Vaccination Center List: वैक्सीनेशन के लिए ना हों परेशान दिल्ली में इन स्थानों पर हो रहा टीकाकरण
दिल्ली में वैक्सीनेशन के लिए लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। कहीं स्लॉट बुकिंग समस्या तो कहीं स्टाक खत्म। हालांकि इन सबके बीच दिल्ली में वैक्सीनेशन जोर-शोर से चल रहा है। आइए जानते हैं कि दिल्ली में किन-किन जगहों पर वैक्सीनेशन के लिए सेंटर बनाया गया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली में वैक्सीनेशन के लिए लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। उन्हें या तो स्लॉट बुकिंग में दिक्कत हो रही है या उन्हें रजिस्टर करने में ओटीपी जैसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि इन सबके बीच दिल्ली में वैक्सीनेशन जोर-शोर से चल रहा है। आइए जानते हैं कि दिल्ली में किन-किन जगहों पर वैक्सीनेशन के लिए सेंटर बनाया गया है।
45 वर्ष से ऊपर वालों के लिए
- मौलाना आजाद मेडिकल कालेज
- मौलाना आजाद डेंटल कालेज
- लोकनायक अस्पताल
- जीबी पंत अस्पताल
- लेडी हार्डिग मेडिकल कालेज
- अरुणा आसफ अली अस्पताल
- राजपुर रोड
- बालक राम अस्पताल
- साइट-1 से 6 तक तिमारपुर
- ए और यू टिबिआ कॉलेज साइट-2
- करोल बाग
- बुराड़ी अस्पताल, बुराड़ी
- सीजीएचएस डिस्पेंसरी, अमर बाग
- चित्रगुप्त रोड
18 से 44 वर्ष वालों के लिए
- निगम प्रतिभा विद्यालय
- कमला नगर
- राजकीय सर्वोदय बाल विद्यालय, बुराड़ी
- सर्वोदय विद्यालय, मोरी गेट
- सर्वोदय विद्यालय-1
- जामा मस्जिद
- सर्वोदय विद्यालय, रानी झांसी रोड
- विद्या भवन गर्ल्स सीनियर स्कूल
- एनपीएल कालोनी
- न्य राजेंद्र नगर
- राजकीय प्रतिभा बाल विद्यालय
- लिंक रोड करोलबाग
खत्म हुई कोवैक्सीन की डोज
इधर, आप विधायक आतिशी ने कहा है कि राजधानी में 18 से 44 वर्ष तक के लिए कोवैक्सीन की डोज खत्म हो चुकी हैं और कोविशील्ड की आठ दिन के लिए डोज बची हैं। इसकी वजह से टीकाकरण रुका हुआ है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में 13 मई की शाम तक 43 लाख 67 हजार 243 डोज लगाई जा चुकी हैं।
10 लाख से ज्यादा लोगाें को लगी दोनों डोज
10 लाख से ज्यादा ऐसे लोग हैं जिनको दोनों डोज लगाई जा चुकी हैं। दिल्ली में बहुत सारे ऐसे लोग हैं, जिन्हें पहली डोज लग चुकी है और दूसरी डोज लगने का समय आ गया है। लेकिन कोवैक्सीन नहीं होने की वजह से उनका वैक्सीनेशन रुका हुआ है। ऐसे लोगों के लिए जल्द वैक्सीन मुहैया कराई जानी चाहिए। 18 से 44 वर्ष के युवाओं को चार लाख 71 हजार डोज लगाई जा चुकी हैं। वहीं 3 लाख 46 हजार डोज बची हैं।