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जब आप स्वस्थ होंगे, तो रहेंगे फोकस्ड और फिर जीत होगी पक्की....

कोरोना ने अपने कदम फिर आगे बढ़ा लिए हैं। ऐसे में बाहर निकलकर खेलना जोखिम भरा हो सकता है। फिर क्या करें कि फिट एवं तनावमुक्त रहकर कर सकें परीक्षा की तैयारी? संतुलित खान-पान और व्यायाम से ऐसा करना संभव है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Sat, 03 Apr 2021 09:34 PM (IST)Updated: Sun, 04 Apr 2021 04:38 PM (IST)
जब आप स्वस्थ होंगे, तो रहेंगे फोकस्ड और फिर जीत होगी पक्की....
फिट एवं तनावमुक्त रहकर परीक्षा की तैयारी? संतुलित खान-पान और व्यायाम से ऐसा करना संभव है।

नई दिल्ली, [यशा माथुर]। दोस्तों, एक तो बोर्ड परीक्षाएं सामने हैं और दूसरे कोरोना ने अपने कदम फिर आगे बढ़ा लिए हैं। ऐसे में बाहर निकलकर खेलना जोखिम भरा हो सकता है। फिर क्या करें कि फिट एवं तनावमुक्त रहकर कर सकें परीक्षा की तैयारी? संतुलित खान-पान और व्यायाम से ऐसा करना संभव है। क्योंकि जब आप स्वस्थ होंगे, तो रहेंगे फोकस्ड और फिर जीत होगी पक्की....

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फिट रहना आपके लिए इन दिनों एक चुनौती है। परीक्षाओं के मद्देनजर तो यह कुछ ज्यादा ही बढ़ जाती है। इस समय आपमें अच्छी याददाश्त के साथ देर तक पढ़ पाने की क्षमता होनी चाहिए। यह तब होगी जब आप अपनी जीवनशैली में बदलाव करते हुए खुद को फिट रखने का प्रयास करेंगे।

एक घंटे की एक्सरसाइज है जरूरी

दोस्तों, अगर आपको खेलने के लिए कोई उचित जगह या बाहर जाने की अनुमति नहीं मिलती तो आप घर में भी एक्सरसाइज करके फिट और तरोताजा रह सकते हैं। पार्क में नहीं जा सकते तो घर में रस्सी कूद लीजिए। पार्क में जहां ज्यादा भीड़ न हो वहां शारीरिक दूरी बनाते हुए साइकिल चला सकते हैं।

जिस समय ज्यादा लोग बाहर नहीं होते हैं उस समय को अपने बाहर निकलने के लिए चुनिए। एक रिसर्च बताती है कि वसा (फैट) को घटाने और ताकत में सुधार के लिए बच्चों के लिए कुछ देर का कठिन व्यायाम ही काफी है। शारीरिक गतिविधि व मांसपेशियों की ताकत के बीच गहरा संबंध है।

न्यूट्रिशनिस्ट आरुषि अग्रवाल कहती हैं, 'जुंबा, एरोबिक्स आदि के जरिए व्यायाम कर सकते हैं। इंटरनेट मीडिया पर इन्हें सीखा जा सकता है। अपने रूटीन में कम से कम एक घंटा जरूर निकालें जिसमें आपकी फिजिकल एक्सरसाइज हो। घर से बाहर नहीं निकल सकते हैं तो क्या घर में रहकर भी योग कर सकते हैं।

आप दीवार और काउच का सपोर्ट लेकर व्यायाम कर सकते हैं। पानी की बाल्टी लेकर वेट एक्सरसाइज कर सकते हैं। अपना एक ऐसा ग्रुप बनाएं जिसमें बच्चे एक-दूसरे को मोटिवेट करें। परीक्षाओं में पढ़ाई पर फोकस करने के लिए नियमित व्यायाम जरूरी है।’ सेलिब्रिटी एंकर व एक्टर अनुष्का अरोड़ा कहती हैं कि मैं हर दिन परीक्षा से गुजरती हूं।

