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जानिए क्या है विपश्यना? जिसके लिए राजस्थान में 10 दिन बिताएंगे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक बार फिर से विपश्यना के लिए 10 दिनों के लिए राजस्थान के जयपुर चले गए हैं। अब वो वहां पर 10 दिनों तक विपश्यना करेंगे उसके बाद लौटेंगे। वो 2017 में महाराष्ट्र के इगतपुरी स्थित धामागिरी इंटरनेशनल अकादमी में विपश्यना के लिए गए थे।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Mon, 30 Aug 2021 04:31 PM (IST)Updated: Mon, 30 Aug 2021 04:31 PM (IST)
जानिए क्या है विपश्यना? जिसके लिए राजस्थान में 10 दिन बिताएंगे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
दिल्ली के सीएम केजरीवाल विपश्यना के लिए 10 दिनों के लिए राजस्थान के जयपुर चले गए हैं।

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक बार फिर से विपश्यना के लिए 10 दिनों के लिए राजस्थान के जयपुर चले गए हैं। अब वो वहां पर 10 दिनों तक विपश्यना करेंगे उसके बाद वापस लौटकर कामकाज देखेंगे, इससे पहले भी वो साल 2017 में महाराष्ट्र के इगतपुरी स्थित धामागिरी इंटरनेशनल अकादमी में विपश्यना के लिए गए थे। जानकारी के अनुसार विपश्यना के लिए करीब 10 दिन तक लगातार बैठकर ध्यान करना होता है। इस दौरान मौन भी रहना होता है। विपश्यना करने वाले व्यक्ति का बाहरी दुनिया से कोई संपर्क नहीं होता। व्यक्ति को बाहरी दुनिया से पूरी तरह से अलग ही रखा जाता है वो मोबाइल आदि पर किसी से बात भी नहीं कर सकता है।

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क्या है विपश्यना

आज की दौड़भाग भरी जिंदगी में लोग सुबह से लेकर देर रात तक लोग व्यस्त रहते हैं, चाहे वो आम आदमी हो या वीआइपी। ऐसे में उनको बहुत अधिक शारीरिक और मानसिक थकान का सामना करना पड़ता है लोग इतने अधिक थक जाते हैं कि उनको लगता है कि किसी ऐसी जगह चला जाए जहां दुनिया से कोई वास्ता न रहे, दौड़भाग से कुछ दूर शांति सुकुन से कुछ दिन बिताया जा सके। ऐसी सोच वालों के लिए विपश्यना एक नई ऊर्जा देने का काम करता है। वैसे हमारे देश में ध्यान करने की पहले से ही विभिन्न पद्धतियां मौजूद है, जिसे लोग अपनी इच्छानुसार अपनाते और उसका पालन करते है। सीएम अरविंद केजरीवाल को विपश्यना से ही फायदा होता है इस वजह से वो इस विधि को अपनाते हैं।

क्या करता है विपश्यना

विपश्यना के बारे में कहा जाता है कि यदि हम अपने अंदर छिपी नकारात्मक बातों को बाहर निकालना चाहते हैं तो विपश्यना इसमें सबसे अधिक मददगार होती है। कुल मिलाकर हम ये कह सकते हैं कि विपश्यना के जरिए हम अपने अंदर की सारी नकारात्मक चीजों को निकालकर अपने अंदर ही एक नई ऊर्जा का संचार कर सकते हैं। ये ध्यान करने की एक ऐसी प्रमुख क्रिया है जो तन-मन को पूर्ण रूप से लाभ पहुंचाती है। विपश्यना वास्तव में सत्य की उपासना जैसा है। एक बात ये भी कही जाती है कि विपश्यना साधना का मुख्य लक्ष्य चित्त को पूरी तरह से शुद्धि करना है| विपश्यना करने वाला व्यक्ति जीवन में आने वाली समस्याओं का सफलतापूर्वक समाधान खोजने में समर्थ होता है। कठिन परिस्थितियों में भी वो बिना घबराए और परेशान हुए उनका सामना करने की क्षमता रखता है।

कब की जाती है विपश्यना साधना

इस साधना को करने का भी समय निश्चित है। विपश्यना ध्यान सुबह और शाम दोनों वक्त किया जा सकता है। यदि साधना करने वाला एक घंटा सुबह और एक घंटा शाम को इो करता है तो वो उसके लिए काफी लाभकारी होता है। एक बात और ये भी कही जाती है कि सोने से पांच मिनट पहले और उठने के पांच मिनट बाद भी इसका अभ्यास अच्छा है।

क्या होता है लाभ

विपश्यना ध्यान किसी को भी मन की शांति के लिए, तनाव से पूर्णतः छुटकारा दिलाने के लिए और हर तरह की मानसिक समस्या के पूर्णतः निदान के लिए किया जाता है। इसके अलावा ये ध्यान दिमाग को स्वस्थ बनाने के लिए एक दिव्य अभ्यास कहा जा सकता है।


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