Delhi Metro Phase 4: भूमिगत मेट्रो कॉरिडोर का रास्ता साफ, जापानी कंपनी ने बढ़ाया मदद का हाथ
Delhi Metro Phase-4 News जापानी कंपनी की हामी के बाद डीएमआरसी को उम्मीद है कि लोन की प्रक्रिया को केंद्र व दिल्ली सरकार से जल्द स्वीकृति मिल जाएगी। इसके बाद भूमिगत कॉरिडोर के निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Rail Corporation) फेज चार के भूमिगत मेट्रो कॉरिडोर के निर्माण के लिए जापान की एजेंसी जायका (जापान इंटरनेशनल कॉ-ऑपरेशन एजेंसी) ने दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) को लोन देने के लिए सहमति दे दी है, इसलिए फेज चार की दो मेट्रो लाइन के भूमिगत कॉरिडोर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। डीएमआरसी को उम्मीद है कि लोन की प्रक्रिया को केंद्र व दिल्ली सरकार से जल्द स्वीकृति मिल जाएगी। इसके बाद भूमिगत कॉरिडोर के निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी।
13,500 करोड़ खर्च आएगा भूमिगत कॉरिडोर के निर्माण पर
गौरतलब है कि दिल्ली मेट्रो फेज चार के तहत दिल्ली में छह मेट्रो लाइन का निर्माण होना है। इसमें से तीन प्रमुख मेट्रो लाइन को केंद्र सरकार ने निर्माण के लिए मंजूरी दी है। इसकी कुल लंबाई 65.09 किलोमीटर है। इन तीनों मेट्रो लाइन के एलिवेटेड कॉरिडोर निर्माणाधीन हैं। एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण के खर्च का भुगतान केंद्र सरकार व दिल्ली सरकार करती है। भूमिगत कॉरिडोर के निर्माण पर खर्च अधिक आता है। दो कॉरिडोर का 27.83 किलोमीटर हिस्सा भूमिगत है। इसका निर्माण लोन की राशि से होना है। भूमिगत कॉरिडोर के निर्माण पर करीब 13,500 करोड़ खर्च आएगा।
जापान से मदद मिलने में कागजी कार्रवाई बाकी
वहीं, डीएमआरसी का कहना है कि पिछले दिनों जापान की एजेंसी ने लोन देने के लिए प्राथमिक स्वीकृति दे दी है। कुछ कागजी कार्रवाई बाकी है, सरकार के स्तर पर वह प्रक्रिया चल रही है। इस माह के अंत तक निर्माण की प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है। मौजूदा समय में दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क 350 किलोमीटर है और 254 स्टेशन हैं। फेज चार की तीन मेट्रो लाइनें बनकर तैयार होने के बाद दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क करीब 415 किलोमीटर हो जाएगा।
बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण शुरू होन के बाद से दिल्ली मेट्रो रेल का परिचालन रुक गया था। पिछले साल 6 महीने बाद 7 दिसंबर से दोबारा दिल्ली मेट्रो दौड़ रही है। कोरोना काल के दौरान मेट्रो का संचालन बंद होने से दिल्ली मेट्रो रेल निगम को 1500 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।