मेरा काम मुझे शारीरिक और मानसिक रूप से थका देता है लेकिन नियमित व्यायाम मुझे फिट रखता है। आप दिन में चाहे एक घंटे ही व्यायाम या आउटडोर गेम करें लेकिन यह बहुत जरूरी है। कड़ी मेहनत ही सफलता दिलाएगी। स्वस्थ और फिट रहकर ही वह सब हासिल होगा जो आपका सपना है।

पढ़ने, सोने, खाने, खेलने का बनाएं रूटीन परीक्षाएं वैसे ही नियमित और संतुलित रूटीन मांगती हैं ताकि स्वास्थ्य ठीक रखने

की चुनौती को स्वीकारा जा सके। ऐसे में तरोताजा होने के लिए खेलने को भी न मिल सके तो बच्चे क्या करें? कैसे नियमित भोजन लें? कैसे व्यायाम करें? पढ़ाई के बीच एनर्जी बनाए रखने के टिप्स क्या हों? फिजिकल और मेंटल फिटनेस के लिए वे

क्या करें?

फिटनेस कोच व ऑनलाइफ केयर प्राइवेट लिमिटेड के एमडी वैभव मिश्रा कहते हैं, बोर्ड परीक्षा के दौरान बच्चे सिर्फ पढ़ाई ही करते हैं, खेलते नहीं, कोई शारीरिक गतिविधि नहीं करते हैं जिससे वे तारोताजा नहीं हो पाते और उनको अपना पढ़ा हुआ भूल जाता है। एक शेड्यूल के हिसाब से पढऩे, सोने, खाने और खेलने का समय तय करें। इस समय मेंटल हेल्थ का भी ध्यान रखना है। घरवालों के साथ बात करें।

अनावश्यक तनाव न लें

परीक्षा में कैसे प्रश्न आएंगे? मैं सभी हल कर पाऊंगा या नहीं? जो कोर्स मैंने अच्छे से पढ़ा है उसमें से प्रश्न आएंगे या नहीं? ऐसी आशंकाएं परीक्षा से पहले ही आपका मानसिक तनाव बढ़ा सकती हैं। इससे बचने के लिए पहले तो आपको सलेक्टिव स्टडी से बचते हुए पूरे पाठ्यक्रम को ध्यान से देखना चाहिए। दूसरे, अपनी अच्छी नींद की फिक्र करनी चाहिए।

थोड़ी देर के लिए ब्रेक लें और टहलें। इससे पढ़े हुए को रिवाइज करने में मदद मिलेगी। अगर आपको नींद आ रही है या थकान महसूस हो रही है, तो 15 मिनट का अलार्म सेट करें और पावर नैप (कुछ मिनटों की झपकी) लें। चाइल्ड काउंसलर पूनम कामदार कहती हैं कि अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी है। इससे पढ़ने के लिए जरूरी एनर्जी मिलेगी। कल क्या पढऩा है, इसे रात में ही लिख लें।

फिर खुद को रिलैक्स करते हुए आराम से सो जाएं। परीक्षाओं के बीच आउटिंग का प्रोग्राम न रखें। इससे काफी व्यवधान हो जाता है। हां, शाम को मोहल्ले या सोसायटी के बच्चों के साथ वॉक कर सकते हैं।’ वैसे भी आप किशोर बच्चों में तनाव एक सबसे बड़ी समस्या है। आप जैसे बढ़ते बच्चों में हारमोंस का बदलाव होता है।

इससे मन कभी अच्छा रहता है कभी खराब। इससे बचने के लिए आप दबाव न लें और संगीत व कला जैसी चीजों से जुड़ें। इससे आप पॉजिटिव बने रहेंगे। आपको मेडिटेशन भी करना चाहिए ताकि दिमाग नकारात्मक चीजों की तरफ न जाए। माता-पिता को भी चाहिए कि पढ़ाई को लेकर आप पर अतिरिक्त दबाव न बढ़ाएं क्योंकि आजकल के बच्चों को पता होता है कि उन्हें अच्छे प्रदर्शन और करियर के लिए क्या करना है।

