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Delhi Land Scam: सरकारी भूमि पर दावों के पक्ष में तीन महीने में ही सुना दिए फैसले

Delhi Land Scam 2019 से लेकर 2021 तक सरकारी जमीन निजी लोगों को देने के लिए 27 आदेश जारी किए गए थे। वहीं 2021 में जमीन ट्रांसफर के लिए चार ऐसे आदेश दिए गए जिनमें दावा सिर्फ तीन माह पहले ही किया गया था।

By Jp YadavEdited By: Published: Mon, 27 Jun 2022 09:14 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jun 2022 09:14 AM (IST)
Delhi Land Scam: सरकारी भूमि पर दावों के पक्ष में तीन महीने में ही सुना दिए फैसले
Delhi Land Scam: सरकारी भूमि पर दावों के पक्ष में तीन महीने में ही सुना दिए फैसले

नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। उत्तरी दिल्ली के झंगोला गांव की सरकारी जमीन को निजी लोगों को देने के मामले की परतें खुल रही हैं। इसमें एक नया तथ्य सामने आया है कि जमीन से संबंधित जिन मामलों में फैसला आने में तीन पीढ़ियां गुजर जाती हैं, लेकिन झंगोला की सरकारी जमीन पर दावा करने वालों के पक्ष में तीन माह से एक साल के अंदर ही फैसले आ गए।

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इनमें से दावों के 10 मामले 2020 में ही दायर किए गए थे। दो साल के अंदर दावा करने वालों के पक्ष में आदेश जारी कर दिया गया। हैरानी की बात यह है कि तत्कालीन एसडीएम ने 2021 में चार आदेश तो दावा किए जाने के तीन माह में दे दिए और सरकारी जमीन ट्रांसफर कर दी गई।

वर्ष 2019 से लेकर 2021 तक सरकारी जमीन निजी लोगों को देने के लिए 27 आदेश जारी किए गए। 2021 में किए गए दावों पर छह आदेश, 2020 में दावों पर 10 आदेश, 2019 में चार आदेश, 2018 में एक, 2016 में तीन और 2012 के दावों पर तीन आदेश दिए गए थे।

सबसे ज्यादा आदेश 2020 के दावों को लेकर हैं। 2020 में जो 10 दावे के लिए गए उनमें से ज्यादातर तत्कालीन एसडीएम अजीत सिंह ठाकुर के समय के हैं।

ठाकुर ने 2020 में दावा किए गए मामले में 19 फरवरी 2021 को आदेश जारी कर झंगोला गांव के खसरा 1023 की छह बीघा 15 बिस्वा गांव के एक व्यक्ति के नाम कर दी।

इसी तरह 2020 में दावा किए गए एक मामले में 24 फरवरी 2021 को खसरा 79 की छह बीघा छह बिस्वा, खसरा 80/1 /1 की पांच बीघा और 19 बिस्वा जमीन भी एक व्यक्ति के नाम ट्रांसफर कर दी गई।

25 फरवरी को खसरा 385 की नौ बीघा और 12 बिस्वा और खसरा 384 की 12 बीघा जमीन एक व्यक्ति के नाम कर दी। यानी एक ही दिन में 21 बीघा जमीन सौंप दी गई।

इसी तरह 24 मार्च 2021 को आदेश जारी कर 15 बीघा 18 बिस्वा, नौ अप्रैल 2021 को आदेश जारी कर 12 बीघा से अधिक भूमि एक व्यक्ति के नाम कर दी। अजीत सिंह ठाकुर के चार आदेश तो ऐसे हैं, जिनमें सरकारी जमीन पर 2021 में दावा किया गया और उसी साल जमीन ट्रांसफर कर दी गई।

इसमें 25 मार्च 2021 को तीन आदेश कर खसरा 1016 की 10 बीघा, खसरा 170 की तीन बीघा 18 बिस्वा, खसरा 172-173 की आठ बीघा 32 बिस्वा और एक अन्य आदेश में खसरा 122 की चार बीघा जमीन एक ही व्यक्ति को दी गई। यानी एक दिन में इस व्यक्ति को 25 बीघा जमीन दे दी गई। एक अन्य आदेश में एक व्यक्ति को नौ अप्रैल को आदेश जारी कर खसरा 347/1 की 18 बीघा जमीन दी गई।

उपलब्ध दस्तावेज से स्पष्ट है कि ये चारों आदेश उन मामलों में किए गए, जिन लोगों ने 2021 में दावा किया था। यानी कुल तीन माह में ही सरकारी जमीन इन लोगों को सौंप दी गई।

तत्कालीन एसडीएम की यह तत्परता भी घोटाले की ओर इशारा करती है। बताया गया कि जिस व्यक्ति के नाम एक दिन में ही 25 बीघा जमीन दी गई है, यह व्यक्ति एसडीएम सहित कुछ अन्य अधिकारियों का खास रहा है।


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