Nidhi Samarpan Abhiyan: रामकाज में लोगों की भागीदारी अद्भुत, VHP नेता आलोक कुमार ने की तारीफ
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने रामभक्तों से अपील की है कि वे यह देखें कि परिवार का कोई सदस्य रिश्तेदार मित्र पड़ोसी या कारोबारी सहयोगी इस पवित्र कार्य से वंचित न रह जाए। इस ऐतिहासिक अभियान को इतिहास में याद रखा जाएगा।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की ओर से राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण को लेकर चलाए रहे निधि समर्पण अभियान का समापन शनिवार को हो जाएगा। 44 दिन के इस अभियान का शुभारंभ 15 जनवरी को हुआ था। इसके माध्यम से देशभर में 13 करोड़ परिवारों के 65 करोड़ से भी अधिक तक पहुंचने का लक्ष्य था। विशेष बात यह है कि इसमें खास से लेकर आम तक भागीदार बने। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने श्रद्धापूर्वक अर्पण राशि अर्पित की तो दिहाड़ी मजदूर और झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों तक में उल्लास देखने को मिला। विहिप के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि यह अब तक का सबसे बड़ा अभियान है।
इसमें जनभागीदारी अद्भुत रही। इस ऐतिहासिक अभियान को इतिहास में याद रखा जाएगा। अंतिम आंकड़े जुटाने में कुछ दिन लगेंगे तो भी कह सकते हैं कि पांच लाख गांवों में हमारे स्वयंसेवक पहुंचे और 12 से 13 करोड़ परिवारों ने अपना सहयोग दिया है। पहली बार बड़ी संख्या में संत समाज सड़कों पर आए और उन्होंने समाज के आगे झोली फैलाई। लोगों ने आदरपूर्वक उनका सत्कार किया।
इसी तरह समाज के विभिन्न संगठनों व राजनीतिक दलों ने भी दिल खोलकर स्वागत किया। यह निधि अर्पण के जरिये लोगों में रामत्व का प्रसार व देश को एकजुट करने का अवसर था। हम इसमें सफल हुए हैं।अभियान के संपन्न होने में जब चंद घंटे बचे हैं तो विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने रामभक्तों से अपील की है कि वे यह देखें कि परिवार का कोई सदस्य, रिश्तेदार, मित्र, पड़ोसी या कारोबारी सहयोगी इस पवित्र कार्य से वंचित न रह जाए। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमसे जुड़े सभी लोग जैसे चालक व सफाई कर्मचारी समेत अन्य भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर बनने वाले भव्य-दिव्य मंदिर से जुड़ने के अनुपम व पवित्र अवसर से वंचित न रह जाएं।
उन्होंने बताया कि इस अभियान में लगे 40 लाख से अधिक स्वयंसेवकों की ओर से प्राप्त स्वैच्छिक योगदान, श्रीराम तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के बैंक खातों में जमा किया जा रहा है। संबंधित रसीद या कूपन संख्या के साथ संग्रह विवरण को दैनिक रूप से एक एप के माध्यम से अपडेट किया जा रहा है। इस एप को ट्रस्ट की ओर से विशेष रूप से इसी उद्देश्य के लिए तैयार किया गया है।