संतुलित डाइट है सेहत का मंत्र

परीक्षाओं में स्वास्थ्य को बनाए रखने में संतुलित खान-पान की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। डाइट संतुलित रहने से आप मोटापे से बच सकते हैं और अपनी एनर्जी को बनाए रख सकते हैं। आपके मम्मी-पापा को हमेशा अपने बच्चों के लिए भोजन की योजना बनाने की आदत विकसित करनी चाहिए और आपको पर्याप्त मैक्रोन्यूट्रिएंट्स और सूक्ष्म पोषक तत्व देने चाहिए। परीक्षा में बैठने से पहले बच्चे को डाइट से 1800 से 2000 कैलोरी की जरूरत पड़ती है।

अधिकतर शाकाहारियों के लिए दाल प्रोटीन का मुख्य स्रोत होता है। हरी पत्तेदार सब्जियां कोलेस्ट्रॉल को कम करती हैं, इनमें विटामिन बी भी होता है जो आपके शरीर में उर्जा को बनाये रखता है। थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ खाएं। प्रोटीन से काफी देर तक भूख नहीं लगती है। कार्बोहाइड्रेट्स कम कर दें। जूस और सूप हर बच्चे को सूट नहीं करते हैं इसलिए एकदम से इन्हें न लें। हां, अगर पहले से आदत डाल लें तो अच्छा।

बच्चे बंद कमरे में देर तक पढ़ते हैं लेकिन हवा का बहाव बहुत जरूरी है, ऑक्सीजन जरूरी है। शोध बताते हैं कि आउटडोर खेल और गतिविधियों से बच्चे प्रायोगिक ढंग से सीखते हैं और उनके मस्तिष्क का अधिक इस्तेमाल भी होता है। बच्चे जब घर में ही बंद रहते हैं तो उनकी रोग-प्रतिरोधक प्रणाली का विकास कम होता है।

खाते समय स्क्रीन देखना ठीक नहीं

परीक्षाओं के दौरान बच्चों को स्वास्थ्यवर्धक खाने पर ज्यादा जोर देना चाहिए। जंक फूड कम से कम लें। शरीर में पानी की मात्रा कम न हो। पानी की बोतल साथ रखें। नारियल पानी भी लें। प्रोटीन हर डाइट में लें। हमारे मस्तिष्क को भी नई कोशिकाओं की जरूरत होती है। प्रोटीन नये मसल्स बनाता है।

बच्चे बड़े हो रहे होते हैं तो उन्हें प्रोटीन की आवश्यकता होती है। अगर देर रात पढ़ते हैं तो रात को भारी खाना नहीं खाएं। एंटीऑक्सीडेंट लें। फल, अखरोट और ब्लू बेरी लें। जब भी कुछ खाएं तो स्क्रीन सामने न हो। खाते हुए फोन या टीवी देखना आपके लिए घातक है।

पहले के जमाने में खाने से पूर्व प्रार्थना करने को कहा जाता था जिसका उद्देश्य यही था कि मन को खाने पर फोकस करें ताकि इधर-उधर से ध्यान हट जाए। अगर उनके दिमाग में कुछ और चल रहा होगा तो वे खाने के स्वाद को नहीं समझ पाएंगे। इसलिए बहुत से बच्चे घर के खाने को पसंद नहीं करते, क्योंकि उनकी खाने के साथ रिलेशनशिप नहीं बन पाती है। खाना प्रकृति से आया है। हम प्रकृति से ही बने हैं।

अगर आप खाते समय फोन पर हैं या चैनल बदल रहे हैं तो खाने के साथ आपकी रिलेशनशिप नहीं बन पाएगी। अगर खाने पर ध्यान हो तो शरीर में एंजाइम काफी तेजी से बनते हैं और खाना ठीक से पच जाता है। हम इन छोटी-छोटी बातों को भूल रहे हैं जबकि इन्हें हमें अपनी जीवन शैली में शामिल करना चाहिए।

