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रोहिणी कोर्ट की सुरक्षा में कहां हुई चूक? जानिए आखिर कैसे कोर्ट रुम तक पहुंच गया विस्फोटक

दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में चार महीने के अंदर दूसरी बार सुरक्षा में बड़ी चूक हुई है। गुरुवार को कोर्ट रूम में कम तीव्रता का बम विस्फोट ने पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था का पोल खोल दिया। लैपटाप बैग में रखे गए टिफिन बम के विस्फोट से हड़कंप मच गया।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 09 Dec 2021 02:52 PM (IST)Updated: Thu, 09 Dec 2021 03:16 PM (IST)
रोहिणी कोर्ट की सुरक्षा में कहां हुई चूक? जानिए आखिर कैसे कोर्ट रुम तक पहुंच गया विस्फोटक
रोहिणी कोर्ट की सुरक्षा में कहां हुई चूक? टिफिन बम ब्लास्ट ने पुलिस पर खड़े कई सवाल

नई दिल्ली [संजय सलिल] । दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में चार महीने के अंदर दूसरी बार सुरक्षा में बड़ी चूक हुई है। गुरुवार को कोर्ट रूम में कम तीव्रता का बम विस्फोट ने पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था का पोल खोल दिया। लैपटाप बैग में रखे गए टिफिन बम के विस्फोट से हड़कंप मच गया। जांच के दौरान सुरक्षा एजेंसियों को कुछ कील, मोटर साइकिल की बैटरी और वायर भी बिखरे हुए मिले हैं। स्पेशल सेल के एक अधिकारी ने बताया की ब्लास्ट टीन के डिब्बे में हुआ। सफेद पाउडर डिब्बे में रखा हुआ था। वह कोर्ट में रूम में बिखर गया।

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अब सवाल उठ रहे हैं आखिर कहां पर सुरक्षा में चूक हुई है। कड़ी सुरक्षा के बीच टिफिन बम कोर्ट रूम में कैसे पहुंचा। सुरक्षा के लिए कोर्ट के गेट पर लगाई गई मेंटर डिटेक्टर की पकड़ में आखिर क्यों नही आया। ऐसे तमाम सवाल हैं जिनकी हम पड़ताल करने की कोशिश कर रहे हैं।

मिली जानकारी के अनुसार, रोहिणी कोर्ट के अंदर जाने के लिए नौ गेट हैं जिनमें से तीन गेटों से पब्लिक की एंट्री होती है। जबकि तीन गेट स्टाफ और वकील के लिए हैं। एक गेट जजों के लिए हैं। बाकी गेट बंद हैं। जिन गेटों से कोर्ट परिसर में एंट्री होती है वहां सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था है। सभी गेटों पर मेंटर डिटेक्टर लगे हुए हैं। सभी गेटों पर चेकिंग होती है। वकीलों और स्टाफ का आईकार्ड देखा जाता है जबकि तारीख पर आने वालों की एंट्री पहचान पत्र देखने के बाद ही दी जाती है। पहचान पत्र में आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस इत्यादि में से कोई एक चेक किया जाता है।

सूत्रों के अनुसार, जो लोग कार से कोर्ट परिसर में जाते हैं उनकी ठीक तरीके से चेकिंग नही होती है। अंडरग्राउंड पार्किंग में गाड़ी कड़ी होती है। पार्किंग में आठ लिफ्ट है, जिनमें से सात लिफ्ट में चेकिंग में होती है। कोर्ट के जिस हिस्से में धमाका है उसकी लिफ्ट में चेकिंग नही होती है। ऐसी आशंका है कि विस्फोटक रखने वाला गाड़ी से आया होगा। इसके बाद पार्किग से कोर्ट रूम तक पहुंचा होगा।

इस बात की आशंका बहुत कम है कि विस्फोटक रखने वाला गेट के जरिए कोर्ट रूम में दाखिल हुआ होगा। कोर्ट रूम में  विस्फोटक रखने और फिर वहां से सुरक्षित चला जाना अपने आप में हैरान करने वाला है। आखिर आरोपित पुलिस की पकड़ में क्यों नहीं आया। विस्फोटक रखने वाला वकील की पोशाक में वहां गया। इस पर भी सुरक्षा एजेंसियों का शक जा रहा है।

बता दें कि सितंबर को रोहिणी कोर्ट में कुख्यात गैंगस्टर जितेंद्र उर्फ गोगी हत्या के बाद दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने दिल्ली की सभी अदालतों की सुरक्षा समीक्षा कर अदालतों की सुरक्षा का जिम्मा पुलिस की सुरक्षा यूनिट को सौंप दिया था। पहले अदालतों की सुरक्षा स्थानीय पुलिस करती थी। अब एसीपी की निगरानी में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। इसके बावजूद रोहिणी कोर्ट में ब्लास्ट की घटना हो गई।

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