Delhi: मास्क पहनने को ईगो का मुद्दा न बनाएं, हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को दी चेतावनी
याचिकाकर्ता ने याचिका दायर कर दावा किया था कि नौ सितंबर 2020 को वह अपनी कार में अकेले जा रहे थे तो पुलिस ने मास्क न पहने होने के कारण उनपर पांच सौ रुपये का जुर्माना लगाया था।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कार के अंदर अकेले होने पर भी मास्क न पहनने पर चालान काटे जाने के खिलाफ दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है। न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह की पीठ ने कहा कि मास्क पहनने को अहम का मुद्दा नहीं बनाना चाहिए, क्योंकि यह कोरोना महामारी में सुरक्षा से जुड़ा मामला है। मौखिक रूप से टिप्पणी करते हुए पीठ ने कहा कि कार में अकेले यात्रा करने पर भी मास्क पहनना वायरस से अपनी सुरक्षा के लिए है, क्योंकि जब कोई व्यक्ति ट्रैफिक सिग्नल पर वाहन को रोकता है और खिड़की नीचे रखता है तो उसे संक्रमित होने का खतरा होता है।
याचिकाकर्ता, अधिवक्ता सौरभ शर्मा पर जुर्माना लगाने की चेतावनी देते हुए पीठ ने कहा कि मास्क पहनने को आप अहम का मुद्दा नहीं बना सकते। याचिकाकर्ता सौरभ शर्मा ने याचिका दायर कर दावा किया था कि नौ सितंबर, 2020 को वह अपनी कार में अकेले जा रहे थे, तो दिल्ली पुलिस ने मास्क न पहने होने के कारण उनपर पांच सौ रुपये का जुर्माना लगाया था।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता फरमान अली मगरे ने दलील दी थी कि ने ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं किया है कि जब चालक कार में अकेला हो तो मास्क पहनना अनिवार्य है। वहीं, सौरभ की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने मंत्रालय के हलफानामे पर जवाब दाखिल करने के लिए समय देने की मांग की। इस पर पीठ ने एक सप्ताह का समय देते हुए सुनवाई 15 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी।
वहीं, दिल्ली सरकार ने पीठ को इससे पहले बताया था कि पिछले साल अप्रैल में एक आदेश के अनुसार आधिकारिक या व्यक्तिगत वाहन चलाते समय मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया था और यह लागू है। वहीं, सौरभ शर्मा ने याचिका दायर कर चालान काटने पर जुर्माने के रूप में 500 रुपये वापस करने और मानसिक उत्पीड़न करने के लिए दस लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की थी।