आरुषि अग्रवाल, न्यूट्रिशनिस्ट

  • जंक फ़ूड का सेवन कम से कम करें।
  • अगर आपका कुछ चटपटा खाने का मन है तो घर पर बना कर खाएं।
  • भावनाएं स्थिर बनाए रखें।
  • चिप्स, कोल्ड ड्रिंक जैसे पदार्थ से बचें। नारियल पानी, नींबू पानी जैसी चीजों का सेवन करें।
  • बादाम, अखरोट का नियमित पर सीमित मात्रा में हर रोज सेवन करें।
  • कोई भी परेशानी होने पर माता पिता से बात करें।
  • हर रोज योग व मेडिटेशन करने की कोशिश करें।
  • प्रकृति से जुड़ें। घास पर 10 मिनट नंगे पैर चले। रोज पौधों को पानी दें।

कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थ

दूध, पनीर, दही, सोयाबीन, टोफू और नट्स विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थ : नाश्ते में दलिया, ओट्स, मार्जरीन, ऑयली मछलियां

प्राकृतिक प्रोटीन खाद्य पदार्थ

चिकन, मछली, दालें, अनाज, हरी सब्जियां, पनीर

फोलेट से भरपूर खाद्य पदार्थ

ब्राउन राइस, हरी सब्जियां, अनाज और ब्रेड

विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थ

नींबू, संतरे, अंगूर, टमाटर जैसे खट्टे फल

डाइट चार्ट 1

नाश्ता (9 बजे): कम फैट वाले दूध के साथ 1 कटोरी मूसली या 2 अंडे का सफेद भाग,

2 स्लाइस या गेहूं की रोटी और 1 कप दूध और 2 से 4 अखरोट या आधा बादाम

मिड मॉर्निंग : (11 बजे): 1 फल (केला, आम, अंगूर, चीकू और सीताफल को छोड़कर)

लंच (1 बजे): 1 कटोरी सलाद + 2 मल्टीग्रेन आटा चपाती + आधा कप ब्राउन राइस /

दलिया + 1 कप सब्जी + 1 कप दाल + 1 कप दही / 2 पीस चिकन / 1 पीस फिश

इवनिंग स्नैक (4 बजे): 1 कप दूध + 1 कप सूख भेल / आधा कप भूना पोहा चिवड़ा /

आधा कप भुना चना

रात का खाना (8 बजे): 1 कटोरी सब्जी का सूप या चिकन शोरबा + 1 कटोरी सब्जी

पुलाव / 2 छोटी बाजरे की रोटी + 1 कप सब्जी ग्रेवी के साथ + 1 कप दही / सब्जी

रायता

बेडटाइम (11 बजे): 1 कप दूध

डॉ. शालिनी गार्विन ब्लिस आहार विशेषज्ञ, कोलंबिया एशिया अस्पताल, गुरुग्राम

डाइट चार्ट 2

ब्रेकफास्ट (नाश्ते में खाई जाने वाली चीजें)

उबले हुए अंडे का सफेद भाग, अंकुरित अनाज (अंकुरित मूंग, चना आदि), फल और रस

(हालांकि, कच्चे फल रस की तुलना में अधिक स्वास्थ्यवर्धक होते हैं और हमारे

शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालने, वजन घटाने में मदद करने के अलावा इम्यून

सिस्टम को बेहतर करते है), पोहा, उपमा, रवा इडली, रवा डोसा, साबूदाना खिचड़ी,

मूंग दाल चीला आदि।


लंच में खाई जाने वाली चीजें

2 चपातियां / 1 कप ब्राउन राइस / 1 कप उबले हुए चावल,1 कटोरी दाल,1 कप रायता, 1

कप हरी सब्जियां

रात के खाने के लिए

2 गेहूं के आटे की रोटियां, 1 कप हरी पत्तेदार सब्जी / 1 कटोरी दाल, 1 कप रायता

/ 1 कप सलाद, घुलनशील फाइबर, प्रोटीन और विटामिन ई से भरपूर साबुत अनाज से बनी

रोटी।

(नेहा पठानिया, चीफ-डायटिशियन, पारस हॉस्पिटल)


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