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दिल्ली हाई कोर्ट में जूही चावला ने आखिर क्यों कहा- 'ब्रह्मांड का अपना रास्ता है'

दिल्ली हाई कोर्ट की पीठ ने बृहस्पतिवार को सुनवाई के अंत में कहा हो सकता है कि यह सब आपको डीएसएलएसए में लाने के लिए हुआ हो तो जूही चावला ने जवाब दिया कि ब्रह्मांड का अपना रास्ता है।

By Jp YadavEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 02:25 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 02:26 PM (IST)
दिल्ली हाई कोर्ट में जूही चावला ने आखिर क्यों कहा- 'ब्रह्मांड का अपना रास्ता है'
दिल्ली हाई कोर्ट में जूही चावला ने आखिर क्यों कहा- 'ब्रह्मांड का अपना रास्ता है'

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। 5G तकनीक लागू करने के विरोध में दायर याचिका के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में एक्ट्रेस जूही चावला को बड़ी राहत देते हुए जुर्माने की रकम 20 लाख से घटाकर 2 लाख रुपये कर दी। इसके साथ ही  दिल्ली हाई कोर्ट ने जूही चावला के खिलाफ इन टिप्पणियों को कार्यवाही से निकाल दिया कि उन्होंने प्रचार पाने के लिए 5जी नेटवर्क स्थापित करने को चुनौती देने वाला वाद दायर किया था। बृहस्तपतिवार को  हाई कोर्ट के 2 जजों की बेंच ने यह भी कहा कि जूही चावला ने 5जी मुद्दे को हल्के-फुल्के तरीके से नहीं लिया था।

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हम सभी ने लिया जूही चावला की फिल्मों का आनंद

सुनवाई के दौरान डीएसएलएसए सचिव कंवलजीत अरोड़ा ने कहा कि वह एक्ट्रेस जूही चावला के बहुत बड़े प्रशंसक थे और अगर वह समिति के लिए काम करने के लिए सहमत होती हैं, तो यह हाशिए के वर्ग के लिए मददगार होगा और उन्हें सशक्त बनाएगा। इस पर पीठ ने कहा कि हां, हम सभी ने उनकी फिल्मों का आनंद लिया।" पीठ ने सुनवाई के अंत में कहा हो सकता है कि यह सब आपको डीएसएलएसए में लाने के लिए हुआ हो, तो जूही चावला ने जवाब दिया कि ब्रह्मांड का अपना रास्ता है।

सभी नागरिकों को राहत दिलाने के लिए किया था मुकदमा : जूही

जूही चावला ने पीठ के समक्ष कहा कि उन्हें जनहित के किसी भी मामले में सहायता करने में बहुत खुशी होगी और वह उन पर लगाए गए जुर्माना को कम करने के लिए अदालत की आभारी हैं। चावला ने कहा कि मैंने अपने परिवार के साथ-साथ पूरे देश के सभी नागरिकों को राहत के लिए मुकदमा दायर किया। मैं वर्ष 2010 से हानिकारक विकिरण के प्रभावों का अध्ययन कर रही हूं। मेरी पृष्ठभूमि और कार्यों से संबंधित पहलुओं को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया। यह एक गंभीर मामला है लेकिन इसे दरकिनार कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि वह इस बात को स्वीकार करने के लिए पीठ की आभारी हैं कि मामला गंभीर है। हम अखबारों में ऐसी खबरें देखते हैं जो हमें सही साबित कर रही हैं। यह वास्तव में खुशी की बात होती अगर लागत पूरी तरह से कम कर दी जाती क्योंकि सैद्धांतिक रूप से मुझे लगता है कि मैंने कुछ गलत नहीं किया। लेकिन फिर भी मैं इसकी सराहना करती हूं। मैं यह भी अनुरोध करती हूं कि प्रचार बटोरने के संबंध में की गई टिप्पणियों को भी रिकार्ड से हटा दिया जाए। कोर्ट ने उनके इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए ऐसा ही किया।


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