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पढ़िए दिल्ली अभिभावक संघ शिक्षा उत्कृष्टता पुरस्कार-2021 में चयनित स्कूलों से क्यों नाराज है, रखी ये शर्त

दिल्ली अभिभाभवक संघ (डीपीए) ने शिक्षा निदेशालय द्वारा शिक्षा उत्कृष्टता पुरस्कार-2021 के लिए चयनित स्कूलों के निरीक्षण की मांग की है। अभिभावक संघ ने इस संबंध में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उपराज्यपाल अनिल बैजल और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो को पत्र लिखा है।

By Pradeep ChauhanEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 10:27 AM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 10:27 AM (IST)
पढ़िए दिल्ली अभिभावक संघ शिक्षा उत्कृष्टता पुरस्कार-2021 में चयनित स्कूलों से  क्यों नाराज है, रखी ये शर्त
शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों ने इस पुरस्कार के लिए स्कूलों के चयन में लापरवाही बरती है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली अभिभाभवक संघ (डीपीए) ने शिक्षा निदेशालय द्वारा शिक्षा उत्कृष्टता पुरस्कार-2021 के लिए चयनित स्कूलों के निरीक्षण की मांग की है। अभिभावक संघ ने इस संबंध में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपराज्यपाल अनिल बैजल और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो को पत्र लिखा है। पत्र में डीपीए की अध्यक्ष अपराजिता गौतम का आरोप है कि शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों ने इस पुरस्कार के लिए स्कूलों के चयन में लापरवाही बरती है।

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अपराजिता ने बताया कि निदेशालय ने जिला स्तर पर 13 स्कूलों को शिक्षा उत्कृष्टता के लिए चयनित किया है। इसमें ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित सर्वोदय कन्या विद्यालय को मध्य जिला से चयनित किया है जो इस पुरस्कार के मानदंडों पर खरा नहीं उतरता है। उन्होंने बताया कि जुलाई 2021 में दीवार गिरने से तीन लोग घायल हो गए थे और छह कारें, एक बाइक और एक रिक्शा क्षतिग्रस्त हो गया था। मामले में पुलिस ने दीवार की मरम्मत नहीं करने व देखभाल में लापरवाही बरतने की रिपोर्ट दर्ज की थी। उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा में बच्चों की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मानदंड होता है। लेकिन स्कूल की दीवार गिरने और एफआइआर दर्ज होने के बाद भी इस स्कूल को पूरे मध्य जिले से चयनित किया गया।

उन्होंने सरकार से मांग करी कि स्कूल द्वारा जमा कराए गए दस्तावेजों की बारीकी से जांच की जाए साथ ही लापरवाही बरतने पर संबंधित अधिकारियों पर उचित कार्रवाई की जाए। साथ ही विभिन्न स्तर पर अन्य चयनित स्कूलों द्वारा जमा कराए गए दस्तावेजों की भी बारीकी से जांच हो उसके बाद ही निदेशालय चयनित स्कूलों की सूची जारी करें। उन्होंने कहा कि निदेशालय अपनी जांच में ये भी देखे कि स्कूल या स्कूल के कर्मचारी के खिलाफ कोई केस दर्ज है या नहीं।

पाक्सो, पीटीए और स्कूल की सुरक्षा से संबंधित कमेटियां गठित है की नहीं। साथ ही स्कूल शिक्षा निदेशालय के सभी आदेशों का पालन करता है या नहीं। उल्लेखनीय है कि इस पुरस्कार के लिए स्कूलों के निरीक्षण की रिपोर्ट भी मांगी जाती है। प्रधानाचार्यों को इस पुरस्कार के लिए सभी दस्तावेजों के साथ आवेदन करना होता है और उपशिक्षा निदेशकों को इन साथ ही दस्तावेजों की पुख्ता जांच करनी होती है।


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