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2019 Balakot Airstrike: बालाकोट स्ट्राइक का हिस्सा रहीं विधु को दिल्ली हाई कोर्ट से नहीं मिली अंतरिम राहत

2019 Balakot Airstrike विधु ने यह आवेदन मुख्य याचिका पर दाखिल किया है। उन्होंने इससे पहले महिला सैन्य अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने से जुड़ी नीति को रद करने से इनकार करने के आम्र्ड फोर्स टिब्यूनल (एएफटी) के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।

By Jp YadavEdited By: Published: Mon, 14 Jun 2021 11:06 AM (IST)Updated: Mon, 14 Jun 2021 11:06 AM (IST)
2019 Balakot Airstrike: बालाकोट स्ट्राइक का हिस्सा रहीं विधु को दिल्ली हाई कोर्ट से नहीं मिली अंतरिम राहत
2019 Balakot Airstrike: बालाकोट स्ट्राइक का हिस्सा रहीं विधु को दिल्ली हाई कोर्ट से नहीं मिली अंतरिम राहत

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। बालाकोट एयर स्ट्राइक में अहम भूमिका निभाने वालीं विंग कमांडर विधु सिंह को दिल्ली हाई कोर्ट से अंतरिम राहत नहीं मिली है। तीन जून को उनकी सेवा समाप्त करने के वायुसेना के आदेश को विधु ने चुनौती देते हुए आवेदन दाखिल किया था। आवेदन पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति नवीन चावला व न्यायमूर्ति आशा मेनन की अवकाशकालीन पीठ ने अंतरिम राहत देने से इन्कार कर दिया। विधु ने यह आवेदन मुख्य याचिका पर दाखिल किया है। उन्होंने इससे पहले महिला सैन्य अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने से जुड़ी नीति को रद करने से इनकार करने के आम्र्ड फोर्स टिब्यूनल (एएफटी) के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।

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विधु वर्तमान में उप्र के गाजियाबाद के राजनगर में रहती हैं। अधिवक्ता अंकुर छिब्बर के माध्यम से आवेदन दाखिल कर विधु ने दलील दी कि हाई कोर्ट ने उनकी याचिका पर पिछली तारीख पर केंद्र समेत अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी कर 19 जुलाई तक जवाब मांगा था। साथ ही अदालत ने केंद्र के स्टैंडिंग काउंसल को मौखिक निर्देश भी दिया था कि वह प्रतिवादी को सूचित करें कि अगली सुनवाई तक विधु को सेवा से रिलीज न किया जाए।

अधिवक्ता अंकुर छिब्बर ने कहा, इस सुनवाई में वायुसेना के अधिकारी भी वर्चुअल तरीके से शामिल थे, लेकिन वायुसेना ने अवैध व मनमाने तरीके से तीन जून को सेवा समाप्त करने का आदेश विधु को चार जून सौंप दिया। विधु ने आवेदन दाखिल कर तीन जून के आदेश पर अगली सुनवाई तक रोक की मांग की थी।

यह है मामला

अधिवक्ता अंकुर छिब्बर के माध्यम से दायर की गई याचिका में विधु ने कहा, शार्ट सर्विस कमीशन के तहत उनकी नियुक्त एरोनाटिकल इंजीनियरिंग ब्रांच में 2007 में हुई थी। महिला सैन्य अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने से जुड़ी नई नीति 16 जनवरी 2019 को आई थी और इसके तहत हर अधिकारी को तीन मौके दिए जाने थे। विधु को स्थायी कमीशन को दो मौके दिए गए। विधु ने स्थायी कमीशन हासिल करने को बनाई गई नीति को एएफटी में चुनौती देते हुए अंतरिम राहत की मांग की थी। एएफटी ने राहत से इन्कार कर दिया।

एक जनवरी 2021 को विधु की सेवा समाप्त हो रही थी। ऐसे में उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की।

तत्कालीन न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह व न्यायमूर्ति एस प्रसाद की पीठ ने एएफटी द्वारा निर्णय लिए जाने तक विधु को रिलीज करने पर रोक लगा दी थी। इसके बाद एएफटी ने 16 मार्च 2021 को स्थायी कमीशन की नीति पर कोई भी टिप्पणी न करते हुए कहा, वायु सेना को विधु को तीसरा मौका दिया जाना चाहिए। लेकिन, वायुसेना ने उनको स्थायी कमीशन देने से इन्कार कर दिया। इस फैसले को विधु ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है और इस पर आगामी 19 जुलाई को सुनवाई होनी है।

विधु ने नई नीति के तहत बनाई गई कैटेगरी ग्रेडिंग को अवैध करार दिया है। उनका कहना है कि नई नीति आने से पहले तक उन्हें कंबाइड कोर्स को सिर्फ पास करना जरूरी था। उस समय बेहतर ग्रे¨डग हासिल करने के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई थी।

वार-रूम में मौजूद थीं विधु

पुलवामा में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी। बालाकोट एयर स्ट्राइक के दौरान विधु हरियाणा के अंबाला में तैनात थीं। वहां बनाए गए वार रूम से वह विभिन्न लोकेशन पर आपरेट करने वाले एयरक्राफ्ट को सेकंड लाइन सर्विस सपोर्ट उपलब्ध करा रहीं थीं।


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