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Farmer Protest: कोरोना के चलते क्या बदलेगी किसान आंदोलन की रूपरेखा, बड़े नेता ने दिया संकेत

Farmer Protest आंदोलन जारी रखने के बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को आंदोलन आगे बढ़ाने की बात कही है मगर मोर्चा की कोर कमेटी के सदस्य शिव कुमार शर्मा कक्का जी कहते हैं कि कोरोना महामारी के चलते आंदोलन की रूपरेखा पर विचार करना जरूरी है।

By Jp YadavEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 08:06 AM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 08:06 AM (IST)
Farmer Protest: कोरोना के चलते क्या बदलेगी किसान आंदोलन की रूपरेखा, बड़े नेता ने दिया संकेत
शिव कुमार शर्मा कक्का ने कहा कि बॉर्डर पर बैठे किसान कहीं महामारी की गिरफ्त में न आ जाएं।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना का यह दूसरा संक्रमण काल शहरों के अलावा गांवों में भी पैर पसार रहा है। गांवों में स्थानीय डॉक्टरों के पास बुखार के मरीज खूब आ रहे हैं। शहरों में जिन लक्षणों को लेकर कोरोना जांच हो रही हैं, वे लक्षण गांवों में भी लोगों में दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में दिल्ली की सीमाओं पर तीन कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान संगठनों से समाज का बुद्धिजीवी वर्ग अपील रहा है कि अब आंदोलन की रूपरेखा बनाने का समय नहीं है। ऐसे में दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों को सुरक्षित रखने पर फोकस करना चाहिए।

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उधर, आंदोलन जारी रखने के बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को आंदोलन आगे बढ़ाने की बात कही है, मगर मोर्चा की कोर कमेटी के सदस्य शिव कुमार शर्मा कक्का जी कहते हैं कि कोरोना महामारी के चलते आंदोलन की रूपरेखा पर विचार करना जरूरी है। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन किसान के दिल और मन में बस चुका है। मगर मौजूदा परिस्थितियां ऐसी हैं कि आंदोलन के स्वरूप पर विचार किया जाए।

शिव कुमार शर्मा कक्का ने कहा कि कुंडली या अन्य बॉर्डर पर बैठे किसान कहीं महामारी की गिरफ्त में न आ जाएं। इसके लिए हम शुक्रवार को मोर्चा की बैठक में इसकी बाबत विषय उठाएंगे। क्योंकि फिलहाल आंदोलन से कहीं ज्यादा महामारी से निपटने के उपाय सोचने हैं।

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शिव कुमार शर्मा कक्काजी (सदस्य, संयुक्त किसान मोर्चा संघर्ष समिति) का यह भी कहना है कि यूं तो नवंबर-2020 में जब किसान बॉर्डर पर आए थे तब कोरोना का प्रथम दौर चरम पर था, मगर तब इसका असर किसान की सशक्त इम्यूनिटी पर नहीं था। अब कोरोना के दूसरे दौर में संक्रमण का फैलाव गांव तक हो रहा है। मध्यप्रदेश के हौसंगाबाद जिला की तहसील वनखेड़ी के मेरे खुद के गांव मच्छेरा खुर्द में सात कोरोना संक्रमण केस हैं। आसपास के गांवों में भी खूब कोरोना संक्रमण केस हैं, इसलिए इस महामारी से बचाव जरूरी है।

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जेएन मंगला (प्रधान, गुरुग्राम इंडस्ट्रीज एसोसिएशन) की मानें तो इस महामारी के सामने अब किसान आंदोलन के बारे में सोचना उचित नहीं है। मुझे जो जानकारी मिल रही है, कोरोना संक्रमण गांवों में फैल रहा है। इसके चलते किसान आंदोलन को अब स्थगित रखना चाहिए। केंद्र सरकार भी चार राज्यों के चुनाव परिणाम के बाद इस बारे में किसानों से अंतिम दौर की बात कर सकती है मगर फिलहाल केंद्र व राज्यों की सरकार के सामने कोरोना से निपटने की प्राथमिकता है। मेरा तो संयुक्त किसान मोर्चा से यह अनुरोध है कि वे आंदोलन को स्थगित कर अपने घर परिवार के सदस्यों को कोरोना संक्रमण से बचाने में ध्यान दें। 

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