Wedding season 2020: शादी के लिए आज से शुभ मुहूर्त, दिल्ली में होगी 30 हजार से अधिक शादियां
सरकार ने दिल्ली में कोरोना के हाहाकार को देखते हुए मेहमानों की सूची हाल ही में 50 तय कर दी है। पहले इसकी संख्या 200 तय थी। परेशानी का सबब यह कि जब शादियां के निमंत्रण बांटे जा रहे थे। तब संख्या बढ़ी हुई थी।
नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। देवोत्थान एकादशी पर बुधवार को दिल्ली में 30 हजार से अधिक शादियां है। इसके लिए तमाम बैंक्वेट हाल, सामुदायिक भवन व खाली मैदान बुक है। करोलबाग, चांदनी चौक, कश्मीरी गेट, राजेंद्र नगर, तिमारपुर, पहाड़गंज समेत अन्य इलाकों में जमकर शादियां है। इसी तरह कई मंदिरों में भी सादे समारोह में शादियों की तैयारी है। हालांकि, कई महीनों बाद फिर से लौटे शादियों के इस सीजन में कोरोना का संकट ज्यादा गहरा है। ऊपर से दिल्ली सरकार के मेहमानों की संख्या पर कैंची चलाने से बुलाने वालों की लिस्ट पर बाराती-घराती दोनों की माथापच्ची मेजबानों के लिए बड़ी चुनौती है। इसी तरह दिल्ली पुलिस की सख्ती से घर में उत्साह की जगह तनाव ने ले ली है।
सरकार ने दिल्ली में कोरोना के हाहाकार को देखते हुए मेहमानों की सूची हाल ही में 50 तय कर दी है। पहले इसकी संख्या 200 तय थी। परेशानी का सबब यह कि जब शादियां के निमंत्रण बांटे जा रहे थे। तब संख्या बढ़ी हुई थी। जब शादी है तो यह घट गई है। ऐसे में किसको बुलाएं, किसे छोड़ दें यह दोनों पक्षों के लिए बड़ा सवाल बना हुआ है। एेसे में अब आदरपूर्वक शादी में न आने का आग्रह किया जा रहा है।
करोलबाग में बेटे की शादी की तैयारी में जुटे संजय आहूजा ने कहा कि उन्होंने कई लाेगों को इसके चलते मना किया है। लोग इस बात को समझ भी रहे हैं। कोरोना को लेकर भी कई लोग शादियों में आने से बचने की कोशिश में है। दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने बताया कि दो दिन में तीन विवाह के निमंत्रण थे। आयोजकों की परेशानी को देखते हुए उन्होंने मंगलवार को ही परिवारों को बधाई दे आए। इस तरह के प्रयास दूसरों को भी करना चाहिए। वहीं, दिल्ली पुलिस ने सख्ती दिखाना शुरू किया है। बैंक्वेट हाल संचालकों के मुताबिक पुलिस द्वारा बड़े टेंट व आयोजन के साथ ही डीजे पर सख्ती की जा रही है। आयोजन को छोटा करने के साथ नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए सामान जब्ती और जुमार्ना लगा रहे हैं।
देवोत्थान एकादशी पर शादी होती है शुभ
कनॉट प्लेस स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर के महंत सुरेश शर्मा ने कहा कि देवोत्थान एकादशी पर शादियाें को अधिक शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जिन जोड़ों की शादी के लिए शुभ मुहूर्त नहीं मिलता, उनके लिए भी यह दिन शुभ होता है। इसलिए इस दिन सबसे अधिक शादियां होती है। इस दिन से सनातन धर्म में शादियों को होना शुरू होता है।
बैंड बाजा बजाने वाले नहीं चख सकेंगे व्यजंन का स्वाद
सीमित बारातियों में शादियों की बाध्यता में बैंड बाजा वालों को शादी के व्यंजनों का स्वाद नहीं मिल सकेगा। मेजबान जहां अपने मेहमानों और जान पहचान के लोगों के नाम मेहमानों की सूची से हटा रहे हैं तो बारात के साथ आए बैंड बाजा वालों को भी समारोह स्थल के भीतर आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। मेजबानों ने इसकी जानकारी बारात लेकर आने वाले लड़का पक्ष के लोगों को भी दे दी है।
शादियों के कार्ड लेने नहीं पहुंच रहे मेजबान
शादियों के कार्ड छपने के लिए आर्डर तो दे दिए। पर उसे लेने नहीं पहुंच रहे हैं। इससे चावड़ी बाजार के कार्ड विक्रेताओं की मुश्किलें बढ़ गई है। कार्ड व्यापारी बिमल जैन ने बताया कि कई लोगों ने 200 से 300 शादियों के कार्ड के आर्डर दिए थे। उसके लिए कुछ रुपये एडवांस में जमा कराए थे। पर सरकार ने शादियों में मेहमानों की संख्या कम कर दी है तो लोग अब कार्ड लेने भी नहीं आ रहे हैं। ऐसे मामले पूरे बुकिंग के 30 से 40 फीसद है।
परिवार के संक्रमित होने के चलते टल रही शादियां
शादियों वाले घर में कोरोना संक्रमण के मामले आने के बाद शादियों को टालने के मामले भी सामने आ रहे हैं। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की प्रोफेसर के घर में इस माह के अंत में तय शादी के कार्यक्रम को इस कारण टालना पड़ा है। इस तरह के मामले कुछ एक अन्य स्थानों पर भी सामने आए हैं।
कम होगा धूम धड़ाका
पटाखे पर पहले से प्रतिबंध है। अब शादियों में बैंडबाजों का धूमधड़ाका भी कम ही सुनाई देगा। ऑल दिल्ली साउंड एंड लाइट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष वीरेंद्र बब्बर ने 40 फीसद डीजे की बुकिंग निरस्त हुई है तो 60 फीसद मामले ऐसे हैं, जिसमें कहा गया है कि वह बड़े की जगह छोटे साउंड सिस्टम लगवाएंगे।
घोड़ी चढ़ने से डर रहा दुल्हा
प्रशासन की सख्ती से दुल्हें डर रहे हैं कि घोड़ी चढ़े कि नहीं। इससे संबंधित सवाल घोड़ी वालों के पास खूब आ रहे हैं। इस बारे में शिव शक्ति बैंड के संचालक देवराज पाल ने बताया कि बुधवार को उनकी छह बुकिंग है। सभी इसे लेकर चिंतित है कि प्रशासन व पुलिस की सख्ती के चलते उन्हें घोड़ी पर चलने में कठिनाई तो नहीं आएगी। क्योंकि घोड़ी वाले के साथ लाइड व बैंड बाजे वाले भी चलेंगे, जिनकी संख्या कहीं तय लोगों की सीमा 50 से अधिक न हो जाएं।
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