भंडारण व्यवस्था की तो आक्सीजन क्यों नहीं रखतेः हाई कोर्ट
पीठ ने कहा आपात स्थिति में सभी राज्यों को आक्सीजन की जरूरत होगी और अगर उस समय टैंक नहीं भरे रहे और आपको बाहर से आक्सीजन की सप्लाई नहीं मिली तो जरूरत पड़ने पर भंडारण की यही व्यवस्था बेकार साबित होगी।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। भविष्य में दिल्ली की समस्या को दूर करने के लिए आक्सीजन भंडारण की व्यवस्था करने के बावजूद भी आक्सीजन नहीं रखने के पीछे दिल्ली सरकार के फैसले पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सवाल उठाया है। न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा कि भंडारण की व्यवस्था की है तो आक्सीजन क्यों नहीं रखते। पीठ ने पूछा क्या कोई ऐसा व्यक्ति है जो वैज्ञानिक रूप से इसका विश्लेषण कर रहा है और किसी निष्कर्ष पर पहुंच रहा है? पीठ ने कहा इसका वैज्ञानिक फॉर्मूला होना चाहिए।
पीठ ने कहा कि जब आक्सीजन दिल्ली लाना था तब आपके पास इसे लाने के लिए टैंकर नहीं थे और इसे भंडारण की व्यवस्था नहीं थी। आपात स्थिति में सभी राज्यों को आक्सीजन की जरूरत होगी और अगर उस समय टैंक नहीं भरे रहे और आपको बाहर से आक्सीजन की सप्लाई नहीं मिली तो जरूरत पड़ने पर भंडारण की यही व्यवस्था बेकार साबित होगी। उक्त टिप्पणी करते हुए पीठ ने दिल्ली सरकार को इस संबंध में 15 जुलाई को स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।
अदालत ने ये सवाल और टिप्पणी तब की जब दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए स्टैंडिंग काउंसल राहुल मेहरा ने पीठ को बताया कि अगर कल हमें एक हजार मैट्रिक टन आक्सीजन की जरूरत हुई तो हमारे पास अब 1265 मैट्रिक टन भंडारण क्षमता है। उन्होंने बताया कि 171 बफर स्टाक क्षमता भी इंस्टाल किया गया है। मेहरा ने यह भी बताया कि दिल्ली में 76 पीएसए प्लांट भी सरकारी अस्पतालों में इंस्टाल किये जा चुके हैं। 76 में से 67 दिल्ली सरकार और बाकी नौ प्लांट केंद्रीय अस्पतालों में इंस्टाल किये गये हैं। बफर स्टाक के लिए 171 मैट्रिक टन क्षमता के तीन टैंक इंस्टाल किये गए हैं और 100 मैट्रिक टन के दो टैंक इंस्टाल किये गये हैं।
आक्सीजन क्षमता बढ़ाने पर रिपोर्ट पेश करे केंद्र
सुप्रीम कोर्ट के 30 अप्रैल के आदेश के तहत दिल्ली में लिक्विड मेडिकल आक्सीजन का बफर स्टाक बढ़ाने के मामले पर कोर्ट ने केंद्र सरकार को एक सप्ताह के अंदर स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। इसके साथ आइआइटी दिल्ली द्वारा दिल्ली में आक्सीजन क्षमता बढ़ाने को लेकर की गई संस्तुतियों पर भी केंद्र सरकार को रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान अदालत मित्र राज शेखर राव ने पीठ को सूचित किया कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान इसे अत्यधिक दरों पर बेचे जा रहे आक्सीजन कंसंट्रेटर की कीमतें तय करने के लिए केंद्र सरकार ने कदम उठाया है। इस पर पीठ ने केंद्र सरकार को कीमत तय करने संबंधी अधिसूचना को पेश करने का निर्देश दिया।