दिल्ली की दरियागंज सब्जी मंडी में थर्मल स्कैनिंग, तापमान चेकिंग के बाद मिल रही एंट्री
राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए दरियागंज सब्जी मंडी में लोगों की थर्मल स्कैनिंग की जा रही है।
नई दिल्ली, एएनआइ। राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए दरियागंज सब्जी मंडी में लोगों की थर्मल स्कैनिंग की जा रही है। यहां पर आने वाले सभी लोगों का तापमान चेक किया जा रहा है। इसके अलावा हाथ को सैनिटाइज किया जा रहा है।
दरअसल पिछले दिनों दिल्ली की कुछ सब्जी मंडियों में कोरोना के मामले सामने आए थे। इसके मद्देनजर रियागंज सब्जी मंडी में इसकी व्यवस्था की गई है। ताकि संक्रमण से बचा जा सके।
संक्रमण से डरे व्यापारी, डाउन हो सकते हैं शटर
दिल्ली में तेजी से बढ़ रहे कोरोना को लेकर दिल्ली के बाजारों में एक बार फिर लॉकडाउन की चर्चा ने धुकधुकी बढ़ा दी है। कारोबारी संगठन कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने अपने सर्वे में दावा किया है कि दिल्ली के 88 फीसद व्यापारी बाजार बंद करने के पक्ष में हैं। शुक्रवार को कैट ने इस बाबत व्यापारियों से राय मांगी थी। इसके लिए 2800 व्यापारियों से संपर्क किया गया था, जिसमें से 2610 व्यापारियों ने कैट के छह सवालों के जवाब दिए।
अब इस आधार पर दिल्ली के बाजारों को बंद करने की स्थिति पर चर्चा के लिए कैट के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी, दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल तथा मुख्यमंत्री केजरीवाल को पत्र लिखकर विमर्श का आग्रह किया है। इस बीच, भागीरथ पैलेस के इलेक्ट्रानिक बाजार के कारोबारी संगठन दिल्ली इलेक्टिकल ट्रेडर्स एसोसिएशन ने कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए 22 जून तक दुकानों को बंद रखने का फैसला किया है।
बाजारों में ग्राहकों का अभाव दुकानदार परेशान
लॉकडाउन का खामियाजा पॉश कॉलोनियों के दुकानदारों को उठाना पड़ रहा हैं। ग्रेटर कैलाश-2 के एम-ब्लॉक स्थित मार्केट के दुकानदार भी इसी समस्या से दो-चार हो रहे हैं। इस मार्केट में सैलून चलाने वाले एक दुकानदार ने बताया कि पीपीई किट पहनकर सर्विस देते हैं। इसके बावजूद आजकल सैलून पर आने में ग्राहक डरते हैं। दुकान व स्टाफ का खर्च भी नहीं निकल पा रहा है। दुकानदार राकेश शर्मा ने बताया कि अभी तीन माह पहले इस मार्केट में पैर रखने की जगह नहीं रहती थी। अब ग्राहकों के इंतजार में पूरा-पूरा दिन बीत जाता है।