उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता पहुंची सफदरजंग अस्पताल, 18 मिनट में 13 किलोमीटर की दूरी हुई तय
उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता को आरोपितों द्वारा आग के हवाले करने के बाद से यूपी सरकार इस मामले में काफी सख्त नजर आ रही है।उसे लखनऊ से दिल्ली लाया गया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश के उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता को एयर एंबुलेंस से दिल्ली लाकर बृहस्पतिवार रात 8:40 बजे सफदरजंग अस्पताल के बर्न वार्ड में भर्ती किया गया है। पीड़िता की जांच करने के बाद यह बात समाने आई है कि वह 95 फीसद तक झुलस चुकी है। इस वजह से हालत बहुत नाजुक है। पीड़िता को आइसीयू में वेंटिलेटर के सहारे रखा गया है। दिल्ली एयरपोर्ट से अस्पताल तक पीड़िता को पहुंचाने के लिए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर भी बनाया।
एयर एंबुलेंस में डॉक्टरों की टीम थी मौजूद
बताया जा रहा है कि लखनऊ से शाम करीब साढ़े छह बजे पीड़िता को लेकर एयर एंबुलेंस दिल्ली के लिए उड़ान भरी। इस एयर एंबुलेंस में डॉक्टरों की टीम भी मौजूद थी। रात करीब सवा आठ बजे एयर एंबुलेंस दिल्ली एयरपोर्ट टर्मिनल-1 पहुंची। एयरपोर्ट से कुछ ही मिनट बाद एंबुलेंस पीड़िता को लेकर सफदरजंग अस्पताल के लिए रवाना हुई।
ग्रीन कॉरिडोर बना कर पहुंचा जल्दी
इस दौरान एयरपोर्ट से अस्पताल तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। ताकि ट्रैफिक जाम के कारण अस्पताल पहुंचने में विलंब न हो। पुलिस के अनुसार एयरपोर्ट से अस्पताल तक 13 किलोमीटर की दूरी 18 मिनट में पूरी कर एंबुलेंस पीड़िता को लेकर रात करीब 8:40 बजे अस्पताल पहुंची। डॉक्टर कहते हैं कि पीड़िता का चेहरा झुलस गया है। आग की आंच से सांस लेेने के अंग भी झुलस गए हैं। उत्तर प्रदेश महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा सिंह भी पीड़िता का हाल लेने सफदरजंग अस्पताल पहुंची थीं। उन्होंने इस वारदात को जघन्य अपराध बताते हुए आरोपितों को जल्द फांसी दिए जाने की मांग की है।
बता दें कि उन्नाव में एक और दुष्कर्म मामले में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का नाम सामने आने के बाद से उन्नाव देश भर की मीडिया की सुर्खियों में है। इस मामले में दिल्ली के ही तीस हजारी अदालत में सुनवाई हो रही है। इसमें अदालत में आरोपित पक्ष की तरफ से एक गवाह का बयान दर्ज हो चुका है।
इस सुनवाई में अदालत ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से कहा था कि पीड़ित परिवार के घर का खर्च वहन करे। वहीं परिवार को दिल्ली महिला आयोग की मदद से दिल्ली में घर मिल गया है। यह जानकारी पीड़िता के वकील धर्मेद्र कुमार मिश्र ने दी थी। घर खर्च के तौर पर फिलहाल 15 हजार रुपये जारी करने के लिए अदालत ने कहा है।