Oxygen Concentrators: दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा MRP निर्धारित करने के लिए क्यों नहीं तय करते फार्मूला
दिल्ली निवासी मनीषा चौहान ने याचिका दायर कर आक्सीजन कंसंट्रेटर की कीमत निर्धारित करने की मांग की है। इसके साथ ही विशेष फास्ट ट्रैक अदालतों के समक्ष इस तरह के मामलों को उठाने के लिए विशेष लोक अभियोजकों की नियुक्ति की भी मांग की है।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। आक्सीजन कंसंट्रेटर की कीमत पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि आखिर इसकी एमआरपी निर्धारित करने के लिए एक फार्मूला क्यों तय नहीं कर सकते है। न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा कि कोरोना संक्रमण के उपचार में इसकी मांग है और लोगों से इसके लिए अत्यधिक कीमत वसूली जा रही है। पीठ ने कहा कि उत्पाद की कीमत पर एक सीमा होनी चाहिए। किसी उत्पाद की कीमत असीमित नहीं हो सकती।
पीठ ने कहा कि भविष्य में कोई चीनी निर्माता कोई दाम तय कर देगा तो इसकी अनुमति नहीं जा सकती है। पीठ ने कहा एक सरकार के रूप में आपकी जिम्मेदारी है कि लोग वास्तव में उत्पाद का खर्च उठाने में सक्षम हों। किसी उत्पाद की कमी का फायदा नहीं उठाया जा सकता है। पीठ ने केंद्र सरकार पूछा क्या आपको उपभोक्ता के बारे में नहीं सोचना चाहिए।
हम सरकार से यह नहीं कह रहे हैं कि रुपये या पैसे में कीमत तय की जाए, बल्कि एक सिद्धांत तय किया जाए ताकि उसके आधार पर आक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदा जा सके।
पीठ ने पूछा कि सरकार कीमत निर्धारित करने के लिए एक फॉर्मूला क्यों नहीं तय कर सकती। पीठ ने कहा कि सरकार यह नहीं कह सकती है कि मांग के सापेक्ष आपूर्ति कम है और सबकुछ अचानक होने के कारण वह कुछ नहीं कर सकती है। यह कोई जवाब नहीं है। आपको इसे ठीक करना होगा। पीठ ने कहा उत्पाद की कीमत और शुल्क (जीएसटी) के साथ 15 फीसद लाभ मार्जिन जैसे सूत्र के आधार पर कीमत तय करने का सुझाव दिया।
सरकार का हस्तक्षेप होना चाहिए
पीठ ने कहा कि केवल मांग और आपूर्ति का मानदंड नहीं हो सकता। सरकार को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए और कीमत पर एक सीमा होनी चाहिए। सरकार हवा में बातें करके यह नहीं कह सकती है कि कीमत तय नहीं हो सकती। वहीं, केंद्र सरकार के वकील कीर्तिमान सिंह और अमित महाजन ने कहा कि शुरूआती कीमत निर्यातक द्वारा ही निर्धारित की जाती है। उन्होंने कहा बाजार में अलग-अलग कीमतों, आकारों और नामों के साथ उपलब्ध आक्सीजन कंसंट्रेटर की कीमत तय करना सरकार के लिए संभव नहीं है। हालांकि, उन्होंने कहा कि इस पर निर्देश लेकर पीठ को अवगत कराएंगे। इस पर पीठ ने सुनवाई 19 मई तक के लिए स्थगित कर दी।
दिल्ली निवासी मनीषा चौहान ने याचिका दायर कर आक्सीजन कंसंट्रेटर की कीमत निर्धारित करने की मांग की है। इसके साथ ही विशेष फास्ट ट्रैक अदालतों के समक्ष इस तरह के मामलों को उठाने के लिए विशेष लोक अभियोजकों की नियुक्ति की भी मांग की है।
चौहान की ओर से पेश अधिवक्ता संजीव सागर और नाजिया परवीन ने पीठ को बताया कि कोरोना के लिए आवश्यक दवाओं और उपकरणों को आवश्यक वस्तुओं के रूप में घोषित करने वाली अधिसूचना के अभाव में जमाखोरी और कालाबाजारी की जा रही है। केंद्र ने पीठ से कहा कि वे उन निर्माताओं के खिलाफ कार्रवाई करेंगे जो अधिक शुल्क लेकर भारी धन की वसूली कर रहे हैं। केंद्र के अधिवक्ता ने दलील दी कि एमआरपी पर भ्रम है और निर्यातक द्वारा कीमतें बदली जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अगर कीमतें तय की जाती है तो आपूर्तिकर्ता अभी जो भी आपूर्ति कर रहे हैं उसे भी बंद कर देंगे।