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UPSC Result 2019: तीसरे प्रयास में विशाखा यादव को मिली सफलता, ASI पिता को बेटी पर गर्व

UPSC Result 2019 सिविल सर्विस परीक्षा में दिल्ली की बेटी विशाखा यादव ने सफलता प्राप्त की है। विशाखा यादव ने तीसरे प्रयास में छठीं रैंक हासिल की हैं।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 06:25 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 06:25 PM (IST)
UPSC Result 2019: तीसरे प्रयास में विशाखा यादव को मिली सफलता, ASI पिता को बेटी पर गर्व
UPSC Result 2019: तीसरे प्रयास में विशाखा यादव को मिली सफलता, ASI पिता को बेटी पर गर्व

नई दिल्ली [मनीषा गर्ग]। लगातार दो असफल प्रयास के बाद तीसरे प्रयास में भारतीय प्रशासनिक सेवा में छठीं रैंक प्राप्त कर किरण गार्डन निवासी विशाखा यादव ने सफलता अर्जित की। बेटी की सफलता के चलते दिल्ली पुलिस के द्वारका जिले में बतौर एएसआई तैनात पिता राजकुमार आज फूले नहीं समा रहे है। उन्हें इस बात का तो यकीन था कि बेटी एक दिन सफल जरूर होगी, लेकिन टॉप 10 में उसका नाम होगा यह अद्भुत है। द्वारका जिला पुलिस उपायुक्त एंटो अल्फोंस ने भी विशाखा से मुलाकात कर उन्हें उज्जवल भविष्य की बधाई दी। अपनी सफलता का श्रेय विशाखा अपने माता-पिता को देती है। जिन्होंने मुश्किल दौर में उन्हें कभी लड़खड़ाने नहीं दिया। विशाखा बताती हैं कि शिक्षा राष्ट्रीय निर्माण का मूल आधार है। मैं चाहती हूं कि मैं शिक्षा नीतियों को ठीक से लागू करने में अपना सहयोग दे सकूं, ताकि घर-घर शिक्षा रूपी दीपक से जगमग करें।

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दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी (डीटीयू) से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग करने के बाद विशाखा ने दो साल नौकरी की। इस दौरान उन्हें सिविल सेवा की परीक्षा देने का मन बनाया और नौकरी छोड़कर परिवार के पास दिल्ली लौट आई। विशाखा बताती हैं कि सिविल सेवा परीक्षा के तैयारी के लिए नौकरी को छोड़ना उनकी मजबूरी थी, क्योंकि परिवार से दूर रहकर नौकरी और तैयारी दोनों के बीच सामंजस्य बिठा पाना उनके लिए मुश्किल साबित हो रहा था। दिल्ली आने के बाद उन्होंने यूपीएससी की कोचिंग की और जी जान से तैयारी में जुट गई। कोचिंग के बिना भी सिविल सेवा परीक्षा को पास किया जा सकता है, लेकिन मैं लंबे समय से टैक्निकल क्षेत्र से जुड़ी हुई थी। इसलिए मुझे कोचिंग की जरूरत महसूस हुई। कोचिंग करने से मुझे काफी लाभ मिला।

2017 में विशाखा ने पहली बार परीक्षा दी, जिसमें वे पूरी तरह असफल रही। पर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। दूसरे प्रयास के लिए उन्होंने घर पर रहकर ही अभ्यास किया। विशाखा बताती हैं कि सिविल सेवा परीक्षा सालभर चलने वाली परीक्षा है। इस दौरान तनाव होना लाजमी है। कई बार ऐसी स्थिति भी आई जब पढ़ने का मन नहीं करता था, उस समय मन पर नियंत्रण करते हुए पढ़ाई करना काफी चुनौतीपूर्ण होता था। असल में सिविल सेवा परीक्षा सतत अभ्यास मांगती है, एक दिन भी पढ़ाई को छोड़ना भारी नुकसान का कारण हो सकता है। पढ़ाई का माहौल मिले इसके लिए मैं लाइब्रेरी में जाकर पढ़ती थी।

योजना है बेहद जरूरी

तीन चरणों में आयोजित होने वाली सिविल सेवा परीक्षा को बिना योजना के पास करना मुश्किल है। इसके लिए महीने भर की योजना बनाना बहुत जरूरी है। जिसमें पढ़ाई के साथ अभ्यास के लिए भी पर्याप्त समय हो। विशाखा बताती हैं कि मेरे लिए घंटों पढ़ाई से ज्यादा जरूरी था कि मैं अपने निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करूं। राजनीति शास्त्र मेरा वैकल्पिक विषय था और मैंने इस पर खासा ध्यान केंद्रित किया था। इसके अलावा ज्यादा किताबों के बजाय मैंने सीमित किताबों को पढ़ा और उसी का बार-बार अभ्यास करती रहीं। परीक्षा की तैयारी शुरू करने से पहले जरूरी है कि सिलेबस को अच्छे से समझा जाए। सिलेबस की एक-एक लाइन याद हो यह बेहद जरूरी है, तभी हमारी पढ़ाई पूरी तरह केंद्रित होगी।


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