बाहरी दिल्ली के ग्रामीण श्रेत्रों में सड़क पर हादसों को दावत दे रहे सरिया से लदे वाहन
दिल्ली के नरेला बवाना कंझावला व घेवरा के ग्रामीण क्षेत्र के मार्गों पर अक्सर रिक्शा व दूसरे वाहनों पर खुले में सरिये लेकर जाते हुए देखे जाते हैं जो हादसे की वजह बन सकते हैं। इसके लिए क्षेत्र के लोग बार बार शिकायत कर रहे हैं।
बाहरी दिल्ली, जागरण संवाददाता। बाहरी दिल्ली के ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क पर वाहनों पर रखे लंबे-लंबे सरिये किसी भी बड़े हादसे की वजह बन सकते हैं। अक्सर इनके कारण वाहनचालकों और राहगीरों को मुश्किल होती है। इसलिए लोग इसे चलते फिरते हादसे की दुकान कहते हैं। दिल्ली के नरेला, बवाना, कंझावला व घेवरा के ग्रामीण क्षेत्र के मार्गों पर अक्सर रिक्शा व दूसरे वाहनों पर खुले में सरिये लेकर जाते हुए देखे जाते हैं जो हादसे की वजह बन सकते हैं।
भवन निर्माण व दूसरे कार्यों के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले यह सरिये किसी भी राहगीर व दूसरे वाहनों को दुर्घटनाग्रस्त कर सकते हैं। यह सड़क का एक बड़ा हिस्सा घेर लेते हैं। इसके लिए बंद वाहनों का प्रयोग किया जाना चाहिए और इसके लिए क्षेत्र के लोग बार बार शिकायत कर रहे हैं।
स्थानीय निवासी जोगिन्दर दहिया ने बताया कि इससे पूर्व गांव की सड़क पर गुजरने वाले राहगीर इन सरिये की वजह से चोटग्रस्त हो चुके हैं। इससे जान माल की हानि का खतरा आगे भी बना हुआ है। इसके लिए ट्रांसपोर्ट विभाग व ट्रैफिक विभाग को इस ओर ध्यान देना चाहिए क्योंकि इससे कोई बड़ा हादसा भी हो सकता है। ग्रामीण क्षेत्र के लोग की लोग इन रिक्शाओं से बहुत परेशान हैं। बार-बार शिकायत के बाद भी विभाग इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता है।
इस बारे में मुखमेलपुर गांव के निवासी सतवीर राणा का कहना है इन रिक्शा गाड़ियों को तुरंत बंद कर देना चाहिए। इससे हमेशा दुर्घटना का खतरा बना रहता है। इसलिए तत्काल सुधार किया जाना चाहिए।
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