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ये वो शहर तो नहीं: एक मारता तो दूसरा बचाता है और कोई मूंद लेता है अांखें

गुरुग्राम में इंसानियत का नमूना पेश करने की घटना सामने आई है। यहां की एक सोसायटी में स्वाति नाम की महिला ने आग लगने पर कई लोगों को सतर्क किया, लेकिन खुद की जान न बचा सकी।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 09 Oct 2018 02:05 PM (IST)Updated: Tue, 09 Oct 2018 02:24 PM (IST)
ये वो शहर तो नहीं: एक मारता तो दूसरा बचाता है और कोई मूंद लेता है अांखें
ये वो शहर तो नहीं: एक मारता तो दूसरा बचाता है और कोई मूंद लेता है अांखें

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। जो उन को ताड़ता है सो है वो भी आदमी, 
याँ आदमी पे जान को वारे है आदमी। 
और आदमी पे तेग़ को मारे है आदमी, 
पगड़ी भी आदमी की उतारे है आदमी। 
चिल्ला के आदमी को पुकारे है आदमी, 
और सुन के दौड़ता है सो है वो भी आदमी।
अच्छा भी आदमी ही कहाता है ऐ 'नज़ीर', 
और सब में जो बुरा है सो है वो भी आदमी।

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मशहूर शायर नज़ीर अकबराबादी की गजल के ये चंद शेर इंसान के दो रूपों को बयां करते हैं, जिसमें आदमी कभी हैवान तो कभी संवदनशील इंसान... दरअसल, दिल्ली-एनसीआर में पिछले कुछ दिनों के दौरान घटी घटनाओं से इंसान के उजला पक्ष के साथ उसका स्याह पक्ष भी बेनकाब हुआ है। दिल्ली के कनॉट प्लेस में जहां एक ऑटो ड्राइवर को कुछ किशोरों ने जरा से विवाद में मार डाला तो दिल्ली के ही उत्तमनगर में एक शख्स की हत्या इसलिए कर दी गई, क्योंकि उसके कुत्ते को गाड़ी टच हो गई थी और उसने कुत्ते से सॉरी नहीं बोला था। दोनों ही घटनाओं के दौरान लोग मौजूद थे, लेकिन किसी ने मदद की कोशिश नहीं की और इंसान के सामने ही इंसानियत ने दम तोड़ दिया। वहीं, दूसरी घटना मरती इंसानियत के बीच रोशनी की किरण भी बनी है, जिसमें गुरुग्राम की स्वाति नाम की महिला ने आग से घिरे कई लोगों की जान बचाई, लेकिन वह खुद को नहीं बचा सकी।

पहली घटनाः कनॉट प्लेस में ऑटो ड्राइवर को पीटकर मार डाला  

कनॉट प्लेस में रविवार रात इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली एक घटना सामने आई। चाकू लगने से खून से लथपथ ऑटो चालक जहांगीर आलम बाराखंभा रोड इलाके में एक ढाबे के सामने ऑटो से बाहर निकलकर सड़क किनारे जमीन पर तड़पता रहा, लेकिन उधर से गुजर रहे लोगों में से किसी ने उसे अस्पताल पहुंचाने में मदद नहीं की। संवेदनहीनता इस कदर दिखी कि राहगीर रुक-रुक कर मोबाइल से वीडियो बनाने और चलते बनते। अगर लोग समय रहते मदद के लिए हाथ बंटाते और जहांगीर को अस्पताल पहुंचा देते तो संभवत: उसकी जान बच सकती थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कुछ देर बाद उधर से होकर गुजर रहे हवलदार की नजर पड़ी तो उन्होंने पीसीआर वैन की मदद से जहांगीर को अस्पताल पहुंचाया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

दूसरी घटनाः कुत्ते को SORRY नहीं बोला तो पीटकर मार डाला

कुत्ते को सॉरी न बोलने पर हत्या का ये शर्मनाक मामला देश की राजधानी दिल्ली का है। उत्तम नगर थाना क्षेत्र के मोहन गार्डन में दो दिन पहले मालवाहक टेंपो से पालतू कुत्ते को हल्की टक्कर लग गई थी। टेंपो विजेन्द्र राणा नाम का एक शख्स चला रहा था। पुलिस को जांच में पता चला है कि टक्कर लगने के बाद आरोपितों ने विजेंद्र को कुत्ते से माफी मांगने को कहा था। विजेंद्र के ऐसा न करने के बाद ही आरोपितों ने उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मौके से सीसीटीवी फुटेज मिली है, जिसमें अंकित, पारस और उसके अन्य सहयोगी विजेंद्र को खींचते हुए अपने घर की ओर ले जाते हुए दिख रहे हैं। वहीं, कुछ लोग भी मौजूद थे, लेकिन किसी ने शख्स को बचाने की हिम्मत नहीं दिखाई।

तीसरी घटनाः कई जानें बचाकर खुद को कर दिया कुर्बान

गुरुग्राम में इंसानियत का नमूना पेश करने की घटना सामने आई है। यहां की एक सोसायटी में  स्वाति नाम की महिला ने आग लगने पर कई लोगों को सतर्क किया और उनकी जान बचाई लेकिन खुद धुएं में दम घुटने से उसकी मौत हो गई। दूसरी तरफ वे नाबालिग और तमाशबीन लोग जो एक ऑटो ड्राइवर को तड़प-तड़प कर मरते देखते रहे और उसका वीडियो बनाते रहे लेकिन अस्पताल नहीं ले गए। रविवार को सेक्टर-70 की ट्यूलिप ऑरेंज सोसायटी में आग लग गई। इस दौरान स्मॉग अलार्म भी नहीं बजा जिस कारण कई लोग आग लगने पर बाहर नहीं निकल सके, लेकिन तब ही 32 साल की इंटीरियर डिजाइनर स्वाति गर्ग ने अपनी जान की परवाह किए बगैर लोगों के घरों में जा जाकर उन्हें बाहर निकाला


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