Good News: घर बैठे ऑनलाइन देखें, कहां पर जल रही है स्ट्रीट लाइट; शिकायत भी कर सकेंगे
निगम के एक अधिकारी के अनुसार कोई भी व्यक्ति वेबसाइट mcdonline.nic.in पर जाकर अपने इलाके की स्ट्रीट लाइट की स्थिति देख सकता है।
नई दिल्ली,जागरण संवाददाता। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम इलाके में लगी स्ट्रीट लाइटें जल रही हैं या बंद, इसकी जानकारी अब घर बैठे ऑनलाइन देख सकेंगे। नगर निगम ने अपनी सभी स्ट्रीट एलईडी लाइटों की जानकारी ऑनलाइन ‘रियल टाइम वर्किंग’ के साथ सार्वजनिक कर दी है।
इतना ही नहीं प्रत्येक लाइट की जियो मैपिंग भी की गई है। यानी कौन सी स्ट्रीट लाइट कहा पर है और उसकी वर्तमान स्थिति क्या है पूरी जानकारी लोग घर बैठे ले सकते हैं। इतना ही नहीं खराब होने पर उसकी शिकायत भी ऑनलाइन की जा सकती है।
निगम के एक अधिकारी के अनुसार, कोई भी व्यक्ति वेबसाइट mcdonline.nic.in पर जाकर अपने इलाके की स्ट्रीट लाइट की स्थिति देख सकता है। कितनी लाइटें किस जोन में हैं, कितनी जल रही हैं और कितनी बंद हैं यह पूरी जानकारी प्रत्येक क्षण अपडेट होती रहती है। उल्लेखनीय है कि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने वर्ष 2017 में पारंपरिक स्ट्रीट लाइटों को एलईडी में बदल दिया था। दक्षिणी निगम इलाके में 2 लाख 96 हजार 535 एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगी हुई हैं।
राष्ट्रपति से मिल चुका है सम्मान
अपनी सभी पारंपरिक स्ट्रीट लाइटों को एलईडी में परिवर्तित करने पर वर्ष 2017 में दक्षिणी दिल्ली नगर निगम को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी सम्मान मिल चुका है। तत्कालीन महापौर कमलजीत सहरावत ने यह सम्मान ग्रहण किया था। निगम के मुताबिक, पहले निगम लाइनों के रखरखाव पर 28.5 करोड़ रुपये खर्च करता था, लेकिन एलईडी की वजह से अब यह खर्च 8.32 करोड़ रुपये ही रह गया है। शिकायत के 48 घंटे के भीतर खराब स्ट्रीट लाइट सही कर दी जाती है।
सीबीआइ ने निगम के जेई को रिश्वत लेते रंगे हाथ किया गिरफ्तार
वहीं, सीबीआइ ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम में मकान निर्माण कराने के नाम पर रिश्वत लेते हुए कनिष्ठ अभियंता (जूनियर इंजीनियर) को रंगे हाथ पकड़ लिया। जानकारी अनुसार जूनियर इंजीनियर अनिल मीणा सिविल लाइंस जोन में कार्यरत है। सूत्रों के मुताबिक अशोक विहार निवासी जगदीश लाल ने अपना मकान बना रहे थे और दूसरी मंजिल पर लेंटर डाल रहे थे। तभी कुछ दिन पहले अनिल मीणा ने अवैध निर्माण का नोटिस चिपका दिया, इसके बाद जब एक प्राइवेट बेलदार के जरिए जब बात को रफा दफा करने की बात हुई तो इसके लिए एक लाख रुपये की रकम तय हुई। वह रिश्वत की पहली किश्त 50 हजार तो ले आया था, लेकिन उसकी दूसरी किश्त लेने पहुंचा तो सीबीआइ ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। निगम प्रवक्ता ने अनिल मीणा के सीबीआइ द्वारा गिरफ्तार करने की पुष्टि की है।
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