहार पर भेजें ये शुभकामना संदेश
Hariyali Teej 2021 Wishes हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाए जाने वाले हरियाली तीज को लेकर एक दिन पहले से ही माहौल नजर आने लगा है। महिलाओं ने बाजारों में जाकर खरीदारी शुरू कर दी है।
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। Hariyali Teej 2021 Wishes: हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में शामिल हरियाली तीज बुधवार को मनाई जाएगी। हरियाली तीज त्योहार उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में मनाया जाता है। इस दिन पति या होने वाले पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखते हैं। व्रत के दौरान पूरे 16 शृंगार करके भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करें। हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाए जाने वाले हरियाली तीज को लेकर एक दिन पहले से ही माहौल नजर आने लगा है। महिलाओं ने बाजारों में जाकर खरीदारी शुरू कर दी है। इस बीच महिलाओं ने एक-दूसरे को बधाई और शुभकामना संदेश भेजने भी शुरू कर दिए हैं।
1.
दुआ है मेरी ये दिन बार-बार आए,
खुदा करे हजार बार आए।
2.
सावन में झूमो सखी, खुशियों को चूमो सखी
हंस मुस्कुराओ, आया अपना त्योहार।
3.
सूरज की तरह चमको, चांदनी सी खिलखिलाओं
हरियाली तीज पर खुशियों के गीत गाओ
4.
बहारों को आने दो, हमको भी गुनगुनाने दो
हरियाली तीज आई सखी, पिया के लिए सजने दो
5.
सावन आया है खुशिया लाया है,
हरियाला तीज पर पिया मन भाया है।
6.
तुम्ही मेरी जीवन हर श्रंगार हो
सांसों की डोर और जीवन का सार हो।
7.
जब चांद हंसे तुम भी मुस्कुराना
साथ सितारे भी मुस्कुराएंगे
मन की आंखों से देखों तो
हर पल हम संग नजर आएंगे।
गौरतलब है कि हरियाली तीज बुधवार को मनायी जाएगी। यह पर्व सुहागिन विवाहित महिलाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा से सुहागन महिलाओं को पति की लंबी आयु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
दरअसल, भगवान शिव-माता पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक है। वहीं, सावन में चारों तरफ हरियाली होने के कारण इसे हरियाली तीज कहा जाता है। हरियाली तीज में सुहागिन महिलाएं सोलह शृंगार करती हैं। इस रोज महिलाएं मायके से आए वस्त्र को ही पहनती हैं। इसके साथ साथ ही शृंगार का सामान भी मायके से ही आता है, जिसे सुहागिनें पहनती हैं। माना जाता है कि जो कुंवारी कन्याएं इस व्रत को रखती हैं उनके विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। ऐसे में लड़कियां और युवतियां भी व्रत रखती हैं।